टोल की कीमतें बढ़गी! याद करें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का बयान-यदि आप अच्छी सड़कें चाहते हैं, तो आपको चुकानी होगी टोल की कीमत

अगले महीने से टोल प्लाजा पर शुल्क में बढ़ोतरी संभव, केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय से जल्द मिल सकती है मंजूरी
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1 अप्रैल से देश के लोगों के लिए नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर सफर करना महंगा हो जाएगा। दरअसल, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस संबंध में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को टोल प्लाजा की मौजूदा दर बढ़ाने का प्रस्ताव भेजने का मन बना लिया है। यह प्रस्ताव 25 मार्च तक मंत्रालय की परियोजना क्रियान्वयन इकाई को भेजा जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्गों से संबंधित 2008 के नियमों के तहत एनएचएआई (NHAI) की इस सिफारिश की स्वीकृति निश्चित मानी जाती है।Read Also:-काम की खबर : 'खाता( Account) हो जाएगा सस्पेंड, अपडेट करें पैन', बैंक ग्राहकों को मिल रहे इस तरह के मैसेज; सतर्क रहे

 

अगर सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय इस सिफारिश को मान लेता है तो अगले महीने की पहली तारीख से बढ़ी हुई दर देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर लागू हो जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, एनएचएआई (NHAI) ने हल्के वाहनों के लिए मौजूदा दरों में 5 फीसदी जबकि भारी वाहनों (Trucks, Bus) के लिए प्रति ट्रिप 10 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। इनके अलावा टोल प्लाजा के 20 किमी के दायरे में रहने वाले लोगों को दिए जाने वाले मासिक रियायती पास में भी 10 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव है। 

 

सस्ते और मासिक टोल पास का फायदा उठा रहे किसानों को भी टोल प्लाजा की बढ़ी हुई कीमत चुकानी होगी। मंत्रालय के राष्ट्रीय सड़क शुल्क अधिनियम 2008 के अनुसार, टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों से कम शुल्क लेने या टोल माफ करने का कोई आधिकारिक नियम नहीं है।

 

वर्तमान में देश में कुल 815 टोल प्लाजा हैं, जिनमें से 323 ऐसे हैं जहां फास्टैग के जरिए टोल वसूला जाता है, टोल प्लाजा पर वाहनों को चार्ज करने के लिए साल 2008 में नियम बनाया गया था, जिसके मुताबिक 65 पैसे प्रति किलोमीटर हल्के मोटर वाहनों और लदे वाहनों के लिए 2.20 रुपये प्रति किलोमीटर टोल निर्धारित किया गया था। हालांकि ये दरें हर साल संशोधित होती हैं, लेकिन 2008 की तुलना में 2022-23 में यानी अभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर हल्के वाहनों से 2.19 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से शुल्क लिया जा रहा है, जबकि टोल 1 अप्रैल से लागू होगा।  नई दर से कार, जीप या हल्के मोटर वाहन चलाने वालों के लिए यह शुल्क अब और बढ़ जाएगा। कमर्शियल और लोडेड वाहनों को भी टोल प्लाजा पर ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी।

 

सड़क परिवहन मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार - पिछले वित्तीय वर्ष 2022 के दौरान, सरकार ने देश भर के टोल प्लाजा से लगभग 33800 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक था। जबकि टोल संग्रह में यह वृद्धि 2018-19 की तुलना में लगभग 32 प्रतिशत है, जिसमें फास्टैग के माध्यम से लगभग 50855 करोड़ रुपये की वार्षिक आय दर्ज की गई है। 

 

एक्सप्रेस-वे पर भी खर्चा बढ़ेगा
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की टोल दरें भी बढ़ाने का प्रस्ताव है, फिलहाल इस पर रोजाना 20 हजार वाहन सफर करते हैं, लेकिन अनुमान के मुताबिक अगले कुछ महीनों में यहां से रोजाना 50 से 60 हजार वाहन गुजरेंगे। इसके अलावा ईस्टर्न पेरिफेरल, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर भी चार्जेज बढ़ाए जाएंगे, जिससे सरकार के रेवेन्यू में अब तक का हाई कलेक्शन देखा जा सकेगा। 

 

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी कई मौकों पर मीडिया के सामने यह बयान दे चुके हैं कि अगर देश के लोगों को कम समय में अच्छी सड़कों और अच्छे राजमार्गों से सफर करना है तो उन्हें उस के लिए दाम चुकाना  पड़ेगा। देश में अरबों-अरबों की लागत से हाईवे बन रहे हैं, उन पर बजट से कई गुना ज्यादा खर्च होता है, ऐसे में टोल टैक्स कम करने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता। 
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