विधि आयोग (Law Commission) ने केंद्र सरकार को E-FIR के लिए केंद्रीकृत राष्ट्रीय पोर्टल बनाने का दिया सुझाव

केंद्र सरकार पहले ही FIR के नियमों में संशोधन के लिए कानून ला चुकी है। अब Law Commission ने केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में Law Commission ने E-FIR पंजीकरण की सुविधा के लिए एक केंद्रीकृत राष्ट्रीय पोर्टल बनाने का सुझाव दिया है।
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E-FIR
ब्रिटिश काल से चली आ रही प्रथम सूचना रिपोर्ट यानी FIR को आधुनिक तकनीक के साथ सुसंगत बनाने पर चर्चा चल रही है। अब केंद्र सरकार ने न्याय व्यवस्था को सरल और आसान बनाने के लिए कानूनी व्यवस्था में बड़े बदलाव करने का फैसला किया है। इस संबंध में विधि आयोग ने चरणबद्ध तरीके से ई-एफआईआर का पंजीकरण शुरू करने की सिफारिश की है।  जिसकी शुरुआत तीन साल की जेल की सजा वाले अपराधों के बारे में बात की जा रही है।READ ALSO:-Women Reservation Law : महिला आरक्षण बिल अब बन गया कानून, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी बिल को मंजूरी

 

विधि आयोग ने केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में विधि आयोग ने E-FIR  पंजीकरण की सुविधा के लिए एक केंद्रीकृत राष्ट्रीय पोर्टल बनाने का सुझाव दिया है।

 

आपको बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा में तीन नए बिल पेश किए गए थे, जिनमें भारतीय नागरिक संहिता के तहत कई कानूनी प्रावधान किए गए थे। इनमें FIR के नियमों में बदलाव भी शामिल है। READ ALSO:-POCSO में सहमति से संबंध की उम्र 18 साल से कम नहीं होनी चाहिए, विधि आयोग (Law Commission) ने सौंपी रिपोर्ट

 

E-FIR के संबंध में सुझाव
विधि आयोग की ओर से पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि E-FIR  से FIR दर्ज होने में होने वाली देरी की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। वर्तमान में नागरिकों को कभी-कभी FIR दर्ज करने और फिर अपराध की रिपोर्ट करने में देरी का सामना करना पड़ता है।

 

विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति रितु राज अवस्थी ने कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को लिखे अपने पत्र में कहा कि प्रौद्योगिकी और सूचना संचार के साधनों के विकास के कारण तेजी से विकास हुआ है।

 

उन्होंने कहा कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी के विकास के साथ FIR पंजीकरण की पुरानी व्यवस्था आपराधिक सुधार के लिए ठीक नहीं है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीकृत पोर्टल के लॉन्च के बाद पहली बार E-FIR का पंजीकरण करना संभव होगा, जिससे नागरिकों को कई सुविधाएं मिलेंगी।

 

देश में कहीं भी FIR दर्ज कराई जा सकती है
इसके तहत अपराध चाहे देश के किसी भी हिस्से में हो, जीरो एफआईआर कहीं भी दर्ज कराई जा सकेगी। वर्तमान में जिस थाना क्षेत्र में अपराध घटित होता है। वहां पर ही एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान है। यह भी कहा गया है कि इस मामले की शिकायत 15 दिनों के भीतर संबंधित पुलिस स्टेशन को भेजी जानी चाहिए। 

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इसके साथ ही हर जिले में एक पुलिस अधिकारी होगा, वह अधिकारी किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी होने पर आरोपी के परिवार वालों को एक प्रमाणपत्र देगा। यह जानकारी आधिकारिक तौर पर और व्यक्तिगत तौर पर भी देनी होगी। 

 

इसके साथ ही FIR दर्ज होने के 90 दिन के भीतर आरोप पत्र दाखिल करना होगा और इसे एक बार 90 दिन के लिए बढ़ाया भी जा सकता है। 
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