Prajwal Revanna Sex Scandal : पहले यौन उत्पीड़न, अब वीडियो वायरल होने के बाद डर से घर छोड़ने को मजबूर; बदनामी के डर से शिकायत नहीं दी

मामला दर्ज होने के बाद भी लोगों में प्रज्वल रेवन्ना का खौफ नज़र आ रहा है। मामले में कई पीड़ित परिवार ऐसे हैं जिन्होंने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं कराई है।  लेकिन एसआईटी (SIT) को भी इनके बारे में पता है। कुछ लोगों का मानना है कि ये सब प्रज्वल रेवन्ना के डर और दबदबे के कारण हो रहा है। 
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प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ एसआईटी (SIT) जांच कर रही है। इस बीच ऐसे कई पीड़ित परिवारों की जानकारी सामने आई है। ये परिवार रेवन्ना के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं करा रहे हैं। माना जा रहा है कि इन लोगों को अपने सामाजिक बहिष्कार का डर है। जिन लोगों का वीडियो सामने आया है वो डरे हुए हैं। पता चला है कि कई लोग छुपे हुए हैं या शहर से बाहर चले गये हैं। प्रज्वल के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद भी यौन उत्पीड़न और हमले की कुछ पीड़िताएं शिकायत दर्ज कराने से झिझक रही हैं।READ ALSO:-UP : इमामगंज के नवाब की निकली हेकड़ी, 'बाबा जी मैंने ये बात नशे में कही थी', मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धमकी देने वाले का माफीनामा वायरल

 


बताया जा रहा है कि डर की वजह से और कानूनी पचड़े से बचने के लिए ये लोग अपना घर छोड़कर चले गए हैं। लोगों में अभी भी प्रज्वल का काफी डर है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें वीडियो में दिख रहे कई लोगों के बारे में पता चला है। इन लोगों को परेशान किया गया है। लेकिन ये लोग अपने घरों से बाहर भी नहीं निकल रहे हैं। या फिर जिले से बाहर चले गए हैं। इस बीच महिला सामाजिक कार्यकर्ताओं ने वीडियो क्लिप शेयर करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। महिलाओं ने कहा कि इन वीडियो पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए। 

 

महिलाओं को हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करना चाहिए
महिला कर्मी रूपा हसन ने कहा है कि कई पीड़ित महिलाओं ने अपना फोन बंद कर लिया है। वह बिना बताए कहीं चली गई है। लगातार वीडियो वायरल हो रहे हैं। जो सही नहीं है। हमने वीडियो में दिख रही महिलाओं से हेल्पलाइन पर कॉल करने या एसआईटी (SIT) से संपर्क करने की अपील की है। वीडियो में कई महिलाएं नजर आ रही हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि उन्हें वीडियो बनाए जाने की जानकारी नहीं है।  ऐसी महिलाओं को काउंसलिंग की जरूरत होती है। ओदानदी सेवा संस्थान के निदेशक केवी स्टेनली का कहना है कि वीडियो में दिख रहे लोगों और असल में पीड़ित लोगों के चेहरों का मिलान किया जाना चाहिए। साथ ही राजनेताओं और सरकारी कर्मचारियों के बीच अनुचित संबंधों की जांच की जानी चाहिए। वीडियो पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।'

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