Vijay Diwas : पाकिस्तान पर महाविजय को पूरे हुए 50 साल, PM ने वॉर मेमोरियल पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि

Vijay Divas : लेफिटनेंट जनरल आमिल अब्दुल्ला खान नाजी को सरेंडर करना पड़ा था। उस युद्ध में भारत के करीब 3900 सैनिक शहीद हुए थे। वहीं, 9851 सैनिक घायल हो गए थे। 

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vijay diwas 1971
India Vijay Diwas : Pakistan पर विजय किए भारत को आज 50 साल पूरे हो गए हैं। जिसके चलते देश विजय दिवस मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भी बृहस्पतिवार को 1971 युद्ध् में शहीद हुए जवानों को नेशनल वॉर मेमोरियल पर जाकर श्रद्धांजलि दी। बताया जा रहा है कि भातरीय सेना ने पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को घुटनों पर ला दिया था। अंत में लेफिटनेंट जनरल आमिल अब्दुल्ला खान नाजी को सरेंडर करना पड़ा था। उस युद्ध में भारत के करीब 3900 सैनिक शहीद हुए थे। वहीं, 9851 सैनिक घायल हो गए थे। 

 

भारत में आज विजय दिवस के मौके पर जगह-जगह मशाल जुलूस निकाले जा रहे हैं। पूरे देश में स्वर्णिम विजय मशाल आज नेशनल वॉर मेमोरियल (National War Memorial) पर पहुंची। पीएम मोदी ने इन्हें मुख्य मशाल के साथ जोड़ा।

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प्रधानमंत्री ने विजय दिवस के मौके पर ट्वीट भी किया है। पीएम ने लिखा कि  ''मैं 50वें विजय दिवस पर मैं मुक्तियोद्धाओं, वीरांगनाओं और भारतीय सशस्त्र बलों के वीरता और बलिदान को याद करता हूं। हमने साथ मिलकर दमनकारी ताकतों से लड़ाई लड़ी और उन्हें हराया।'' 

 

राष्ट्रपति हैं बाग्लादेश की यात्रा पर

जानकारी हो कि दो दिन पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Prsident Ramnath Kovind) दो दिन पहले बांग्लादेश (Bangladesh) की यात्रा पर हैं। बुधवार को राष्ट्रपति कोविंद ने बाग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि विजय दिवस के मौके पर राष्ट्रपति की बांग्लादेश की यात्रा अहम है।

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16 दिसंबर को भारत ने बांग्लादेश को दिलाई आजादी

जानकारी हो कि 16 दिसंबर 1971 को भारत ने बांग्लादेश को आजादी दिलाई थी। पहले यह देश पाकिस्तान (Pakistan) का हिस्सा था और इसे पूर्वी पाकिस्तान के नान से जाना जाता था। पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) पर भारत की जीत और बांग्लादेश के गठन की वजह से हर साल 16 दिसंबर को भारत और बांग्लादेश में विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

 

भारत के 3900 सैनिक शहीद हुए

1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को हराते हुए जीत का जश्न मनाया था। वहीं, इस युद्ध में करीब 3900 भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे जबकि करीब 9851 सैनिक घायल हुए थे।

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पाकिस्तानी कमांडर के पास थी 26400 की सेना

जब 1971 में युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी (Pakistan Army Commander Lt Gen AAK Niazi) के पास ढाका में करीब 26400 सैनिक थे। इसके बावजूद भारतीय सैनिकों ने युद्ध पर पूरी तरह पकड़ बना ली थी। भारतीय सैनिकों ने 93 हजार सैनिकों को घुटनों पर टिका दिया था। 

 

उस शाम करीब साढ़े चार बजे लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा (Lt Gen Jagjit Singh Arora) ढाका पहुंचे और नियाजी के साथ एक टेबल पर बैठ आत्मसमर्पण के दस्तावेजों पर दस्तखत किया। इसके बाद नियाजी ने अपना रिवॉल्वर जनरल अरोड़ा के हाथ में थाम दिया। इतना ही नहीं, स्थानीय लोग पाकिस्तानी कमांडर नियाजी की हत्या पर तुले थे। भारतीय सेना ने उन्हें किसी तरह बाहर निकाला।

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