विपक्षी गठबंधन का नया नाम हो सकता है India, RJD ने कहा- BJP को अब इंडिया कहने में होगी तकलीफ, TMC ने कहा- चक दे इंडिया
#WATCH | Karnataka | Ahead of the second day of Opposition leaders' meeting in Bengaluru, posters and banners targetting Bihar CM Nitish Kumar were put up at Bengaluru's Chalukya Circle, Windsor Manor Bridge and on the Airport road near Hebbal. pic.twitter.com/y6wCro7SXF
— ANI (@ANI) July 18, 2023
इन अहम बिंदुओं पर आज फैसला संभव:-
समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि कांग्रेस चाहती है कि सोनिया गांधी विपक्षी दलों की अध्यक्ष बनें। कारण यह है कि सोनिया सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी की नेता हैं और प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवार भी नहीं हैं। पटना में हुई बैठक में कुछ लोगों ने नीतीश कुमार को संयोजक बनाने का प्रस्ताव दिया था। अगर सभी दल इस पर सहमत होंगे तो कांग्रेस भी इसे स्वीकार करेगी।
#WATCH | Karnataka | NCP chief Sharad Pawar arrives in Bengaluru. The second day of the joint Opposition meeting is scheduled for today. pic.twitter.com/5YyqIqXRcs
— ANI (@ANI) July 18, 2023
2024 के चुनाव में विपक्षी दलों की एकजुटता के लिए संयोजक बनाया जाएगा। कौन से मुद्दे उठाने हैं और क्या रुख होगा, इसके लिए अलग-अलग ग्रुप बनेंगे और वही तय करेंगे। कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर भी फैसला ऐसा ही होगा।
#WATCH | NCP chief Sharad Pawar and CPI General Secretary D Raja arrive for the second day of the joint Opposition meeting in Bengaluru, Karnataka. pic.twitter.com/rkNw5UYjoS
— ANI (@ANI) July 18, 2023
चुनाव कैसे लड़ा जाएगा, मोदी VS नेता या कुछ और
सूत्रों ने बताया कि विपक्षी दल आम चुनाव को मोदी बनाम विपक्षी नेता बनाने के पक्ष में नहीं हैं। उनका मानना है कि इस चुनाव को मोदी बनाम जनता का रूप दे देना चाहिए। इसके लिए समसामयिक मुद्दों पर फोकस करना चाहिए।
#WATCH | Congress Parliamentary Party Chairperson Sonia Gandhi, Congress President Mallikarjun Kharge, and party leader Rahul Gandhi arrive for the second day of the joint Opposition meeting in Bengaluru, Karnataka. pic.twitter.com/GJ1WVp5s2e
— ANI (@ANI) July 18, 2023
BJP और मोदी के खिलाफ रणनीति
सूत्रों के मुताबिक संयोजक के अलावा 2-3 ग्रुप बनाने का विचार है। इनके जरिए मोदी के खिलाफ उठाए जाने वाले मुद्दों पर फैसला लिया जाएगा। यह ग्रुप तय करेगा कि किन मुद्दों पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना है। यह भी तय किया जाएगा कि किन मुद्दों पर स्टैंड नहीं लेना है, ताकि BJP ध्रुवीकरण के लिए उनका फायदा न उठा सके।
एक प्रस्ताव यह भी है कि एक ग्रुप बनाया जाए जो राज्यों में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय करेगा। इतने कम समय में 26 विपक्षी दलों के नेताओं के बीच बैठक नहीं हो सकती। ऐसे में एक ग्रुप बनाया जाना चाहिए जो सभी के बीच समन्वय बनाए रखे।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम जानते हैं कि राज्य स्तर पर हमारे बीच कुछ मतभेद हैं। लेकिन ये मतभेद इतने बड़े नहीं हैं कि हम इन्हें पीछे छोड़कर उन लोगों के लिए आगे न बढ़ सकें जो कुचले जा रहे हैं। हर संस्था को विपक्ष के खिलाफ हथियार बना दिया गया है। इस बैठक को आयोजित करने के पीछे हमारा उद्देश्य संविधान, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय की रक्षा करना है।
इस बार विपक्षी कुनबे को और मजबूत करने के लिए 8 और पार्टियों को आमंत्रित किया गया है। इनमें मरुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (MDMK), कोंगु देसा मक्कल काची (KDMK), विदुथलाई चिरुथिगल काची (VCK), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP), ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML), केरल कांग्रेस (JOSEPH) शामिल हैं। और केरल कांग्रेस (Mani)) सहमत हो गए हैं। इन नई पार्टियों में से KDMK और MDMK 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के साथ थे।
देश में आपातकाल के बाद पहली बार 1977 में विपक्षी नेता एक साथ आए। तब मोरारजी देसाई के नेतृत्व में पहली गैर-कांग्रेसी सरकार बनी। फिर कई पार्टियां एक साथ आईं। जनता पार्टी का गठन जयप्रकाश नारायण की पहल पर हुआ था। जनता पार्टी ने भी चुनाव जीतकर सरकार बनाई, लेकिन उस चुनाव में भी किसी को प्रधानमंत्री पद के लिए चेहरा नहीं बनाया गया।