मनीष सिसोदिया को SC से मिली जमानत, 17 महीने से जेल में बंद थे, कोर्ट ने कहा-बिना ट्रायल के नहीं दी जा सकती सजा
मनीष सिसोदिया आज शाम तक जेल से बाहर आ सकते हैं। राउज एवेन्यू कोर्ट में 10 लाख रुपये (ED and CBI)) का बेल बॉन्ड भरने के बाद स्पेशल कोर्ट जेल से रिहाई का वारंट जारी करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को शर्तों के साथ जमानत दी है।
Updated: Aug 9, 2024, 14:48 IST
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दिल्ली शराब नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को जमानत दे दी। वह 26 फरवरी 2023 से ईडी की हिरासत में थे। बता दें कि इस मामले में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथ की बेंच ने तीन दिन पहले आदेश सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी थी।
मनीष सिसोदिया को 10 लाख रुपये का बॉन्ड भरना होगा। मनीष सिसोदिया को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निचली और हाईकोर्ट जमानत के मामले में सुरक्षित खेल रही है। सजा के तौर पर जमानत देने से इनकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि अब यह समझने का समय आ गया है कि जमानत एक नियम है और जेल अपवाद। कोर्ट ने सिसोदिया को तीन शर्तों पर जमानत दी है। पहली- उन्हें अपना पासपोर्ट सरेंडर करना होगा। दूसरी- उन्हें 10 लाख रुपये का बॉन्ड भरना होगा। तीसरी- उन्हें दो जमानतदार पेश करने होंगे।
VIDEO | "After a long wait of 17 months, we have got this victory. I would like to ask PM Modi and BJP - how long are they going to continue doing vendetta politics? This (SC's order) is tight slap on 'Tanashahi' government," says AAP MP Sanjay Singh (@SanjayAzadSln) on Supreme… pic.twitter.com/OcPc0jf4fZ
— Press Trust of India (@PTI_News) August 9, 2024
मुख्यमंत्री ऑफिस में जाने से नहीं रोका जा सकता
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जांच एजेंसियों की ओर से पेश हुए ASG एसवी राजू ने कहा कि मनीष सिसोदिया को दिल्ली के सीएम ऑफिस में जाने से रोका जाना चाहिए। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम इसकी इजाजत नहीं दे सकते। आजादी का मामला हर दिन मायने रखता है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
मनीष सिसोदिया की जमानत पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट को 6 से 8 महीने का समय दिया गया था लेकिन सुनवाई पूरी नहीं हुई. ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट को समझना चाहिए कि जमानत नियम है और जेल अपवाद है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल पूरा किए बिना किसी को जेल में रखकर सजा नहीं दी जा सकती.
मनीष सिसोदिया की जमानत पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट को 6 से 8 महीने का समय दिया गया था लेकिन सुनवाई पूरी नहीं हुई. ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट को समझना चाहिए कि जमानत नियम है और जेल अपवाद है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल पूरा किए बिना किसी को जेल में रखकर सजा नहीं दी जा सकती.
ईडी और सीबीआई ने दलील दी थी कि सिसोदिया को जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने नियमों की अनदेखी की। ट्रायल में देरी ठीक नहीं है। कोर्ट ने कहा कि उनके सीएम ऑफिस जाने पर कोई रोक नहीं है। मनीष सिसोदिया सचिवालय जा सकते हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि मनीष सिसोदिया को अपना पासपोर्ट जमा करना होगा।
26 फरवरी को हुई थी गिरफ्तारी
मामले में पिछली सुनवाई 29 जुलाई को हुई थी। इसमें ईडी ने हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी थी। बता दें कि मनीष सिसोदिया को पिछले साल 26 फरवरी को सीबीआई और 9 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के दो दिन बाद सिसोदिया ने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।
मामले में पिछली सुनवाई 29 जुलाई को हुई थी। इसमें ईडी ने हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी थी। बता दें कि मनीष सिसोदिया को पिछले साल 26 फरवरी को सीबीआई और 9 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के दो दिन बाद सिसोदिया ने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।