प्रज्ञान के बगल में स्लीप मोड पहुंचा लैंडर विक्रम, ISRO ने बताया अब आगे क्या कर ने वाली है ये जोड़ी?

ISRO ने कहा कि लैंडर का रिसीवर ऑन रखा गया है और सौर ऊर्जा खत्म होने के बाद विक्रम लैंडर रोवर प्रज्ञान के बगल में स्लीप मोड में पहुंच गया है। अब सभी को उम्मीद है कि 22 सितंबर को विक्रम और प्रज्ञान फिर से एक्टिव होंगे। 
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ISRO
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा भेजे गए चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान के बाद अब लैंडर विक्रम भी स्लीप मोड में चला गया है। इसरो वैज्ञानिकों के मुताबिक चंद्रयान-3 ने अपना काम पूरा कर लिया है। चंद्रयान से जितनी उम्मीद थी उससे भी बेहतर नतीजे देखने को मिले हैं। इस जानकारी के साथ इसरो ने 'मून हॉप' की एक खास तस्वीर भी शेयर की है।READ ALSO:-अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं...G20 शिखर सम्मेलन के बीच भी दिल्ली दौड़ती रहेगी, बस कुछ इन बातों का जरूर रखें ध्यान

 चांद की सतह पर रोवर विक्रम के रोटेशन का वीडियो लैंडर विक्रम के कैमरे बनाया गया है। इसरो ने इसे 31 अगस्त को शेयर किया था।

ISRO ने चंद्रमा की धरती पर मौजूद रोवर प्रज्ञान और लैंडर विक्रम के बारे में जानकारी देते हुए ट्वीट किया है। ट्वीट के जरिए बताया गया है कि भारतीय समय के मुताबिक आज सुबह 8 बजे विक्रम लैंडर को स्लीप मोड में भेज दिया गया है।  वैज्ञानिकों ने बताया कि लैंडर रिसीवर को ऑन रखा गया है और सौर ऊर्जा खत्म होने के बाद विक्रम लैंडर रोवर प्रज्ञान के बगल में स्लीप मोड में पहुंच गया है। अब सभी को उम्मीद है कि 22 सितंबर को विक्रम और प्रज्ञान फिर से एक्टिव होंगे। 

 


14 जुलाई को लॉन्च हुए चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान और लैंडर विक्रम ने अब तक काम पूरा कर लिया है। रोवर ने अब तक जो भी जानकारी पृथ्वी पर भेजी है, उसका अध्ययन किया जा रहा है। बता दें कि रोवर प्रज्ञान ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ऑक्सीजन के साथ एल्यूमीनियम, लोहा, टाइटेनियम, कैल्शियम, मैंगनीज, सिलिकॉनोल और सल्फर का पता लगाया है। इस खोज के साथ ही भारत दुनिया का पहला देश बन गया है जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ऑक्सीजन होने का प्रमाण दिया है। इसरो का अगला पड़ाव चंद्रमा के इस हिस्से में जीवन के सबूत ढूंढना है।

 

इसरो वैज्ञानिकों ने 23 अगस्त की शाम 6:30 बजे चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रचा था। लैंडर विक्रम के चंद्रमा पर उतरने के करीब चार घंटे बाद रोवर प्रज्ञान ने चंद्रमा पर कदम रखा था। रोवर प्रज्ञान ने पिछले 10 दिनों में चंद्रमा पर शिवशक्ति बिंदु से 100 मीटर की दूरी तय की है जहां लैंडर विक्रम ने कदम रखा था। 10 दिन का सफर पूरा करने के बाद अब यह स्लीप मोड में चला गया है।

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