क्या अब 2000 के बाद 200 रुपए के नोट पर RBI की नजर? बाजार से अचानक वापस लिए गए 137 करोड़ रुपए....
हाल ही में रिजर्व बैंक ने भारतीय बाजार से 2,000 रुपये के नोट को वापस लेकर उसे चलन से बाहर कर दिया है। इसके साथ ही अब खबर यह भी आ रही है कि रिजर्व बैंक ने 200 रुपये के नोट को भी हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मिली जानकारी के मुताबिक पिछले 6 महीने में रिजर्व बैंक ने 137 करोड़ रुपये के 200 रुपये के नोट बाजार से वापस ले लिए हैं।
Oct 8, 2024, 16:26 IST
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अभी हाल ही में रिजर्व बैंक ने भारतीय बाजार से 2,000 रुपये के नोट को वापस लेकर उसे चलन से बाहर कर दिया है। इसके साथ ही अब खबर यह भी आ रही है कि रिजर्व बैंक ने 200 रुपये के नोट को भी हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मिली जानकारी के मुताबिक पिछले 6 महीने में रिजर्व बैंक ने 137 करोड़ रुपये के 200 रुपये के नोट बाजार से वापस लिए हैं। READ ALSO:-बेटे के साथ डांस करते समय गरबा किंग को आया हार्ट अटैक, मौके पर ही मौत…बस पिता को देखता रह गया मासूम, मौत का लाइव वीडियो वायरल
ऐसे में हर किसी के मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि आखिर रिजर्व बैंक ऐसा क्यों कर रहा है। हालांकि घबराने की जरूरत नहीं है। रिजर्व बैंक ने न तो 200 रुपये के नोट को बंद करने का फैसला किया है और न ही ऐसी कोई योजना है।
कारण: नोटों की खराब हालत
दरअसल, बाजार से नोट वापस बुलाने की मुख्य वजह इन नोटों की खराब हालत है। रिजर्व बैंक ने अपनी छमाही रिपोर्ट में बताया है कि इस बार 200 रुपये के नोट सबसे ज्यादा खराब पाए गए हैं। इस वजह से इनकी संख्या कम करनी पड़ी। कुछ नोट सड़े हुए थे और कुछ पर कुछ लिखा होने के कारण प्रचलन से बाहर किए गए।
दरअसल, बाजार से नोट वापस बुलाने की मुख्य वजह इन नोटों की खराब हालत है। रिजर्व बैंक ने अपनी छमाही रिपोर्ट में बताया है कि इस बार 200 रुपये के नोट सबसे ज्यादा खराब पाए गए हैं। इस वजह से इनकी संख्या कम करनी पड़ी। कुछ नोट सड़े हुए थे और कुछ पर कुछ लिखा होने के कारण प्रचलन से बाहर किए गए।
पिछले वर्ष का अनुभव
पिछले साल भी रिजर्व बैंक ने 135 करोड़ रुपये के 200 रुपये के नोट प्रचलन से वापस लिए थे। तब भी कारण वही था, ये नोट गंदे, फटे और सड़े हुए थे। हालांकि, मूल्य के लिहाज से देखा जाए तो सबसे ज्यादा खराब होने वाले नोट 500 रुपये के थे।
पिछले साल भी रिजर्व बैंक ने 135 करोड़ रुपये के 200 रुपये के नोट प्रचलन से वापस लिए थे। तब भी कारण वही था, ये नोट गंदे, फटे और सड़े हुए थे। हालांकि, मूल्य के लिहाज से देखा जाए तो सबसे ज्यादा खराब होने वाले नोट 500 रुपये के थे।
सबसे ज्यादा असर 500 रुपये के नोटों पर
रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में 500 रुपये के 633 करोड़ रुपये के नोट वापस लिए गए। ये नोट खराब होने या फटे होने के कारण वापस लिए गए। इस साल की पहली छमाही में 500 रुपये के नोटों की संख्या पिछले साल के मुकाबले 50 फीसदी कम है, जबकि 200 रुपये के नोटों की संख्या में 110 फीसदी का इजाफा हुआ है।
रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में 500 रुपये के 633 करोड़ रुपये के नोट वापस लिए गए। ये नोट खराब होने या फटे होने के कारण वापस लिए गए। इस साल की पहली छमाही में 500 रुपये के नोटों की संख्या पिछले साल के मुकाबले 50 फीसदी कम है, जबकि 200 रुपये के नोटों की संख्या में 110 फीसदी का इजाफा हुआ है।
छोटे नोटों पर भी कार्रवाई
आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि सिर्फ बड़ी करेंसी ही नहीं, बल्कि छोटे नोटों की संख्या भी काफी ज्यादा है। निम्नलिखित कार्रवाई की गई:
आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि सिर्फ बड़ी करेंसी ही नहीं, बल्कि छोटे नोटों की संख्या भी काफी ज्यादा है। निम्नलिखित कार्रवाई की गई:
- 5 रुपये के 3.7 करोड़ नोट
- 10 रुपये के 234 करोड़ नोट
- 20 रुपये के 139 करोड़ नोट
- 50 रुपये के 190 करोड़ नोट
- 100 रुपये के 602 करोड़ नोट
इस प्रकार, रिजर्व बैंक द्वारा उठाए गए इस कदम का मुख्य उद्देश्य बाजार में नोटों की गुणवत्ता को बनाए रखना है। खराब नोटों को वापस लेने से लोगों को बेहतर और साफ-सुथरे नोट इस्तेमाल करने का मौका मिलता है।