भारत के आदित्य का सूर्य को 'नमस्कार', इसरो ने अंतरिक्ष में रचा इतिहास, L-1 बिंदु पर भारत का सौर मिशन

 इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV-C57) ने 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) के दूसरे लॉन्च पैड से आदित्य-एल1 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया।
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ADITY L-1
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक बार फिर इतिहास रचा है। आज यानी शनिवार को इसरो ने अपने 'Aditya-L1' अंतरिक्ष यान को धरती से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर लैग्रेंज प्वाइंट 1 पर हेलो ऑर्बिट में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है। सूर्य का अध्ययन करने के लिए पिछले साल 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा से Aditya-L1 लॉन्च किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसरो की इस उपलब्धि पर बधाई दी है।READ ALSO:-मौसम अपडेट: शिमला-मसूरी जैसी कड़ाके की ठंड, दिन में धूप न निकलने से बढ़ी ठंड, मौसम विभाग ने 9 जनवरी को किया अलर्ट

 


लैग्रेंज बिंदु वह क्षेत्र है जहां पृथ्वी और सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण निष्क्रिय हो जाता है। अंतरिक्ष यान इसके चारों ओर प्रभामंडल कक्षा में रहेगा और वहां से इसरो को सूर्य से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा। L1 बिंदु पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी का लगभग एक प्रतिशत है। हेलो ऑर्बिट में उपग्रहों से सूर्य को लगातार देखा जा सकता है। इसलिए, इस कक्षा में रहने से आदित्य एल1 को वास्तविक समय में सूर्य की गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके प्रभाव से संबंधित जानकारी एकत्र करने में मदद मिलेगी।

ISRO के इस मिशन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसरो के इस आदित्य एल1 मिशन का मुख्य उद्देश्य सूर्य का अध्ययन करना है। यह सूर्य की सतह पर होने वाले सौर भूकंपों, सौर ज्वालाओं से जुड़ी गतिविधियों और पृथ्वी के निकट अंतरिक्ष में मौसम से जुड़े रहस्यों को समझेगा। सूर्य के वातावरण के बारे में जानकारी दर्ज करेगा। दुनिया भर के वैज्ञानिक सूर्य के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं जुटा पाए हैं। इसका मुख्य कारण सूर्य का बहुत अधिक तापमान होना है। तापमान की वजह से कोई भी सैटेलाइट इसके करीब पहुंचने से पहले ही जलकर राख हो जाएगा। 

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सूरज के तापमान से खुद को कैसे बचाएगा Aditya-L1?
इसरो द्वारा विकसित Aditya-L1 में अत्याधुनिक ताप प्रतिरोधी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसके बाहरी हिस्से पर विशेष कोटिंग की गई थी जो इसे सूरज की तेज़ गर्मी से बचाएगी। इसके साथ ही इसमें एक मजबूत हीट शील्ड भी लगाई गई है जो इसे उच्च तापमान से बचाएगी। सूरज के तापमान से बचाने के लिए इसमें कई अन्य उपकरण भी लगाए गए हैं।

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L1 पॉइंट क्यों है खास?
L1 बिंदु इसलिए भी खास है क्योंकि जब भी अंतरिक्ष के मौसम में सूर्य की गतिविधियों में कोई बदलाव होता है तो वह पृथ्वी से टकराने से पहले इसी बिंदु पर दिखाई देता है। ऐसे में ये जानकारी वैज्ञानिकों के लिए काफी अहम साबित हो सकती है। आदित्य एल वन पृथ्वी के निकट अंतरिक्ष वातावरण पर भी नजर रखेगा, जिससे अंतरिक्ष मौसम पूर्वानुमान मॉडल बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा।
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