ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष की जीत, सुप्रीम कोर्ट ने सील इलाके में दिया टैक की सफाई का आदेश

ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सील किए गए इलाके में टैंक की सफाई का आदेश दिया है। दरअसल, इस मामले में हिंदू पक्ष की ओर से 2 जनवरी को कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस याचिका के जरिए हिंदू पक्ष ने सील किए गए इलाके में टैंक की सफाई करने की इजाजत मांगी थी। दरअसल हिंदू पक्ष का कहना था कि टैंक की सफाई नहीं होने से मछलियां मर रही हैं। 
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ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सील किए गए इलाके में टैंक की सफाई का आदेश दिया है। दरअसल, इस मामले में हिंदू पक्ष की ओर से 2 जनवरी को कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस याचिका के जरिए हिंदू पक्ष ने सील किए गए इलाके में टैंक की सफाई करने की इजाजत मांगी थी।  दरअसल हिंदू पक्ष का कहना था कि टैंक की सफाई नहीं होने से मछलियां मर रही हैं।READ ALSO:-श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट की रोक; हाईकोर्ट ने सर्वे का दिया था आदेश

 

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सील किए गए इलाके की सफाई की मांग वाली याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। हिंदू पक्ष ने याचिका दायर कर ज्ञानवापी के सील इलाके को खोलने और तत्काल सफाई की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्ष की मांग मान ली है और सफाई का आदेश दिया है। कोर्ट ने जिलाधिकारी की निगरानी में सफाई की इजाजत दे दी है। 

 

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मस्जिद पक्ष ने कहा कि उन्हें इस याचिका पर कोई आपत्ति नहीं है। हिंदू पक्ष ने कथित शिवलिंग के टैंक में मछलियों की मौत के बाद फैली गंदगी को तुरंत साफ करने की मांग की थी। हिंदू पक्ष का कहना है कि चूंकि हमारी आस्था के मुताबिक वहां पर शिवलिंग मौजूद है और शिवलिंग को किसी भी तरह की गंदगी और मृत जीव-जंतुओं से दूर रखना जरूरी है। इतनी गंदगी के बीच शिवलिंग की मौजूदगी असंख्य शिवभक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है।

 

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया था कि सुप्रीम कोर्ट की सूची के मुताबिक इस मामले की सुनवाई 19 जनवरी को होनी है। बेहतर होगा कि कोर्ट सुनवाई के लिए पहले की तारीख दे दे। चीफ जस्टिस ने कहा कि आप इसके लिए एक ईमेल भेजें और मामले को रजिस्ट्री के सामने रखें।  हम देखेंगे कि मामले को सुनवाई के लिए कब सूचीबद्ध किया जा सकता है।

 

मामला 350 साल पुराना है
वहीं, हिंदू पक्ष ने उस स्थान पर मंदिर को बहाल करने की मांग की है जहां वर्तमान में ज्ञानवापी मस्जिद स्थित है। हिंदू पक्ष के मुताबिक ज्ञानवापी मस्जिद मंदिर का ही एक हिस्सा है। आपको बता दें कि ज्ञानवापी परिसर का विवाद करीब 350 साल पुराना है जब मुगल बादशाह औरंगजेब का शासन हुआ करता था। हिंदू पक्ष का कहना है कि 1669 में औरंगजेब के आदेश पर मंदिर को तोड़कर वहां मस्जिद बनाई गई थी। 

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21 जुलाई 2023 को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण ने सीलबंद वजूखाने को छोड़कर ज्ञानवापी परिसर में सर्वे का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त को ASI सर्वे को मंजूरी दे दी। इस दौरान कोर्ट ने यह भी साफ किया कि अगर किसी भी मामले में सर्वे से स्थिति स्पष्ट हो तो किसी भी पक्ष को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। 
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