हाईवे बनेगा डिजिटल, नीचे दौड़ेगा लाइट से तेज इंटरनेट, हाईटेक बनेगी 10 हजार किमी लंबी सड़क, इन राज्यों से गुजरेगी
पुरे देश में 10,000 किमी लंबी सड़कों को हाईटेक बनाया जाएगा। इसकी शुरुआत दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से होगी. इसे डिजिटल हाईवे के नाम से जाना जाएगा।
Oct 23, 2023, 15:22 IST
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राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) देश में 10,000 किलोमीटर लंबा डिजिटल हाईवे बनाएगा। डिजिटल हाईवे का निर्माण शुरू करने के लिए दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और हैदराबाद-बैंगलोर कॉरिडोर का चयन किया गया है। NHAI ने 2025 तक देशभर में 10,000 किमी सड़कों पर ऑप्टिक फाइबर केबल बिछाने का लक्ष्य रखा है। आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि डिजिटल हाईवे क्या होता है? इससे किसी को क्या फायदा होने जा जा रहा है?READ ALSO:-UP : 'हत्या की सुपारी के लिए संपर्क करें', सोशल मीडिया पोस्ट से उत्तर प्रदेश पुलिस के उड़े होश जांच हुई तो पता चला...
ऐसे ही कुछ अहम् सवालों के जवाब आपको आज यहां मिलेंगे। सबसे पहले बात करते हैं कि डिजिटल हाइवे किसे कहते हैं। डिजिटल राजमार्ग या सड़कें डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म हैं जो रणनीतिक सड़क नेटवर्क को बेहतर बनाने के लिए प्रौद्योगिकी, डेटा और कनेक्टिविटी का उपयोग करते हैं। इसमें डिज़ाइन, निर्माण, संचालन और इसके उपयोग में सुधार किया जाता है। यह सुरक्षित यात्रा, तेज़ डिलीवरी और सड़क पर बेहतर अनुभव प्रदान करता है।
डिजिटल हाईवे बनाने का काम ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) के जरिए किया जाएगा। ये तार चयनित एक्सप्रेसवे और राजमार्गों पर बिछाए जाएंगे। इससे आसपास के इलाकों में भी इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ेगी। ऑप्टिकल फाइबर में ट्यूब होते हैं जिनमें कांच और प्लास्टिक के छोटे तार होते हैं। इनके माध्यम से सामान्य तारों की तुलना में प्रकाश के माध्यम से अधिक तेजी से सूचना भेजी जा सकती है। इसका निर्माण नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। यह कंपनी NHAI की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई है।
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर 1367 किलोमीटर और हैदराबाद-बैंगलोर कॉरिडोर पर 512 किलोमीटर को चुना गया है। इससे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना के दूरदराज के इलाकों में हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। NHAI की योजना संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों से मेल खाती है। इसमें 2030 तक सभी को सुरक्षित, सस्ती, सुलभ और टिकाऊ परिवहन व्यवस्था उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।
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