ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट में दावा-मस्जिद से पहले था मंदिर, हिंदू पक्ष ने कहा- स्वस्तिक, नाग देवता और कमल पुष्प के निशान; 4 भाषाओं में लेखन भी मिला

ज्ञानवापी की ASI सर्वे रिपोर्ट के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने गुरुवार को दावा किया कि 'मौजूदा ढांचे से पहले वहां एक मंदिर था। ज्ञानवापी मस्जिद की पश्चिमी दीवार मंदिर का अवशेष है। 92 दिनों तक ASI ने ज्ञानवापी परिसर का सर्वे किया था। 
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ज्ञानवापी मामले की ASI सर्वे रिपोर्ट की कॉपी हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों को मिल गई है। हिंदू पक्ष की ओर से वकील विष्णु जैन ने कॉपी ली है। सर्वे रिपोर्ट 839 पेज की है। ASI ने 92 दिनों तक ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण किया था। रिपोर्ट मिलने के बाद विष्णु जैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद में स्वास्तिक के निशान, नाग देवता के निशान, कमल के फूल के निशान, घंटी के निशान, ओम लिखे निशान, टूटे हुए खंडित हिंदू देवी-देवता के निशान मिले हैं। मूर्तियाँ बड़ी संख्या में मिली हैं। मंदिर के टूटे हुए खंभों के अवशेष भी मिले हैं।READ ALSO:-अयोध्या में आठ साल के मासूम बच्चे की अपहरण के बाद हत्या, पिता ने जमीन विवाद में मर्डर का आरोप लगाया, अखिलेश यादव ने सरकार पर साधा निशानाR

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अधिवक्ता विष्णु जैन ने एएसआई सर्वेक्षण रिपोर्ट पढ़ते हुए कहा कि जीपीआरएस (Ground Penetrate Radar System) के माध्यम से किए गए सर्वेक्षण में खंडित शिवलिंग पाए गए हैं। फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, 3डी इमेज और रासायनिक प्रक्रियाओं के जरिए किए गए सर्वे में अहम सबूत मिले हैं। सभी साक्ष्य वैज्ञानिक परीक्षण के आधार पर संकलित किये गये। अध्ययन दल ने तीनों गुंबदों की भी जांच की. टीम ने शौचालय को छोड़ कर हर जगह की बारीकी से जांच की। 

 


हिंदू मंदिर जैसे दिखते हैं ज्ञानवापी मस्जिद के खंभे- सर्वे रिपोर्ट
विष्णु जैन ने बताया कि एएसआई टीम ने अपने हाईटेक उपकरणों के जरिए ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिली कलाकृतियों और मूर्तियों के काल का पता लगाया था। सर्वेक्षण में विभिन्न बिंदुओं पर मंदिर के वास्तुकार सामने आये हैं। मस्जिद के तहखानों में सनातन धर्म से जुड़े साक्ष्य भी मिले हैं। तहखाने के अंदर खंभों पर हिंदू धर्म से जुड़ी कई कलाकृतियां मिली हैं। सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि मस्जिद के खंभे किसी हिंदू मंदिर के खंभे जैसे दिखते हैं। 

 

तहखाने में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों के अवशेष
विष्णु जैन ने बताया कि 34 स्थानों पर देवनागरी, कन्नड़ और तेलुगु शिलालेख मिले हैं। इससे पता चलता है कि मस्जिद बनाने में मंदिर के ही हिस्से का इस्तेमाल किया गया है। रिपोर्ट में महामुक्ति मंडप का भी जिक्र किया गया है। सर्वे में एक शिलालेख मिला है, जिसमें लिखा है कि औरंगजेब ने कहा था कि मंदिर को तोड़ देना चाहिए।  मस्जिद बनाने के लिए मंदिर के खंभों का दोबारा इस्तेमाल किया गया है। तहखाने में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों के अवशेष मिले हैं।

 

रिपोर्ट में 1669 में विश्वनाथ मंदिर के विध्वंस का जिक्र है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्जिद की पश्चिमी दीवार एक हिंदू मंदिर का हिस्सा है। वैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, एक मंदिर के ऊपर एक मस्जिद का निर्माण किया गया है। एएसआई के सर्वे के दौरान एक पत्थर भी मिला, जिसका रिकॉर्ड पहले से ही एएसआई के पास था। यह पत्थर मस्जिद के अंदर मिला था, इस पर लिखे शब्द मिटा दिए गए हैं। इस पत्थर पर 1669 में औरंगजेब के आदेश पर विश्वनाथ मंदिर को तोड़े जाने का जिक्र है। 

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17वीं सदी में मंदिर तोड़कर बनाई गई थी मस्जिद- सर्वे रिपोर्ट
जनार्दन, रुद्र और उमेश्वर के नाम के शिलालेख मिले हैं। महामुक्ति मंडप लिखा एक शिलालेख मिला है, इसे महत्वपूर्ण माना जाता है। विष्णु जैन ने कहा कि पश्चिमी दीवार साबित करती है कि मस्जिद हिंदू मंदिर का हिस्सा है। ऐसा लगता है कि मस्जिद का निर्माण 17वीं शताब्दी में एक हिंदू मंदिर को तोड़कर किया गया था। पता चला है कि मस्जिद से पहले यहां एक हिंदू मंदिर मौजूद था। विष्णु जैन ने कहा कि ASI ने यह भी साफ कर दिया है कि जहां ज्ञानवापी मस्जिद है, वहां 17वीं सदी से पहले एक हिंदू मंदिर था। 
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