पिता ने घर से निकाला, करना पड़ा गलत काम...जानिए कौन हैं मानवी मधु कश्यप? रच दिया अनोखा इतिहास, बनी देश की पहली ट्रांसजेंडर दारोगा

बिहार की मानवी मधु कश्यप पहली ट्रांसजेंडर सब इंस्पेक्टर बन गई हैं, लेकिन उनके संघर्ष की कहानी आपको इमोशनल कर देगी, क्योंकि जब पता चला कि वह ट्रांसजेंडर हैं तो उन्हें अपना घर छोड़ना पड़ा और फिर उनका सामना जिंदगी और दुनिया की उन हकीकतों से हुआ जिसने मानवी मधु कश्यप तोड़कर रख दिया।
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Bihar First Transgender Daroga
अगर सपनों को पंख लग जाएं और अलग पहचान बनाने का जुनून हो तो इस दुनिया में इतिहास रचा जा सकता है। ऐसा ही एक अनोखा इतिहास रच दिया है मानवी मधु कश्यप ने, जो देश की पहली ट्रांसजेंडर सब इंस्पेक्टर बनी हैं। उनके संघर्ष की कहानी इतनी दर्दनाक है कि आपकी आंखें भर आएंगी। बिहार पुलिस सब इंस्पेक्टर सेवा आयोग (BPSSC) ने पुलिस सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है।Read also:-उत्तर प्रदेश में इन उम्र वालों को बार और क्लबों में नहीं परोसी जाएगी शराब, आबकारी मंत्री का सख्त आदेश

 

1275 अभ्यर्थी पास हुए हैं, जिनमें 3 ट्रांसजेंडर हैं। इनमें भी 2 ट्रांसमैन और एक ट्रांसवुमन हैं। भर्ती में ट्रांसजेंडर के लिए 5 पद आरक्षित थे, लेकिन सिर्फ 3 ट्रांसजेंडर ही परीक्षा पास कर पाए। रिजल्ट जारी होने पर पास होने वाले अभ्यर्थियों में अपना नाम देखकर मानवी की आंखें भर आईं और उन्होंने कहा कि 10 साल बाद घर जाऊंगी। पिता इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन मां को पुलिस यूनिफार्म पहन कर उन्हें सैल्यूट करूंगी। उन्होंने काफी संघर्ष के बाद अपनी अलग पहचान बनाई है।

 

तानों से बचने के लिए पहचान भी छिपानी पड़ी 
मानवी मधु कश्यप बिहार के भागलपुर जिले के एक छोटे से गांव की रहने वाली हैं। पुलिस भर्ती परीक्षा के परिणाम के बाद खुशी जाहिर करते हुए मानवी ने कहा कि वह अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरु रहमान सर को देती हैं, जिनकी वजह से उनका जीवन संवर गया। उन्होंने ही मानवी को इस मुकाम पर पहुंचाया। मानवी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी आभार जताया। अपने संघर्ष की कहानी बताते हुए मानवी भावुक हो जाती हैं।

 


मानवी कहती हैं कि वह 9वीं क्लास में थीं, जब उन्हें पता चला कि वह ट्रांसजेंडर हैं। जब परिवार को पता चला, तो उन्होंने उनका साथ नहीं दिया। लोग उन्हें ताने देने लगे, इसलिए उन्हें अपनी पहचान छिपानी पड़ी। पिता नाराज हो गए। उन्हें घर छोड़कर पटना आना पड़ा। वह ट्रांसजेंडरों के चंगुल में फंस गईं, लेकिन उन्होंने उस से गलत काम करवाने शुरू कर दिए। मां उनसे मिलने के लिए छुपकर पटना आती थीं। इसी बीच उनकी मुलाकात गुरु रहमान सर से हुई, जिन्होंने उन्हें नर्क से निकालकर आज इस मुकाम पर पहुंचाया। वह 10 साल से घर नहीं गई हैं। पिता भी इस दुनिया से चले गए, अब मां ही उनका एकमात्र सहारा है।

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IAS अधिकारी बनने का मानवी का सपना
मानवी बताती हैं कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव पंजवारा के SS Sponsored High School से पूरी हुई। CND कॉलेज से इंटरमीडिएट किया। Tilka Manjhi विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक किया। पिता नरेंद्र प्रसाद सिंह का निधन हो चुका है। मां माला देवी हैं, जिन्होंने उनका साथ नहीं छोड़ा। उनकी मां को कभी उनके ट्रांसजेंडर होने पर शर्मिंदगी महसूस नहीं हुई।

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गुरु रहमान सर ने भी हिम्मत नहीं हारी, क्योंकि कोई भी स्कूल और कोचिंग सेंटर उन्हें एडमिशन देने को तैयार नहीं था। काफी मिन्नतों के बाद एक स्कूल ने उनका एडमिशन किया और आज वह सब इंस्पेक्टर बन गई हैं। मानवी वर्ष 2021 से पुलिस भर्ती की तैयारी कर रही थीं और अब मानवी UPSC क्रैक कर IAS Officer बनने का सपना देख रही हैं और इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए वह तैयारी भी कर रही हैं।
SONU

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