किसान आंदोलन : इन तीन मांगों पर नहीं बनी बात, सरकार के सामने अड़े अन्नदाता, जानिए क्या हैं किसानों की मांगें?

किसान अपनी कई मांगों को लेकर आज दिल्ली कूच करेंगे। मांगों में स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें लागू करना, किसानों-मजदूरों की कर्ज माफी और पेंशन शामिल है। इधर, दिल्ली पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए पूरी दिल्ली में धारा 144 लगा दी है। दिल्ली से लगने वाली सभी सीमाएं सील कर दी गई हैं। 
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FARMER
अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसान नेता आज यानी मंगलवार को सुबह 10 बजे से दिल्ली कूच करेंगे  कल देर रात चंडीगढ़ में किसान नेताओं को मनाने की कोशिशें नाकाम रहीं  किसान एमएसपी (MSP) गारंटी, कर्ज माफी, स्वामीनाथन रिपोर्ट जैसी मांगों पर अड़े हुए हैं  बैठक के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सरकार सिर्फ समय निकालना चाहती है  किसानों की मांगों पर सरकार गंभीर नहीं हैं। किसान नेता जगजीत सिंह ने कहा कि सरकार कॉरपोरेट घरानों का कर्ज माफ कर देती है लेकिन किसानों की बात नहीं सुनती। READ ALSO:-ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए अब नहीं होगी OTP की जरूरत, RBI बना रहा न्यू प्लान, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को मिलेगी सुरक्षा...

 

सरकार की ओर से बोलते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार को देश के किसानों के हितों की चिंता है। किसान नेता जगजीत दल्लेवाल ने कहा कि केंद्र सरकार जिद पर अड़ी है। सरकार उन्हीं पुरानी बातों पर अड़ी हुई है। अब किसान दिल्ली जाने को मजबूर हैं। 

 


क्या हैं किसानों की मांगें?

 

स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें लागू की जाएं
किसानों की सबसे बड़ी मांग है कि उन्हें स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दिया जाए। स्वामीनाथन कमेटी में एमएसपी (MSP) को औसत लागत से 50 फीसदी ज्यादा रखने की सिफारिश की गई थी ताकि छोटे किसानों को उनकी फसल का सही मुआवजा मिल सके। 

 


किसानों और मजदूरों का कर्ज हो माफ
इस बार दिल्ली कूच करने वाले किसान नेता सरकार से मांग कर रहे हैं कि वह सभी किसानों का सरकारी और गैर सरकारी कर्ज माफ कर दे। 

 


लखीमपुर खीरी हत्याकांड मामले में न्याय
किसान नेता चाहते हैं कि केंद्र सरकार लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय दे और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दे। वे लखीमपुर खीरी हिंसा के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर उन्हें सलाखों के पीछे भेजने की मांग कर रहे हैं। 

 

किसानों और मजदूरों के लिए पेंशन
किसानों और खेतिहर मजदूरों को पेंशन देना किसानों की प्रमुख मांग है। किसान चाहते हैं कि 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को 10,000 रुपये की पेंशन दी जाए। 

 

कृषि वस्तुओं पर आयात शुल्क कम करना
कृषि वस्तुओं, दुग्ध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाया जाना चाहिए।

 

शिक्षा-स्वास्थ्य क्षेत्र में निजीकरण नहीं होना चाहिए
इसके अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण पर भी रोक लगाने की मांग की गई है। हड़ताल में नई शिक्षा नीति (2020) को रद्द करने का मुद्दा भी शामिल किया गया है।

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मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम
किसान चाहते हैं कि खेती को मनरेगा से जोड़ा जाए। उन्हें प्रतिदिन न्यूनतम 700 रुपये वेतन मिलना चाहिए और साल में न्यूनतम 200 दिन का रोजगार दिया जाना चाहिए।

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एक महीने के लिए धारा 144 लगाई गई
आज सुबह 10 बजे से किसान पंजाब-हरियाणा बॉर्डर से दिल्ली की ओर बढ़ेंगे। इस बीच दिल्ली पुलिस ने भी किसानों को रोकने के लिए भारी इंतजाम किए हैं। दिल्ली में धारा 144 लागू कर दी गई है। इसके तहत लगाए गए प्रतिबंध पूरे एक महीने तक लागू रहेंगे। दिल्ली पुलिस की ओर से भी सूचना जारी की गई है। जिसमें कहा गया है कि किसान आंदोलन से तनाव, सामाजिक सौहार्द बिगड़ने और हिंसा फैलने की आशंका है। 

 

दिल्ली से सटी सभी सीमाएं सील
दिल्ली से लगती हरियाणा सीमा समेत सभी सीमाएं सील कर दी गई हैं। दिल्ली के सिंधु बॉर्डर से लेकर ग़ाज़ीपुर बॉर्डर तक नाकेबंदी कर दी गई है। सिंधु बॉर्डर पर कंटीली बाड़ लगाने के साथ भारी सीमेंट ब्लॉक लगाए गए हैं। कुरुक्षेत्र बॉर्डर पर पांच लेयर की बैरिकेडिंग की गई है। टिकरी बॉर्डर पर भी कड़ी सुरक्षा है। 

 

किन चीजों पर रहेगा प्रतिबंध?
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, सड़कों पर जाम लगाने, जाम लगाने और रैलियां निकालने पर रोक रहेगी। यहां तक कि ट्रैक्टर ट्रॉली को भी प्रवेश की इजाजत नहीं होगी। दिल्ली की सभी सीमाओं पर सुरक्षा जांच अनिवार्य कर दी गई है। भड़काऊ नारे और पोस्टर लगाने पर रोक रहेगी। लाठी-डंडों और हथियारों से लदे वाहनों को रोका जाएगा। ईंट, पत्थर, एसिड और पेट्रोल इकट्ठा करने पर रोक है। 
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