Delhi-UP, समेत कई राज्यों में भूकंप के तेज झटके, रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.4.....

 Delhi-NCR समेत उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.4 थी। अचानक आए तेज झटकों के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। 
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शुक्रवार देर रात दिल्ली-उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 मापी गई है। बताया जा रहा है कि भूकंप का केंद्र नेपाल में था। जिसके झटके हरियाणा, बिहार और उत्तर-पूर्वी राज्यों में भी महसूस किए गए। पहला झटका रात 11:32 बजे आया जो कई सेकेंड तक चला। READ ALSO:-दिल्ली वायु प्रदूषण: अगर आप दिल्ली की सड़कों पर इन वाहनों का इस्तेमाल करते हैं तो आपसे वसूला जाएगा 20,000 रुपये का जुर्माना

 

शुक्रवार देर शाम भूकंप के तेज झटकों से अफरा-तफरी मच गई। भूकंप का पहला झटका रात 11.32 बजे महसूस किया गया। भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक इसका केंद्र नेपाल था, जिसकी तीव्रता करीब 6.4 मापी गई। इसकी गहराई करीब 10 किलोमीटर बताई जाती है। अब तक मिली खबरों के मुताबिक उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और बिहार की राजधानी पटना में भूकंप के तेज झटके महसूस किये गये। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आये। 

 


भूकंप का असली कारण क्या माना जाता है?
दरअसल, धरती के अंदर कई प्लेटें हैं जो समय-समय पर विस्थापित होती रहती हैं। इस सिद्धांत को अंग्रेजी में प्लेट टेक्टोनिक्स और हिंदी में प्लेट टेक्टोनिक्स कहा जाता है। इस सिद्धांत के अनुसार पृथ्वी की ऊपरी परत लगभग 80 से 100 किलोमीटर मोटी है, जिसे स्थलमंडल कहते हैं। पृथ्वी के इस हिस्से में कई टुकड़ों में टूटी हुई प्लेटें हैं जो तैरती रहती हैं।

 

सामान्यतः ये प्लेटें प्रति वर्ष 10-40 मिलीमीटर की गति से चलती हैं। हालाँकि, इनमें से कुछ की गति 160 मिमी प्रति वर्ष भी है। भूकंप की तीव्रता मापने के लिए रिक्टर स्केल का उपयोग किया जाता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है।  भूकंप तरंगों को रिक्टर स्केल पर 1 से 9 तक मापा जाता है।

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हालांकि, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी थी कि हिमालय क्षेत्र में बड़े भूकंप का खतरा है, जो एक बड़े क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है। IIT कानपुर के पृथ्वी विज्ञान विभाग के प्रोफेसरों ने भी भविष्य में बड़े भूकंप की आशंका जताई थी। उनका कहना है कि धरती के नीचे इंडियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है।


 

बड़े नुकसान का डर
रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.4 होने के कारण बड़े नुकसान की आशंका है।  मौसम विभाग और जलवायु परिवर्तन विभाग के उपाध्यक्ष महेश पलावत के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता काफी ज्यादा थी, यह बड़े पैमाने पर जान-माल को नुकसान पहुंचाने में सक्षम है। उनका कहना है कि ऐसे भूकंप के बाद की स्थिति बेहद भयावह है। हालांकि दिल्ली या नॉर्थ वेस्ट इससे सुरक्षित हैं। 
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