मरीजों के दुर्व्यवहार पर इलाज से मना कर सकेंगे डॉक्टर, परिजनों की मारपीट पर भी नहीं मिलेगा इलाज; नेशनल मेडिकल कमीशन ने जारी किये नियम
रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिसनर्स (RMP) को जारी अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि डॉक्टर मरीजों के साथ अभद्र व्यवहार के खिलाफ नेशनल मेडिकल कमीशन में भी शिकायत कर सकते हैं, ताकि मरीज को इलाज के लिए अन्यत्र रेफर किया जा सके।
Aug 11, 2023, 13:53 IST
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डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने एक अधिसूचना जारी की है। इसमें डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कहा गया कि रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर्स (RMP) डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार, मारपीट और हिंसा करने वाले मरीजों या रिश्तेदारों का इलाज करने से इनकार कर सकते हैं।READ ALSO:-काम की खबर : ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया होगी आसान, विदेश में DL बनवाना भी होगा आसान
रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर्स (RMP) को जारी अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि डॉक्टर मरीजों के साथ अभद्र व्यवहार के खिलाफ नेशनल मेडिकल कमीशन में भी शिकायत कर सकते हैं, ताकि मरीज को इलाज के लिए अन्यत्र रेफर किया जा सके। ये नियम मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) के मेडिकल एथिक्स कोड 2002 की जगह लेंगे। यह पहली बार होगा जब डॉक्टरों को ऐसे मरीजों का इलाज करने से इनकार करने का अधिकार मिलेगा।
डॉक्टर मरीजों को परामर्श शुल्क के बारे में जानकारी दे सकते हैं
रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर्स (RMP) अधिसूचना में कहा गया है कि आपातकालीन स्थिति को छोड़कर, डॉक्टर यह तय करने के लिए स्वतंत्र है कि किस मरीज का इलाज करना है। रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर्स (RMP) की मरीजों के प्रति जवाबदेही है साथ ही उन्हें उनकी उपेक्षा करने से बचना चाहिए।
रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर्स (RMP) अधिसूचना में कहा गया है कि आपातकालीन स्थिति को छोड़कर, डॉक्टर यह तय करने के लिए स्वतंत्र है कि किस मरीज का इलाज करना है। रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर्स (RMP) की मरीजों के प्रति जवाबदेही है साथ ही उन्हें उनकी उपेक्षा करने से बचना चाहिए।
मरीजों के इलाज से जुड़ी हर बात उनके परिजनों से भी साझा करनी चाहिए और बिना वजह केस देखने से दूर नहीं रखना चाहिए। मरीजों का इलाज करने से पहले डॉक्टरों को परामर्श शुल्क भी बताना होगा। अगर मरीजों को सर्जरी करानी है तो उसमें आने वाले खर्च के बारे में भी बताना होगा।
डॉक्टरों को दवा कंपनियों से गिफ्ट लेने से मना किया गया
अधिसूचना में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि डॉक्टरों और उनके परिवारों को दवा कंपनियों से कोई भी गिफ्ट, यात्रा सुविधाएं, परामर्श शुल्क या मनोरंजन स्वीकार करने से बचना चाहिए। रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर्स (RMP) को सेमिनार, वर्कशॉप, संगोष्ठी, फार्मास्युटिकल कंपनियों के सम्मेलन या उससे संबंधित स्वास्थ्य सेवाओं से दूर रहना चाहिए।
अधिसूचना में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि डॉक्टरों और उनके परिवारों को दवा कंपनियों से कोई भी गिफ्ट, यात्रा सुविधाएं, परामर्श शुल्क या मनोरंजन स्वीकार करने से बचना चाहिए। रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर्स (RMP) को सेमिनार, वर्कशॉप, संगोष्ठी, फार्मास्युटिकल कंपनियों के सम्मेलन या उससे संबंधित स्वास्थ्य सेवाओं से दूर रहना चाहिए।
डॉक्टरों के साथ हुई हिंसा से जुड़ी इन ख़बरों पर भी नजर डालें
- महाराष्ट्र के यवतमाल में श्री वसंतराव नाइक सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMC) के दो डॉक्टरों पर एक मरीज ने फल काटने वाले चाकू से हमला कर दिया। गले में चाकू लगने से डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। डॉक्टरों ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है।
- केरल के कोल्लम में मेडिकल के लिए लाए गए आरोपियों ने हाउस सर्जन डॉ. वंदना दास की हत्या कर दी। जिस पर केरल हाई कोर्ट ने खुद विशेष बैठक के दौरान मामले की सुनवाई की और कहा-अगर आप डॉक्टरों की सुरक्षा नहीं कर सकते तो अस्पतालों को बंद कर दीजिए। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और पुलिस की निंदा की थी।
- 11 मई 2023 को केरल के कोल्लम में मेडिकल के लिए लाए गए आरोपियों ने डॉक्टर की हत्या कर दी थी। कोट्टाराक्कारा पुलिस आरोपी संदीप को उसके पैर की चोट की ड्रेसिंग कराने के लिए तालुक अस्पताल ले गई थी। फिर उसने टेबल पर पड़ी कैंची और चाकू से हाउस सर्जन डॉ. वंदना दास पर वार कर दिया। उस ने 6 वार किए, जिस से डॉ. वंदना बुरी तरह घायल हो गई थी।