मोदी कैबिनेट के 31% मंत्रियों पर हत्या और डकैती के मामले; 15% मंत्री 8वीं से 12वीं तक ही पढ़े

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मोदी कैबिनेट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दिन पहले ही 15 नए कैबिनेट मंत्रियों और 28 राज्य मंत्रियों को शामिल कर अपनी कैबिनेट का विस्तार किया, लेकिन इनमें से 42 फीसदी मंत्री दागी है। इनमें से कई पर तो हत्या और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर मुकदमें दर्ज हैं। यह खुलासा चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाले समूह एडीआर की एक रिपोर्ट में हुआ है। 

 

एडीआर ने यह रिपोर्ट मंत्रियों के चुनावी हलफनामे के आधार पर तैयार किया है। रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिमंडल के 78 मंत्रियों में से 42 प्रतिशत ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की घोषणा की है। इनमें से चार पर हत्या के प्रयास से संबंधित मामले भी हैं। इसके अलावा अधिकांश मंत्री करोड़पति हैं। 

 

दो दिन पहले जिन 15 नए कैबिनेट मंत्री और 28 राज्य मंत्री को शपथ दिलाई गई है उनमें से 33 मंत्री ऐसे हैं जिन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है। 24 मंत्रियों ने माना है कि उनपर हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती समेत गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 

 

सबसे युवा मंत्री आठवीं पास, हत्या का मामला दर्ज
देश के सबसे कम उम्र के नए गृह राज्यमंत्री निशीथ प्रमाणिक पर हत्या का मुकदमा दर्ज है। 35 साल के प्रमाणिक पश्चिम बंगाल के कूच बिहार इलाके से आते हैं और उन्होंने 8वीं तक पढ़ाई की है। वहीं चार अन्य मंत्री पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज है। इसमें अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री जॉन बारला, गृह-युवा व खेल राज्यमंत्री प्रमाणिक, वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी और विदेश व संसदीय कार्य राज्यमंत्री वी मुरलीधरन शामिल हैं।

 

78 में से 70 मंत्री करोड़पति 
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार 70 यानि 90 प्रतिशत मंत्री करोड़पति हैं। इनकी औसत संपत्ति 16.24 करोड़ रुपये है। चार मंत्रियों ने 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति का उल्लेख किया है। ये मंत्री हैं नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, वाणिज्य उद्योग व कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल, मएसएमई मंत्री नारायण तातु राणे और कौशल विकास व इलेक्ट्रॉनिकी आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर।

 

आठ मंत्रियों ने अपनी संपत्ति एक करोड़ रुपये से कम घोषित की है। इनमें प्रतिमा भौमिक, जॉन बारला, कैलाश चौधरी, विश्वेश्वर टुडू, वी मुरलीधरन, रामेश्वर तेली, शांतनु ठाकुर और नीतीश प्रमाणिक शामिल हैं। 16 मंत्रियों ने अपनी देनदारी 1 करोड़ से अधिक बताई है। इन 16 में से 3 मंत्रियों ने अपनी देनदारी 10 करोड़ से अधिक है। इनमें नारायण राणे, पीयूष गोयल और कृष्ण पाल शामिल हैं।

 

15% मंत्री की शैक्षिक योग्यता 8वीं से 12वीं के बीच
12 मंत्रियों यानी 15% ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 8वीं से 12वीं के बीच बताई है जबकि 64 यानी 82% मंत्रियों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता स्नातक और उससे ज्यादा बताई है। 2 मंत्रियों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता डिप्लोमा बताई है। 2 मंत्री 8वीं पास, 3 मंत्री 10वीं पास तो 7 मंत्री 12वीं पास हैं। 15 मंत्री स्नातक हैं तो 17 मंत्री व्यावसायिक विषयों में स्नातक हैं। 21 मंत्री के पास पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री है तो 9 के पास डॉक्टरेट की उपाधि है।

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