सिनेमैटोग्राफ संशोधन विधेयक: फिल्मों से जुड़ा सख्त बिल संसद से पास, ऐसा किया तो होगी 3 साल की सजा, जानिए इस कानून में और क्या है?
देश की संसद में फिल्म जगत से जुड़ा एक सख्त और अहम कानून पास हो गया है। अब फिल्मों को दिए जाने वाले सर्टिफिकेट के नियमों में बदलाव किया गया है, साथ ही फिल्म पाइरेसी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
Jul 28, 2023, 18:41 IST
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संसद का मॉनसून सत्र मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर सुर्खियां बटोर रहा है। इस बीच राज्यसभा में एक ऐसा बिल पास हो गया है जो देश में बनने वाली फिल्मों के अनुभव को पूरी तरह से बदल सकता है। सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक, 2023 के जरिए सरकार ने पाइरेसी कल्चर को रोकने के लिए अहम कदम उठाया है और अब ऐसे मामलों में 3 साल तक की सजा का प्रावधान किया है। अगर इस बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल जाती है तो ये नियम कानून में तब्दील हो जाएंगे। आइये समझते हैं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा पेश किए गए इस बिल में क्या खास है और यह कैसे बड़े बदलाव कर सकता है...READ ALSO:-दिल्ली देश का सब से खराब ट्रैफिक वाला शहर बना, कोलकत्ता और मुंबई की हालत भी है खराब...
सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक क्या है?
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस बिल को 20 जुलाई 2023 को राज्यसभा में पेश किया, इसका उद्देश्य सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) बिल 1952 में बदलाव करना है। बिल के जरिए देश में फिल्मों की पायरेसी और दिए जाने वाले सर्टिफिकेट में बदलाव किया गया है। इसके साथ ही अगर किसी फिल्म की पायरेटेड कॉपी बनाई जाती है तो प्रोडक्शन हाउस पर जुर्माना और 3 साल तक की सजा का प्रावधान भी तय किया गया है। इस विधेयक को अभी राष्ट्रपति की मंजूरी मिलनी बाकी है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस बिल को 20 जुलाई 2023 को राज्यसभा में पेश किया, इसका उद्देश्य सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) बिल 1952 में बदलाव करना है। बिल के जरिए देश में फिल्मों की पायरेसी और दिए जाने वाले सर्टिफिकेट में बदलाव किया गया है। इसके साथ ही अगर किसी फिल्म की पायरेटेड कॉपी बनाई जाती है तो प्रोडक्शन हाउस पर जुर्माना और 3 साल तक की सजा का प्रावधान भी तय किया गया है। इस विधेयक को अभी राष्ट्रपति की मंजूरी मिलनी बाकी है।
इस बिल में नया क्या है?
सिनेमैटोग्राफ बिल के पुराने संस्करण को लागू हुए कई दशक बीत चुके थे, इस दौरान सुप्रीम कोर्ट, अदालतों और सरकार द्वारा फिल्म उद्योग से जुड़े कई फैसले और बदलाव किए गए, ऐसे में इसमें बदलाव की जरूरत थी कानून। मौजूदा जरूरतों और भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह बिल पेश किया है।
सिनेमैटोग्राफ बिल के पुराने संस्करण को लागू हुए कई दशक बीत चुके थे, इस दौरान सुप्रीम कोर्ट, अदालतों और सरकार द्वारा फिल्म उद्योग से जुड़े कई फैसले और बदलाव किए गए, ऐसे में इसमें बदलाव की जरूरत थी कानून। मौजूदा जरूरतों और भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह बिल पेश किया है।
To ensure the holistic growth of Indian cinema & safeguard the rights of everyone in the industry from spot boy to technicians to filmmakers, under the visionary leadership of Hon'ble PM Shri @narendramodi ji, I got the opportunity to introduce The Cinematograph (Amendment Bill)… pic.twitter.com/4MUqWayUu4
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) July 27, 2023
नए बिल में सेंसर बोर्ड को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं, अब बोर्ड किसी फिल्म को प्रदर्शित होने से पूरी तरह से रोक सकता है। किसी भी फिल्म को दिया जाने वाला सर्टिफिकेट अब 10 साल के बजाय हमेशा के लिए वैध रहेगा। नए बिल में फिल्मों को दिए जाने वाले सर्टिफिकेट को भी अलग-अलग स्तरों में बांटा गया है।
- बिना किसी प्रतिबंध के फिल्म - U सर्टिफिकेट
- कोई प्रतिबंध नहीं, लेकिन 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए मार्गदर्शन की आवश्यकता वाली फिल्म - UA प्रमाणपत्र
- केवल वयस्क - A प्रमाणपत्र
- एक विशिष्ट समूह के लिए फिल्म -S प्रमाणपत्र
- UA की भी 3 उपश्रेणियाँ हैं: UA 7+, UA 13+, UA 16+
अब TV के लिए अलग सर्टिफिकेट
अगर किसी फिल्म या शो को टीवी पर प्रदर्शित किया जाना है तो उसे केबल टेलीविजन नेटवर्क (रेगुलेशन) एक्ट, 1995 के तहत ही प्रदर्शित किया जाता है। अब नए बिल में कुछ बदलाव किए गए हैं, अगर किसी फिल्म को A या S दिया गया सर्टिफिकेट है तो, टीवी पर फिल्म दिखाने के लिए अलग से सर्टिफिकेट लेना होगा। CBFC टीवी के लिए फिल्म में कुछ बदलाव भी कर सकती है।
अगर किसी फिल्म या शो को टीवी पर प्रदर्शित किया जाना है तो उसे केबल टेलीविजन नेटवर्क (रेगुलेशन) एक्ट, 1995 के तहत ही प्रदर्शित किया जाता है। अब नए बिल में कुछ बदलाव किए गए हैं, अगर किसी फिल्म को A या S दिया गया सर्टिफिकेट है तो, टीवी पर फिल्म दिखाने के लिए अलग से सर्टिफिकेट लेना होगा। CBFC टीवी के लिए फिल्म में कुछ बदलाव भी कर सकती है।
पाइरेसी या फिल्म चोरी पर क्या होगा?
फिल्म जगत की सबसे बड़ी शिकायत फिल्मों की पायरेसी को लेकर रही है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जब राज्यसभा में इस बिल के बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि पाइरेसी के कारण फिल्म इंडस्ट्री को हर साल 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।
फिल्म जगत की सबसे बड़ी शिकायत फिल्मों की पायरेसी को लेकर रही है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जब राज्यसभा में इस बिल के बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि पाइरेसी के कारण फिल्म इंडस्ट्री को हर साल 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।
अब सिनेमाघर में किसी भी फिल्म की रिकॉर्डिंग या रिकॉर्डिंग में मदद करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बिना लाइसेंस के फिल्म प्रदर्शित करने या इसका फायदा उठाने वाले व्यक्ति के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। पायरेसी या पायरेसी कॉपी बनाने के मामले में 3 महीने से 3 साल तक की सजा, 3 लाख से लेकर प्रोडक्शन लागत का 5% जुर्माना लगाने की बात कही गई है।