योग गुरु बाबा रामदेव को बड़ा झटका; चुकाने होंगे 4.5 करोड़ रुपये, योग शिविरों पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश

योग गुरु बाबा रामदेव अपने योग शिविरों को लेकर मुश्किल में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी किया है, जिसके मुताबिक बाबा को करोड़ों रुपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। आइए जानते क्या हैं मामला...
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BABA RADEV
बाबा रामदेव की मुश्किलें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। पहले भ्रामक विज्ञापन का मुद्दा और अब उनके योग शिविर उनके लिए टेंशन बन गए हैं। दरअसल, रामदेव के योग शिविर सुप्रीम कोर्ट की रडार पर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बाबा और पतंजलि की याचिका खारिज कर दी है और योग शिविरों के लिए सर्विस टैक्स देने का आदेश दिया है। READ ALSO:-TV डिबेट शो में भिड़े BJP-कांग्रेस कार्यकर्ता, गाली-गलौज, जमकर चले लात-घूंसे, फेंकी एक-दूसरे पर कुर्सियाँ; Video वायरल....

 

अक्टूबर 2006 से मार्च 2011 तक आयोजित योग शिविरों के लिए 4.5 करोड़ रुपये का सेवा कर चुकाने का भी आदेश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग को बाबा से यह राशि वसूलने को कहा है। आपको बता दें कि सर्विस टैक्स भुगतान को लेकर इलाहाबाद सर्विस टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल द्वारा 5 अक्टूबर 2023 को जारी आदेश को बरकरार रखा गया है। 

 

ट्रिब्यूनल ने फीस के लिए प्रशिक्षण देने को सेवा बताया 
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एम ओक और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने यह फैसला सुनाया है। पीठ ने इलाहाबाद सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण के फैसले को बरकरार रखा कि पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट को अपने योग शिविरों के लिए सेवा कर का भुगतान करना चाहिए। इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर कर पतंजलि और रामदेव की ओर से दलील दी गई कि योग स्वास्थ्य और फिटनेस की श्रेणी में आता है, जो टैक्स के दायरे में नहीं आता है। 

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ट्रिब्यूनल ने कहा कि योग शिविर में आने वाले लोगों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा।  प्रवेश शुल्क भी देना होगा। ऐसे में योग प्रशिक्षण एक सेवा बन गया है। कानून के मुताबिक सेवा के लिए टैक्स देना पड़ता है, इसलिए बाबा रामदेव को भी योग शिविर के लिए सर्विस टैक्स देना होगा। इस फैसले के खिलाफ बाबा ने याचिका दायर की थी। 

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भ्रामक विज्ञापन के मामले में राहत नहीं
आपको बता दें कि बाबा रामदेव पर भ्रामक विज्ञापन से जुड़ा मामला भी चल रहा है।  मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। बाबा रामदेव और पतंजलि के खिलाफ भ्रामक विज्ञापन चलाने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद नियमों का उल्लंघन किया गया। बाबा रामदेव सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर दो बार माफी मांग चुके हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट राहत देने को तैयार नहीं है। ऐसे में सर्विस टैक्स विवाद अब नया सिरदर्द बन गया है। 
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