केंद्र सरकार का एक और बिल ठंडे बस्ते में, विरोध के बाद ब्रॉडकास्टिंग बिल होल्ड पर रखने का फैसला
पुराने मसौदे के मुताबिक सरकार यूट्यूबर्स पर नकेल कसने की तैयारी कर रही थी। साथ ही उस प्रसारण विधेयक के मसौदे में खबर देने वालों को भी प्रसारकों की श्रेणी में रखने का प्रावधान था। इसमें उनके लिए डिजिटल समाचार प्रसारण की एक श्रेणी बनाई जा सकती थी।
Aug 13, 2024, 00:10 IST
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केंद्र सरकार का एक और बिल ठंडे बस्ते में चला गया है। सरकार ने ब्रॉडकास्टिंग बिल 2024 को होल्ड पर रखने का फैसला किया है। इसको लेकर सरकार ने कहा कि विचार-विमर्श के बाद इस बिल का नया ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा। READ ALSO:-Bijnor : हिंदुस्तानियों नशा मुक्त भारत बनाओ अभियान से जुड़ने का आह्वान
आपको बता दें कि प्रसारण मंत्रालय ने इस बिल का ड्राफ्ट नवंबर 2023 में तैयार किया था। वहीं, जनता की टिप्पणी के लिए डेडलाइन 10 नवंबर 2023 थी। वहीं, बिल का दूसरा ड्राफ्ट इसी साल जुलाई में तैयार किया गया था। विपक्ष का कहना है कि संशोधित ड्राफ्ट बिल को संसद में रखने से पहले सरकार ने इसे कुछ चुनिंदा हितधारकों के साथ साझा किया है। आपको बता दें कि डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स और इंडिविजुअल कंटेंट क्रिएटर्स इस बिल का विरोध कर रहे थे।
सुझाव के लिए डेडलाइन बढ़ाई गई
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि हम ब्रॉडकास्टिंग बिल के ड्राफ्ट पर काम कर रहे हैं। इस बिल को 10 नवंबर 2023 को आम जनता के लिए पब्लिक डोमेन में रखा गया था। इस दौरान विभिन्न हितधारकों से सिफारिशें और टिप्पणियां प्राप्त हुईं। ऐसे में सरकार इस पर चर्चा कर रही है।
मंत्रालय ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा, "सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय मसौदा विधेयक पर हितधारकों से लगातार परामर्श कर रहा है। फिलहाल मंत्रालय ने विधेयक तैयार करने के संबंध में लोगों से टिप्पणियां और सुझाव देने के लिए 15 अक्टूबर 2024 तक का अतिरिक्त समय दिया है। विस्तृत विचार-विमर्श के बाद नया मसौदा प्रकाशित किया जाएगा।"
विधेयक में ये हैं प्रावधान
विधेयक के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार सरकार डिजिटल या ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाली सामग्री को विनियमित करने जा रही थी। इसके अलावा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर समाचार प्रसारित करने वाले प्रकाशकों को डिजिटल समाचार प्रसारक के रूप में जाना जाएगा। इसके अलावा डिजिटल प्रसारकों के लिए एक नई नियामक संस्था बनाई जानी थी। वहीं, स्व-नियमन का भी प्रावधान था, लेकिन इसके लिए भी दो स्तरीय व्यवस्था बनाने का प्रावधान था।
विधेयक के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार सरकार डिजिटल या ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाली सामग्री को विनियमित करने जा रही थी। इसके अलावा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर समाचार प्रसारित करने वाले प्रकाशकों को डिजिटल समाचार प्रसारक के रूप में जाना जाएगा। इसके अलावा डिजिटल प्रसारकों के लिए एक नई नियामक संस्था बनाई जानी थी। वहीं, स्व-नियमन का भी प्रावधान था, लेकिन इसके लिए भी दो स्तरीय व्यवस्था बनाने का प्रावधान था।