इन ग्राहकों को बैंक में KYC के लिए दोबारा जमा करने होंगे दस्तावेज, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बताया किन मामलों में जमा करने होंगे

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक ग्राहकों से कुछ मामलों में नए दस्तावेज जमा करके अपने केवाईसी को अपडेट करने के लिए कहा है। कर्मचारी ऑनलाइन वीडियो आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया (V-CIP) का उपयोग करके नई केवाईसी प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।
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KYC
भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) ने बैंक के ग्राहकों से कुछ मामलों में नए दस्तावेज जमा कर अपना केवाईसी (KYC) अपडेट करने को कहा है। केंद्रीय बैंक के अनुसार, कर्मचारी व्यक्तिगत रूप से बैंक की शाखा में जाकर या ऑनलाइन वीडियो आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया (V-CIP) का उपयोग करके नई केवाईसी (KYC) प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।Read Also:-मेरठ : करीब 7 महीने बाद पुलिस ने बेटे इमरान के साथ दिल्ली से किया गिरफ्तार; पुलिस ने रखा था 50 हजार का इनाम

 

कुछ मामलों में, एक नई केवाईसी (KYC) प्रक्रिया या नए दस्तावेजों की आवश्यकता होगी क्योंकि बैंकों को अपने रिकॉर्ड को अपडेट करने की आवश्यकता होगी। 2002 के PMLA का अनुपालन करने के लिए, बैंकिंग नियामक ने ग्राहकों के लिए अपने KYC विवरणों को अपडेट करना आसान बनाने के लिए कुछ बदलाव किए हैं।

 

केवाईसी (KYC) की आवश्यकता कब होगी?
अगर बैंक के रिकॉर्ड में मौजूद दस्तावेज आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेजों की मौजूदा सूची से मेल नहीं खाते हैं तो एक नया केवाईसी (KYC) कराना होगा। इसके अलावा अगर पहले जमा किए गए दस्तावेज की वैधता खत्म हो गई है तो भी नया केवाईसी (KYC) करवाना जरूरी होगा। जब ग्राहक अपना स्व-घोषणा या केवाईसी (KYC) दस्तावेज जमा करते हैं, तो बैंकों को रसीद की पावती देनी चाहिए।

 

इसके अलावा, अगर ग्राहक ने अपना निवास स्थान बदल लिया है, तो भी वह ऊपर बताए गए किसी भी माध्यम से अपने निवास का पता अपडेट करवा सकता है। इसके बाद बैंक संशोधित या अद्यतन पता प्राप्त होने के दो महीने के भीतर उसका सत्यापन करेगा।

 

इस तरह आप घर बैठे KYC कर सकते हैं
आपको बता दें कि वीडियो केवाईसी (KYC) के जरिए कोई भी ग्राहक अपने घर या ऑफिस में रहते हुए भी बचत खाता खुलवा सकता है और उसे केवाईसी (KYC) के लिए बैंक नहीं जाना होगा। वीडियो केवाईसी (KYC) बचत खाता खोलने का एक त्वरित और आसान तरीका है। इसके जरिए ऑनलाइन केवाईसी (KYC) होने से बैंक शाखा जाने में लगने वाले समय की बचत होगी।

 

आरबीआई (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अब प्रोप्राइटरशिप फर्म, अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता और वैधानिक इकाइयों के लाभार्थी मालिक भी वीडियो केवाईसी सुविधा के लिए पात्र होंगे। इसके साथ ही समय-समय पर केवाईसी (KYC) अपडेट करने के लिए वीडियो केवाईसी सुविधा की भी अनुमति दी गई है। आरबीआई (RBI) के नए नियम के बाद अब केवाईसी (KYC) के लिए फेस-टू-फेस मोड की जरूरत नहीं होगी। आधार को ई-केवाईसी (e-KYC) के जरिए प्रमाणित किया जाएगा।
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