भारत जोड़ो यात्रा के बीच बड़ा झटका, गोवा से कांग्रेस के 8 विधायक भारतीय जनता पार्टी में शामिल, विधानसभा में सिर्फ 3 विधायक बचे;

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बीच गोवा में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। राज्य के 11 पार्टी विधायकों में से 8 भाजपा में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस के पास अब विधानसभा में केवल 3 विधायक बचे हैं।
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गोवा के 11 में से आठ कांग्रेस विधायकों ने बुधवार को पार्टी छोड़ दी। सभी विधायक मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के साथ विधानसभा पहुंचे और विधानसभा अध्यक्ष रमेश तावकर को कांग्रेस से अलग होने का पत्र सौंपा। इसके तुरंत बाद गोवा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सदानंद तनवड़े ने सभी विधायकों को भजपा में शामिल कर लिया। 

 

कांग्रेस छोड़ने वाले विधायकों में गोवा के पूर्व सीएम दिगंबर कामत, माइकल लोबो, डेलिया लोबो, केदार नाइक, राजेश फलदेसाई, एलेक्सो स्क्रिआ, संकल्प अमोलकर और रोडोल्फो फर्नांडीज शामिल हैं। बागी विधायकों की संख्या पार्टी की कुल ताकत के दो तिहाई से ज्यादा है। इस वजह से इन विधायकों पर दलबदल विरोधी कानून लागू नहीं होगा।

 

कांग्रेस ने कहा- भारत जोड़ो यात्रा से डर गई बीजेपी
गोवा में ब्रेक के बाद कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा- बीजेपी भारत जोड़ो यात्रा से डरी हुई है और ऑपरेशन कीचड़ में लगी हुई है।  उन्होंने आगे सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर कहा- बीजेपी सिर्फ तोड़ सकती है। कांग्रेस प्रभारी दिनेश गुंडुराव ने लिखा- पैसे और सत्ता के आधार पर लोकतांत्रिक सिद्धांतों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

 


गोवा विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च 2022 को घोषित किए गए। इनमें कांग्रेस को 40 में से 11 सीटें मिलीं, लेकिन 7 महीने के भीतर ही पार्टी टूट गई। इसके पीछे वजह है कांग्रेस की कुछ बड़ी गलतियां। 

 

  • बाहर से लोगो कद बढ़ाना- चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस ने बाहर से आए माइकल लोबो को नेता प्रतिपक्ष बनाया। लोबो चुनाव से पहले पार्टी में शामिल हुए थे। नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत कांग्रेस आलाकमान के इस फैसले के खिलाफ थे। उनकी नाराजगी को देखकर माना जा रहा था कि कांग्रेस में फूट पड़ जाएगी।
  • अध्यक्ष पर कार्रवाई, प्रभारी पर कार्रवाई नहीं - गोवा में हार के बाद कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश अध्यक्ष गिरीश चोडनकर का इस्तीफा ले लिया, लेकिन प्रदेश प्रभारी दिनेश गुंडुराव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। चुनाव से पहले पार्टी के कई वरिष्ठ नेता गुंडुराव से नाराज थे। इसी वजह से पार्टी ने पी चिदंबरम को कांग्रेस का पर्यवेक्षक बनाकर भेजा था।
  • नए अध्यक्ष पर गुटबाजी तो नहीं हुई कार्रवाई उस वक्त पार्टी के 4 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी। कांग्रेस ने इस पर भी कोई डैमेज कंट्रोल के उपाय नहीं किए।

 

कामत और लोबो पर कांग्रेस ने की कार्रवाई
इस साल जुलाई में कांग्रेस ने दिगंबर कामत और माइकल लोबो पर पार्टी विरोधी साजिश में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की थी. उस वक्त कांग्रेस ने ब्रेकअप से बचने के लिए अपने 5 विधायकों को चेन्नई शिफ्ट कर दिया था।

 

चुनाव से पहले राहुल ने दिलाई थी शपथ
विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों को 5 साल तक पार्टी नहीं छोड़ने की शपथ दिलाई थी। कांग्रेस ने इस दौरान सभी उम्मीदवारों से एक हलफनामे पर दस्तखत भी करवाए थे। विधायकों ने हलफनामा देते हुए कहा था कि वे 5 साल तक पार्टी नहीं छोड़ेंगे और कांग्रेस में रहकर गोवा की जनता की सेवा करते रहेंगे। 

 4 फरवरी 2022 को राहुल गांधी ने पणजी में कांग्रेस कैंडिडेट्स को कांग्रेस नहीं छोड़ने की शपथ दिलाई थी।

2019 में कांग्रेस के 15 में से 10 विधायक बीजेपी में गए
इससे पहले 2019 में कांग्रेस के 15 में से 10 विधायक बीजेपी में शामिल हुए थे।  इसमें नेता प्रतिपक्ष चंद्रकांत कावलेकर भी शामिल थे। गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने कांग्रेस के सभी बागी विधायकों को बीजेपी में शामिल कर लिया था। 

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