शंकरचार्य स्वरूपानंद सरस्वती स्वतंत्रता संग्राम के लिए 19 साल की उम्र में गए थे जेल

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swami swarupanand saraswati

जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती दो मठों, द्वारका मठ एवं ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य थे। आज 11 सितंबर 2022 को मध्यप्रदेश में उन्होंने 99 साल की उम्र में उन्होने आखरी सांस ली। 

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वाराणसी में 9 माह और मध्यप्रदेश में 6 माह तक जेल रहे शंकरचार्य 

स्वामी स्वरूपानंद युवा थे तब देश में आजादी की लड़ाई चल रही थी। ऐसे में स्वामी स्वरूपानंद भी स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए। इस लड़ाई के कारण वे वाराणसी में 9 माह और मध्यप्रदेश की जेल में 6 माह तक जेल में भी रहे। तब वे महज 19 साल के थे। इस दौर में वे क्रांतिकारी साधु के रुप में प्रसिद्ध हो गए थे। वे स्वामी करपात्री महाराज के राजनीतिक दल राम राज्य परिषद के अध्यक्ष भी बने।

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जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती दो मठों, द्वारका मठ एवं ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य हैं। द्विपीठाधीश्वर होने के नाते स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती करोड़ों सनातनियों की आस्था के प्रतीक भी हैं। उनके निधन से पूरा संत समाज में शोक की लहर है। 

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