इन तस्वीरों में देखिए दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल स्टेशनों पर तेजी चल रहे काम को , ट्रायल रन में केवल दो महीने बाकी, पहले चरण में 17 किमी दौड़ेगी रैपिड रेल
दिल्ली और मेरठ के बीच रैपिड रेल की पटरी बिछाने से पहले, एनसीआरटीसी (NCRTC) ने नहरों, नालों और सड़कों को पार करने के लिए इन स्टील पुलों की स्थापना की है। उनके ऊपर ट्रैक बिछा दिया गया है।
यह तस्वीर साहिबाबाद और दिल्ली के बीच की है। अंत में यानी मार्च-2024 तक यहां रैपिड रेल का संचालन हो सकेगा। इसलिए फिलहाल इंजीनियरों का पूरा फोकस पहले चरण (साहिबाबाद-दुहाई) पर है।
ये स्क्रीन डोर रैपिड रेल के सभी स्टेशनों के प्लेटफॉर्म पर लगाए जा रहे हैं. डबल लेयर सुरक्षा के लिए ये दरवाजे काफी कारगर होंगे। इससे रेल हादसों में कमी आएगी।
देश की पहली रीजनल रैपिड रेल के कोच गुजरात में सांवली स्थित एलस्टॉम कंपनी के प्लांट में तैयार हो रहे हैं। इस तरह के 30 ट्रेन सेट आने हैं, जिसमें अभी केवल दो की डिलीवरी ट्रायल बतौर हुई है।
यह गाजियाबाद का साहिबाबाद स्टेशन है। नवंबर में इस स्टेशन से दुहाई डिपो तक रैपिड रेल का ट्रायल रन होगा। अभी छत का शेड बिछाने का काम चल रहा है। इसके बाद प्लेटफॉर्म पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा।
यह दुहाई डिपो है। 82 किमी लंबे ट्रैक पर दो डिपो बनाए गए हैं। जिसमें एक दुहाई और दूसरा मोदीपुरम। यहां रेलवे को खड़ा करने के लिए 17 लाइनें बनाई गई हैं। फिलहाल इस दुहाई डिपो में दो ट्रेन सेट आकर खड़ी हो गई हैं।
रैपिड रेल पहले चरण में साहिबाबाद से दुहाई तक करीब 17 किलोमीटर ट्रैक पर चलेगी। इस ट्रैक पर ट्रैक बिछा दिया गया है। सिग्नल चालू हैं। अन्य तकनीकी कार्य अंतिम चरण में है।
यह तस्वीर भी गुलधर स्टेशन की है। प्लेटफॉर्म स्क्रीन दरवाजे दायीं ओर स्थापित किए गए हैं और उन्हें सिग्नल से जोड़ा जा रहा है। जब तक ये दरवाजे बंद नहीं होंगे तब तक रैपिड रेल आगे नहीं बढ़ेगी।