ऑल्ट न्यूज के फाउंडर मोहम्मद जुबैर को राहत दे बोला सुप्रीम कोर्ट- ट्वीट करने से कैसे रोक दें, तुरंत रिहा करें, लगातार हिरासत में नहीं रख सकते
सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद जुबैर को बड़ी राहत देते हुए अंतरिम जमानत का भी आदेश दिया है। इतना ही नहीं उनके खिलाफ दर्ज मामलों की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित एसआईटी को भी भंग करने का आदेश दिया गया है।
Updated: Jul 20, 2022, 16:58 IST
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ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक जुबैर की जमानत याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए मोहम्मद जुबैर को तत्काल रिहा करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने यह फैसला दिया। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में दर्ज सभी 6 मामलों में जुबैर को अंतरिम जमानत दे दी है। साथ ही कहा कि उनके खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर को मिलाकर एक साथ जांच की जाए।Read Also:-UP : वाहनों की पार्किंग व्यवस्था पर खत्म होगा दबंगो का वर्चस्व, उत्तर प्रदेश के 17 बड़े शहरों में लागू होंगे एक ही नियम और शुल्क
ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी अंतरिम जमानत का आदेश दिया है। इतना ही नहीं उनके खिलाफ दर्ज मामलों की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित एसआईटी को भी भंग करने का आदेश दिया गया है। इतना ही नहीं, उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मांग थी कि मोहम्मद जुबैर को ट्वीट करने से रोका जाए। इसे शीर्ष अदालत ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ऐसा नहीं हो सकता।
Supreme Court grants interim bail to fact-checking website Alt News co-founder Mohammad Zubair in all the six FIRs registered against him in Uttar Pradesh. pic.twitter.com/lsKXLKvLEz
— ANI (@ANI) July 20, 2022
मामले की सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि ऐसा करने से वकील को दलीलें देने से रोका जा सकने जैसा होगा। यह किसी व्यक्ति को बोलने से रोकने जैसा होगा। वह जो कुछ भी करेगा उसके लिए वह कानूनी रूप से जिम्मेदार होगा। लेकिन हम पत्रकार को लिखना बंद करने के लिए नहीं कह सकते। कोर्ट की इस टिप्पणी को अहम माना जा रहा है और यह मोहम्मद जुबैर के लिए भी बड़ी राहत की बात है। इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि लगातार हिरासत में रखना ठीक नहीं है। कोर्ट ने कहा कि जुबैर के खिलाफ दर्ज मामलों की ठोस जांच होनी चाहिए और सभी मामले उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर किए जाएं। इसके अलावा मोहम्मद जुबैर की प्राथमिकी रद्द करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट जाने का आदेश दिया है।
Supreme Court says Mohammed Zubair shall be released on bail subject to furnishing of a bail bond of Rs 20,000.
— ANI (@ANI) July 20, 2022
Supreme Court says Zubair can move Delhi High Court for quashing of all or any of the FIRs registered against him.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि उत्तर प्रदेश में दर्ज सभी एफआईआर में मोहम्मद जुबैर को 20,000 रुपये के मुचलके पर जमानत मिल जाएगी। मोहम्मद जुबैर के खिलाफ उत्तर प्रदेश में 6 मामले दर्ज थे, जिसमें वह लगातार पुलिस हिरासत में था। उसके खिलाफ धार्मिक दुश्मनी फैलाने का मामला दर्ज किया गया था। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इससे पहले मोहम्मद जुबैर को मिली जमानत का सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि मोहम्मद जुबैर ने जानबूझकर नफरत भरे ट्वीट किए थे और वह आदतन अपराधी था।