प्रधानमंत्री ने किया 'महाकाल लोक' श्रद्धालुओं को समर्पित, तस्वीरों में देखें परिसर की भव्यता
Mउज्जैन अपने नए रूप में सज चुका है। मंगलवार को उज्जैन का इतिहास एक बार फिर हमेशा के लिए बदल गया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल लोक के पहले चरण का लोकार्पण किया।
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक के प्रथम चरण का लोकार्पण कर इसे देश की जनता को समर्पित किया। शाम करीब 6:30 बजे महाकाल लोक का लोकार्पण किया गया। महाकाल लोक में अध्यात्म के साथ-साथ कला का भी अनोखा संगम दिखाई देगा।
महाकाल लोक कॉरिडोर का भव्य प्रवेश द्वार
भगवान शिव ध्यान की मुद्रा में बैठे हुए हैं। कॉरिडोर को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि अगर श्रद्धालुओं की तादाद 1 लाख भी हो जाए तो दर्शन में बमुश्किल 30-45 मिनट लगेंगे। इस परिसर को हर तरफ से खुला बनाया जा रहा है।
कुल 108 पिलर्स
इस कॉरिडोर में कुल 108 पिलर्स हैं। जिन पर भगवान शिव की विभिन्न मुद्राएं बनाई गई हैं। यह कॉरिडोर सुंदर लाइटिंग और मूर्तियाें से सजा हुआ है। महाकाल कॉरिडोर में देश का पहला नाइट गार्डन भी बनाया जा रहा है। जहां भगवान शिव से जुड़ी करीब 200 मूर्तियां स्थापित की जाएंगी।
कॉरिडोर में महादेव, पार्वती समेत उनके पूरे परिवार के चित्र उकेरे गए हैं। ये चित्र देखने में बिलकुल मूर्तियों की तरह ही हैं जिनमें शिव, पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की लीलाओं का वर्णन है। महाकाल की ये नगरी अध्यात्म और आधुनिकता का मिश्रण होगी।
उज्जैन आज ऐतिहासिक पलों का गवाह होने जा रहा है। यहां आस्था-श्रद्धा-भक्ति और अध्यात्म की नई इबारत लिखी जा रही है।
यहां हर एक प्रतिमा के सामने एक बारकोड लगाया है जिसे स्कैन करते ही भगवान शिव की कहानी बता रही प्रतिमा की संपूर्ण जानकारी आपके मोबाइल स्क्रीन पर आ जाएगी। इसका मकसद नई पीढ़ी को प्राचीन इतिहास और कथाओं की जानकारी देना है।
महाकाल मंदिर में गर्भ गृह नंदी मंडपम कार्तिकेय मंडपम से लेकर मंदिर के बाहर के परिसर को भांति भांति के सुगंधित और सुंदर फूलों से सजाया गया है। मंदिर परिसर की सजावट की कुछ इस तरह से की गयी है कि कोना कोना साफ सुथरा और सजा हुआ नजर आ रहा है। भगवान महाकाल भगवान शिव के प्रतीक जनों को भी फूलों से सजाया गया है।
इसे पूरे परिसर को घूमने में 5-6 घंटे का समय लगेगा लेकिन इस दौरान हजारों सालों का धर्म इतिहास जीवित हो उठेगा। यहां दीवारों पर शिवपुराण से ली गई कथाओं को उकेरा गया है। पत्थरों के जरिये भोलेनाथ के विवाह को दिखाया गया है। शिव विवाह का स्टोन से बना म्यूरल देश में सबसे बड़ा 132 फीट और 6 फीट चौड़ा है। इस स्मार्ट योजना के तहत कॉरिडोर में 18000 बड़े पौधे लगाए गए हैं। इसके लिए आंध्र प्रदेश से रुद्राक्ष, बेलपत्र और शमी के पौधे मंगाए गए हैं।