राष्ट्रीय ध्वज : 15 अगस्त को तिरंगा फहराने से पहले जानिए सही तरीका, अगर नियम तोड़ा तो हो सकती है कड़ी सजा

केंद्र सरकार ने आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर सरकार ने 'हर घर तिरंगा योजना' को शुरू किया है। सरकार ने देशवासियों से अपील की है कि वो अपने घरों में तिरंगा को लगाएं। लेकिन क्या आप तिरंगा फहराने के नियम जानते हैं?
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हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था। 15 अगस्त को देश आजादी के 75 साल पूरे करेगा। इस अवसर पर इस वर्ष को पूरे देश में 'आजादी के अमृत महोत्सव' के रूप में मनाया जा रहा है। केंद्र सरकार ने देशभर में 'हर घर तिरंगा योजना' भी शुरू की है। सरकार ने देशवासियों से अपने घरों में तिरंगा फहराने की अपील की है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके राष्ट्रीय ध्वज का तिरंगा फहराने और फहराने के संबंध में भारतीय कानून में क्या नियम हैं? Read Also -:  कांग्रेस का महंगाई पर राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन, राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई सांसद लिए गए हिरासत में, संसद से राष्ट्रपति भवन तक मार्च करने से रोका गया

 

राष्ट्रीय ध्वज को फोल्ड करने का नियम

 

  • राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को मोड़ते समय इसे पट या क्षैतिज स्थिति में रखें।
  • इसके बाद इसे इस तरह मोड़ें कि केसर और हरी पट्टी के बीच सफेद पट्टी रहे।
  • यह भी ध्यान रखें कि सफेद पट्टी पर अशोक चक्र दिखाई दे।
  • इसके बाद ध्वजा को दोनों हथेलियों पर रखकर सुरक्षित स्थान पर रख दें।

 

फ्लैग कोड क्या हैं?

 

  • भारत में तिरंगा फहराने से जुड़े सारे नियम-कायदे फ्लैग कोड 2002 के तहत आते हैं. ये फ्लैग कोड 26 जनवरी 2002 से लागू है। 
  • 2002 से पहले तिरंगा फहराने के नियम एम्बलेम्स एंड नेम्स (प्रिवेन्शन ऑफ इम्प्रॉपर यूज) एक्ट, 1950 और प्रिवेन्शन ऑफ इंसल्ट्स टू नेशनल ऑनर एक्ट, 1971 के तहत आते थे। 
  • फ्लैग कोड को तीन भागों में बांटा गया है. पहले भाग में तिरंगे से जुड़ी सामान्य जानकारियां हैं. पहले भाग में है कि तिरंगे का आकार कैसा होना चाहिए? इसको कैसे बनाया जाना चाहिए। 
  • दूसरे भाग में आम लोग, निजी संगठन और दूसरे संस्थानों के तिरंगा फहराने से जुड़े नियम हैं. और तीसरे भाग में केंद्र, राज्य सरकार और उनसे जुड़े संगठन-एजेंसियों के झंडा फहराने जुड़े नियम और कानून हैं। 

 

अब क्या-क्या बदलाव हुए हैं 

 

  •  फर्स्ट -अब तक हाथ से बुना और काता हुआ ऊन, कपास या रेशमी खादी से बना राष्ट्रीय ध्वज ही फहराने की इजाजत थी. लेकिन अब मशीन से बना हुआ कपास, उन या रेशमी खादी से बना तिरंगा भी फहरा सकते हैं। साथ ही अब पॉलिएस्टर से बना झंडा भी फहराया जा सकता है। 
  • सेकंड -अब तक किसी घर, निजी संगठन या दूसरे संस्थानों में तिरंगे को सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फहराने की इजाजत थी. रात के समय राष्ट्रीय ध्वज को नहीं फहरा सकते हैं।  यानि के अब 24 घंटे तिरंगा फहराया जा सकता है। 
तिरंगे का क्या साइज होगा 

 

  • भारत में तिरंगे के साइज को लेकर कोई नियम नहीं है. ये कितना भी बड़ा और कितना भी छोटा हो सकता है। लेकिन तिरंगा हमेशा आयताकार होगा, जिसका अनुपात 3:2 होगा। 
  • हालांकि, VVIP के एयरक्राफ्ट पर 450X300 mm, मोटर कार पर 225X150 mm और टेबल पर 150X100 mm साइज का तिरंगा होगा.  
  • तिरंगे में हमेशा सबसे ऊपर केसरिया और नीचे हरा रंग होगा. बीच में सफेद कलर होगा, जिस पर अशोक चक्र बना रहेगा. अशोक चक्र के अंदर 24 तीलियां ही होंगी। 

 

इसमें बदलाव क्यों हुआ?

 

  • ऐसा इसलिए ताकि लोगों को घर पर तिरंगा फहराने के लिए मोटिवेट किया जा सके. अब तक लोगों को रात में तिरंगा फहराने की इजाजत नहीं थी. लेकिन अब रात में भी तिरंगा फहरा सकते हैं। 
  • केंद्र सरकार 13 से 15 अगस्त तक 'हर घर तिरंगा' अभियान चलाएगी. इसके तहत देशभर में 20 करोड़ घरों में लगातार तीन दिन तक तिरंगा फहराने की योजना है.  
  • न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि कपड़ा मंत्रालय ने झंडा बनाने वाले और उसकी सप्लाई करने वालों की पहचान की है. इसके अलावा 1.6 लाख पोस्ट ऑफिस में भी आखिरी समय तक तिरंगे की बिक्री की जाएगी। 
 
इन नियमों का रखें विशेष ध्यान
आपको बता दें कि तिरंगे पर कुछ भी लिखना या डिजाइन करना गैरकानूनी है। किसी भी भवन या सामग्री को ढकने के लिए तिरंगे का प्रयोग प्रतिबंधित है। तिरंगा फहराते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि तिरंगा किसी भी हाल में जमीन को न छुए। झंडा फहराते समय उसके आकार का विशेष ध्यान रखना भी जरूरी है। हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम जो भी झंडा फहरा रहे हैं उसका आकार 3 अनुपात 2 का ही होना चाहिए।
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