बैंक से 'आंखें' (आइरिस स्कैन) दिखाकर निकाल सकेगें पैसे, जल्दी आ सकता है ये नया नियम

टैक्स चोरी और बैंक फ्रॉड को रोकने और कम करने के लिए भारत सरकार ने देश के बैंकों से फेस रिकग्निशन और आईरिस स्कैन का इस्तेमाल करने को कहा है।  रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, व्यक्तिगत लेनदेन की वार्षिक सीमा खत्म होने के बाद लेन-देन के लिए चेहरे की पहचान और आईरिस स्कैन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
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Iris Scan
अब आप आने वाले दिनों में 'आंखें' दिखाकर बैंकों से पैसा निकाल सकेंगे। कृपया, आप आंखें दिखाने का मतलब गलत नहीं समझये। यहां एक नियम की बात होने जा रही है, और वह है आइरिस स्कैन। हां, बैंक जल्द ही खाताधारक को कुछ लेनदेन में आईरिस स्कैन या फेस रिकॉग्निशन से पैसे दे सकते हैं। जब तक दोनों में से किसी एक में खाताधारक का सत्यापन नहीं हो जाता। बैंक लेनदेन नहीं करेगा। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह काम देश के कुछ बड़े बैंकों ने भी शुरू किया है, लेकिन रिपोर्ट में उन बैंकों के नाम नहीं हैं।Read Also:-केंद्रीय परिवहन मंत्री और सीनियर बीजेपी नेता नितिन गडकरी को जान से मारने की धमकी, दाऊद के नाम पर एक घंटे में तीन बार आई कॉल

 

दरअसल, बैंक फ्रॉड और टैक्स चोरी को रोकने और कम करने के लिए भारत सरकार ने देश के बैंकों से फेस रिकग्निशन और आईरिस स्कैन का इस्तेमाल करने को कहा है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, व्यक्तिगत लेनदेन की वार्षिक सीमा खत्म होने के बाद लेन-देन के लिए चेहरे की पहचान और आईरिस स्कैन का इस्तेमाल किया जा सकता है। रॉयटर्स की रिपोर्ट में सूत्र के हवाले से कहा गया है कि कुछ निजी और सरकारी बैंकों ने भी इस विकल्प का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। लेकिन बैंकों के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, सत्यापन के लिए फेस रिकग्निशन आईरिस स्कैन का उपयोग अनिवार्य नहीं है, लेकिन इसका उपयोग उन मामलों में जरूर किया जा रहा है, जिनमें सरकारी पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड नंबर को कर उद्देश्यों के लिए बैंकों के साथ साझा नहीं किया गया है।

 

दो सरकारी अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर रिपोर्ट को बताया। एक वित्तीय वर्ष में 20 लाख रुपये (24,478.61 अमेरिकी डॉलर) से अधिक की जमा और निकासी को सत्यापित करने के लिए आंखों के स्कैन और चेहरे की पहचान का उपयोग किया जा रहा है,  इसका कारण यह है कि ऐसे मामलों में बैंकों द्वारा लोगों से आधार कार्ड मांगा जाता है। आधार कार्ड में एक विशिष्ट संख्या होती है जो किसी व्यक्ति के उंगलियों के निशान, चेहरे और आंखों के स्कैन से जुड़ी होती है।

 

पिछले साल दिसंबर के महीने में वित्त मंत्रालय ने सभी बैंकों से UIDAI के मुद्दे पर जरूरी कार्रवाई करने को कहा था। इस पत्र में सुझाव दिया गया था कि लेन-देन करने से पहले व्यक्ति का चेहरा पहचानने वाले चेहरे और आंखों की पुतलियों के स्कैन के जरिए सत्यापन किया जाए। यह उन मामलों में और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, जहां किसी व्यक्ति का फिंगरप्रिंट सर्टिफिकेशन फेल हो गया हो। अभी इस मामले पर यूआईडीएआई और वित्त मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
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