माता वैष्णो देवी : श्रद्धालुओं को मिलेगा रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिटी (RFID) कार्ड, जानिए इस कार्ड को किस मकसद के लिए किया तैयार?
आरएफआईडी (RFID) की शुरूआत से तीर्थयात्रियों के आगमन पर नज़र रखने में मदद मिलेगी। इसके अलावा यात्रा मार्ग में भीड़भाड़ की स्थिति में भी प्रभावी उपाय सुनिश्चित किए जाएंगे।
Updated: Aug 30, 2022, 15:31 IST
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जम्मू-कश्मीर में माता वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए 'आरएफआईडी यात्रा कार्ड' की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान पत्र (RFID) तीर्थयात्रियों की आवाजाही पर नज़र रखने में मदद करेगा। इसके अलावा इसकी मदद से आपात स्थिति में सभी जरूरी कदम तुरंत सुनिश्चित किए जा सकते हैं। आरएफआईडी (RFID) से लैस यह ट्रैवल एक्सेस कार्ड मंदिर परिसर में भीड़ को इकट्ठा होने से रोकने में भी मदद करेगा।Read Also:-UP ; एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक का एटीएम उखाड़ रहा था चोर, 10 मिनट में पुलिस ने पकड़ा, देखें वीडियो
श्राइन बोर्ड के सीईओ अंशुल गर्ग ने कहा कि श्रद्धालुओं को आरएफआईडी (RFID) यात्रा कार्ड पेश किए गए हैं। सुरक्षा की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी बताया कि 40 नई जगहों पर सीसीटीवी लगाए जा रहे हैं। एक कंट्रोल रूम और 7 टेस्टिंग सेंटर भी बनाए गए हैं। अंशुल गर्ग ने कहा कि यात्रा 24 घंटे वास्तविक समय के आधार पर नियमित की जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक आरएफआईडी (RFID) की शुरुआत से तीर्थयात्रियों के आगमन पर नजर रखने में मदद मिलेगी। इसके अलावा यात्रा मार्ग में भीड़भाड़ की स्थिति में भी प्रभावी उपाय सुनिश्चित किए जाएंगे।
तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी
आपको बता दें कि साल के पहले दिन मंदिर मार्ग पर भगदड़ मचने से 12 लोगों की जान चली गई थी और कम से कम 16 घायल भी हो गए थे । मंदिर मार्ग पर इस तरह की यह पहली घटना थी, जिसके बाद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शत-प्रतिशत ऑनलाइन पंजीकरण समेत कई कदमों की घोषणा की थी। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने महत्वपूर्ण जांच, बुनियादी ढांचे में वृद्धि, पूरे मार्ग पर भीड़भाड़ कम करने, भीड़ और कतार प्रबंधन और आरएफआईडी (RFID) ट्रैकिंग के लिए प्रौद्योगिकी के उचित उपयोग सहित कई सुधारों को लागू करने के निर्देश जारी किए थे।
आरएफआईडी (RFID) क्या है?
दरअसल, RFID वायरलेस तकनीक पर आधारित है। इसका उपयोग रेडियो तरंगों के माध्यम से ट्रैकिंग के लिए किया जाता है। इसके टैग में गुप्त जानकारी, सीरियल नंबर और संक्षिप्त विवरण दर्ज किया जा सकता है। वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन के लिए लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। साल 2021 में 55.77 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे थे। जबकि पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के चलते 17 लाख श्रद्धालु ही वहां गए थे।
दरअसल, RFID वायरलेस तकनीक पर आधारित है। इसका उपयोग रेडियो तरंगों के माध्यम से ट्रैकिंग के लिए किया जाता है। इसके टैग में गुप्त जानकारी, सीरियल नंबर और संक्षिप्त विवरण दर्ज किया जा सकता है। वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन के लिए लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। साल 2021 में 55.77 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे थे। जबकि पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के चलते 17 लाख श्रद्धालु ही वहां गए थे।