कांवड़ यात्रा आज से शुरू, उत्तराखंड में प्रवेश के लिए क्या कांवड़ियों को पंजीकरण कराना होगा? जानिए सभी महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश
कांवर यात्रा 2022: सावन महीने की शुरुआत के साथ ही आज से कांवड़ यात्रा भी शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड तक कांवड़ियों की सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
Jul 14, 2022, 18:05 IST
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कांवर यात्रा 2022: सावन के महीने की शुरुआत के साथ ही आज से कांवड़ यात्रा भी शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड तक कांवड़ियों की सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। उत्तर प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में भी कांवड़ यात्रा के रास्ते में आ रही शराब और मांस की दुकानों को भी बंद रखा जाएगा। कोरोना संक्रमण के चलते 2 साल बाद इस बार कांवड़ यात्रा हो रही है। इस बार चार करोड़ से अधिक कांवड़ियों के हरिद्वार पहुंचने की उम्मीद है। इसे देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम करने का दावा किया है।Read Also:-मेरठ : कांवड़ यात्रा में हेलीकॉप्टर से होगी फूलों की वर्षा साथ ही DJ भी बजेगा, डीजीपी व अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बाबा औघड़नाथ मंदिर में जलाभिषेक करने के बाद की बैठक
गढ़वाल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (डीआईजी) वी. मुरुगेशन ने बताया कि मेला क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 32 जोन और 120 सेक्टरों में बांटकर व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि एक हजार पुलिस कर्मी, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की पांच कंपनियां, बम और हंस दस्ते सहित आतंकवाद निरोधी दस्ते और जल पुलिस को भी इलाके में तैनात किया जा रहा है।
'पंजीकरण कराएं'
उन्होंने कहा कि कांवड़ियों की सुविधा के लिए पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कांवड़ियों से अपील की कि वे हरिद्वार आने से पहले पोर्टल पर पंजीकरण कराएं ताकि आपात स्थिति में उन्हें ट्रैक किया जा सके। हालांकि, पंजीकरण अनिवार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने सुरक्षा ड्यूटी में लगे पुलिस कर्मियों को कांवड़ियों के साथ विनम्रता और संयम से व्यवहार करने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर मांस और शराब की दुकानों पर प्रतिबंध रहेगा। ज्ञात हुआ है कि एक पखवाड़े तक चलने वाली कांवड़ यात्रा के तहत कांवड़िये हरिद्वार से गंगा जल लेने के लिए सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर त्रयोदशी के दिन अपने-अपने क्षेत्र के शिवालयों में भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं।
उन्होंने कहा कि कांवड़ियों की सुविधा के लिए पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कांवड़ियों से अपील की कि वे हरिद्वार आने से पहले पोर्टल पर पंजीकरण कराएं ताकि आपात स्थिति में उन्हें ट्रैक किया जा सके। हालांकि, पंजीकरण अनिवार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने सुरक्षा ड्यूटी में लगे पुलिस कर्मियों को कांवड़ियों के साथ विनम्रता और संयम से व्यवहार करने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर मांस और शराब की दुकानों पर प्रतिबंध रहेगा। ज्ञात हुआ है कि एक पखवाड़े तक चलने वाली कांवड़ यात्रा के तहत कांवड़िये हरिद्वार से गंगा जल लेने के लिए सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर त्रयोदशी के दिन अपने-अपने क्षेत्र के शिवालयों में भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं।
'स्थानीय व्यापारी कांवड़ियों से अधिक दाम न लें'
कांवड़ यात्रा के दौरान होटल, रेस्टोरेंट, धर्मशालाओं और टैंपों को निर्देश दिया गया है कि वे कांवड़ियों के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार करें और उनसे अधिक शुल्क न लें। यात्रा व्यवस्था को लेकर यहां स्थानीय व्यापारियों के साथ बैठक करने के बाद उप जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि बैठक में होटल, रेस्टोरेंट, धर्मशाला और टेंपो के लोगों से साफ-साफ कहा गया है कि कांवड़ियों से सौहार्द्रपूर्ण व्यवहार किया जाए और इससे अधिक शुल्क न लिया जाए।
कांवड़ यात्रा के दौरान होटल, रेस्टोरेंट, धर्मशालाओं और टैंपों को निर्देश दिया गया है कि वे कांवड़ियों के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार करें और उनसे अधिक शुल्क न लें। यात्रा व्यवस्था को लेकर यहां स्थानीय व्यापारियों के साथ बैठक करने के बाद उप जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि बैठक में होटल, रेस्टोरेंट, धर्मशाला और टेंपो के लोगों से साफ-साफ कहा गया है कि कांवड़ियों से सौहार्द्रपूर्ण व्यवहार किया जाए और इससे अधिक शुल्क न लिया जाए।
खाने-पीने की चीजों की गुणवत्ता या अधिक कीमत वसूलने को लेकर अक्सर कांवड़ियों से व्यापारियों के बीच बहस होती रहती है। अधिकारी ने बताया कि इस बार कांवड़ मार्ग के व्यापारियों को अपनी दुकान पर मूल्य सूची लगाने को कहा गया है। मूल्य सूची नहीं लगाने पर प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा।
फूलों की बारिश करेगी उत्तराखंड सरकार
कांवड़ यात्रा के दौरान उत्तराखंड सरकार की ओर से कांवड़ियों पर फूल बरसाने का भी प्रस्ताव है। हर साल सावन के महीने में, विभिन्न राज्यों विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के शिव भक्त गंगा जल लेने के लिए हरिद्वार और उत्तराखंड के ऋषिकेश पहुंचते हैं।
कांवड़ यात्रा के दौरान उत्तराखंड सरकार की ओर से कांवड़ियों पर फूल बरसाने का भी प्रस्ताव है। हर साल सावन के महीने में, विभिन्न राज्यों विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के शिव भक्त गंगा जल लेने के लिए हरिद्वार और उत्तराखंड के ऋषिकेश पहुंचते हैं।
दिल्ली पुलिस ने भी की पुख्ता तैयारी
दिल्ली पुलिस ने भी कांवड़ यात्रा को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। पुलिस ने कहा कि 14 से 26 जुलाई तक सुरक्षा और यातायात के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी, क्योंकि 21 जुलाई के बाद कांवड़ियों की आवाजाही बढ़ने की संभावना है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “कुछ मार्ग हैं जो कांवड़ियों के लिए समर्पित किए गए हैं।
दिल्ली पुलिस ने भी कांवड़ यात्रा को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। पुलिस ने कहा कि 14 से 26 जुलाई तक सुरक्षा और यातायात के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी, क्योंकि 21 जुलाई के बाद कांवड़ियों की आवाजाही बढ़ने की संभावना है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “कुछ मार्ग हैं जो कांवड़ियों के लिए समर्पित किए गए हैं।
कांवड़ियों के लिए कुल 338 शिविर लगाए गए हैं।अधिकारी ने कहा की वे कांवड़ियों से कहना चाहते हैं कि वे उनके लिए समर्पित मार्गों का अनुसरण करें। मोटर चालकों और अन्य यात्रियों को यातायात नियमों का पालन करना चाहिए और निर्दिष्ट सड़क लेन में चलना चाहिए।