उपराष्ट्रपति के चुनाव में जगदीप धनखड़ की हुई जीत, 725 वोटों में से 528 वोट मिले, मार्गरेट अल्वा केवल 182 वोटों पर ही सिमट गईं
उप राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। जगदीश धनखड़ को 528 वोट मिले, जबकि अल्वा को 182 वोट मिले। वहीं, 15 वोट अवैध रहे।
Aug 6, 2022, 20:20 IST
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उप राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने उन्हें भारी अंतर से हराया। धनखड़ को 528 वोट मिले, जबकि अल्वा को 182 वोट मिले। वहीं, 15 मत निरस्त हुए। अल्वा की हार का एक सबसे बड़ा कारण यह भी माना जा रहा है कि उप राष्ट्रपति चुनाव में कई विपक्षी सांसदों ने वोट नहीं दिया। उन्होंने मतदान से दूरी बनाए रखी। तृणमूल कांग्रेस ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं करेगी। आपको बता दें कि टीएमसी के दोनों सदनों में कुल 39 सांसद हैं।Read Also:- उत्तर प्रदेश : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बड़ा आदेश उत्तर प्रदेश के 75 बस स्टैंडों का बदलेगा नाम, 75 बसों को भी मिलेगी नई पहचान
780 निर्वाचक मंडल, 741 सांसदों ने भाग लिया
मौजूदा समय में लोकसभा में 543 सांसद हैं, जबकि राज्यसभा की 245 में से 8 सीटें खाली हैं। यानी निर्वाचक मंडल में 788 की जगह 780 सांसद थे। ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव से दूर रहने का फैसला किया था। टीएमसी के पास राज्यसभा और लोकसभा सांसदों सहित 36 सांसद हैं।
मौजूदा समय में लोकसभा में 543 सांसद हैं, जबकि राज्यसभा की 245 में से 8 सीटें खाली हैं। यानी निर्वाचक मंडल में 788 की जगह 780 सांसद थे। ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव से दूर रहने का फैसला किया था। टीएमसी के पास राज्यसभा और लोकसभा सांसदों सहित 36 सांसद हैं।
Jagdeep Dhankhar elected India's new Vice President, defeats Opposition candidate Margaret Alva by 346 votes
— ANI Digital (@ani_digital) August 6, 2022
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ममता के सांसदों ने किया क्रॉस वोटिंग
ममता ने अपने 36 सांसदों को मतदान से दूर रहने को कहा था, लेकिन टीएमसी सांसदों शिशिर अधिकारी और दिव्येंदु अधिकारी ने ममता के फैसले के खिलाफ मतदान किया। आंकड़ों के मुताबिक एनडीए प्रत्याशी धनखड़ की जीत के लिए बीजेपी का वोट ही काफी था। दोनों सदनों में बीजेपी के 394 सांसद हैं, जो बहुमत के 363 के आंकड़े से ज्यादा है।
सपा और शिवसेना ने 2, जबकि बसपा के एक सांसद ने वोट नहीं दिया। वहीं, बीजेपी सांसद सनी देओल और संजय धोत्रे ने वोट नहीं डाला।
उपराष्ट्रपति चुनाव में ममता बनर्जी के 34 सांसदों ने वोट नहीं डाला। टीएमसी के सिर्फ दो सांसदों ने वोट डाला। सुवेंदु अधिकारी के पिता शिशिर और भाई दुबेयेंदु अधिकारी ने पार्टी के फैसले को स्वीकार नहीं किया। उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान के बहिष्कार की घोषणा के बावजूद उन्होंने मतदान किया। इसके अलावा समाजवादी पार्टी और शिवसेना के दो-दो सांसदों ने वोट नहीं दिया। वहीं बसपा के एक सांसद ने वोट नहीं दिया। बताया जा रहा है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में करीब 40 सांसदों ने वोट नहीं डाला।
आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति चुनाव में 780 में से 725 सांसदों ने मतदान किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत करीब 93 फीसदी सांसदों ने वोट डाला, जबकि 50 से ज्यादा सांसदों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं किया। संसद के दोनों सदनों के सदस्यों की कुल संख्या 788 है, जिसमें से उच्च सदन की आठ सीटें वर्तमान में खाली हैं। ऐसे में उपराष्ट्रपति चुनाव में 780 सांसद वोट देने के पात्र थे।