देश में गेहूं की किल्लत! सरकार ने गेहूं के Export पर लगाई रोक, गरीबों को मिलने वाले राशन से भी गायब हुआ यह अनाज

सरकार ने गेहूं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भी बनाया था। इतना ही नहीं देश के कई राज्यों में भी प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना में भी अब सरकार ने गेहूं देना बंद कर दिया है।
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ghehu export ban
Wheat Export Ban in india: भारत मे गेहूं को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। खबर है कि भारत सरकार ने गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इसका मतलब यह हुआ कि सरकार ने गेहूं को एक्सपोर्ट में लिए प्रतिबंध (Wheat Export Ban) उत्पादों की श्रेणी में डाल दिया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की कीमतों में हो रही बेतहाशा वृद्धि को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

 

2 दिन पहले ही गेहूं एक्सपोर्ट का लक्ष्य किया था निर्धारित

यह रोक भी ऐसे समय पर लगाई गई है जब दो दिन पहले ही सरकार ने गेहूं निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया था और गेहूं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भी बनाया था। इतना ही नहीं देश के कई राज्यों में भी प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना में भी अब सरकार ने गेहूं देना बंद कर दिया है, तो 8 राज्यों में राशन में दिए जाने वाले गेहूं में कटौती की गई है। read more. कोरोना के बढ़ते मामलों को देख Indian Railways ने लिया यह अहम निर्णय, ट्रेन में सफर करने वाले जरूर देखें

 

Wheat Export Ban: सरकार ने गेहूं को लेकर क्या कहा

सरकार द्वारा जारी ऑफिशियल स्टेटमेंट के अनुसार, भारत ने बढ़ती घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने लिए ये फैसला लिया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने इस संबंध में बयान जारी करते हुए कहा कि, 'गेहूं की निर्यात नीति तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित है। हालांकि निर्यात के जिन ऑर्डर के लिए 13 मई से पहले लेटर ऑफ क्रेडिट जारी हो चुका है, उनका एक्सपोर्ट जारी रहेगा।

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जरूरमंद देशों के लिए जारी रहेगा Wheat Export

सरकार ने यह भी कहा है कि जिन देशों के लिए भारत सरकार अनुमति देगी वहां गेहूं का निर्यात (Wheat Export) संभव होगा। इसके साथ ही जरूरतमंद विकासशील देशों की सरकार के आग्रह के आधार पर भी सरकार गेहूं निर्यात करने की अनुमति देगी। 

 

इंटरनेशनल बाजार में बढ़ रहे गेहूं के दाम

बता दें कि रूस और यूक्रेन गेहूं के बड़े उत्पादक देश हैं। इस वक्त दोनों देशों के बीच जिस तरह के हालात हैं उसके चलते भी गेहूं की आपूर्ति बाधित हुई है। वहीं इंटरनेशनल मार्केट में गेहूं की कीमतें 40% तक बढ़ चुकी हैं। वहीं भारतीय घरेलू बाजार में भी गेहूं और आटा भी महंगा हुआ है। खुदरा महंगाई के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में गेहूं और आटा कैटेगरी की महंगाई दर 9.59% रही है, जबकि मार्च में यह 7.77% थी। सरकार ने गेहूं का MSP 2,015 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। जबकि गेहूं का बाजार मूल्य MSP से ज्यादा है। इसके चलते भी गेहूं की सरकारी खरीद में करीब 55% की गिरावट दर्ज की गई है। read more. Sedition Law : राजद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई, जिस पर इस कानून के तहत दर्ज हैं मुकदमे, वह कोर्ट जा सकते हैं

Rashan

कृषि कानून लागू होते तब क्या होता

बता दें कि जिन कृषि कानूनों को लेकर देश में किसानों ने बड़ा आंदोलन किया था और बाद में दबाव में आकर सरकार ने उन्हें रद्द कर दिया था। उन कानूनों में यह दावा सरकार कर रही थी कि किसान अपना अनाज मंडी से बाहर बेच पाएंगे। इससे किसानों को अपने उत्पाद की अधिक कीमत मिलेगी और उनकी आय बढ़ेगी। हालांकि अब कानून तो रद्द हो चुके हैं, लेकिन किसानों ने गेहूं सरकारी मंडी की तुलना में प्राइवेट व्यापारियों को अधिक बेच दिया, जिसके चलते सरकारी गोदाम में गेहूं का स्टॉक कम हो गया। इसी का नतीजा है कि देश में गेहूं की किल्लत के हालात बन गए है।

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