क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के नाम पर 5 करोड़ की ठगी, 3 मिनट में कर्ज देने के लिए किया पूर्व कप्तान की फोटो का इस्तेमाल
महेंद्र सिंह धोनी के नाम से लोन दिलाने के नाम पर 3 मिनट में साइबर ठगी करने वाले साइबर जालसाजों के गिरोह का पटना पुलिस ने पर्दाफाश किया है।
Dec 20, 2022, 15:23 IST
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बिहार में साइबर क्राइम के मामलों में काफी इजाफा हुआ है। बिहार के मुख्य सचिव और पूर्व डीजीपी भी इसके शिकार बने हैं। अब भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की नान से धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। यहां महेंद्र सिंह धोनी को धनी ऐप का ब्रांड एंबेसडर बताकर लोगों के साथ धोखा किया गया है। मामला पटना के पत्रकार नगर थाना क्षेत्र का है। यहां अंतरराज्यीय साइबर ठगी गिरोह के 5 बदमाशों ने देश भर से लोगों को कर्ज का शिकार बनाया। ठगी के धंधे में लिप्त इस गिरोह के पांच बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।Read Also:- आसमान भारद्वाज की डेब्यू फिल्म 'कुत्ते' का ट्रेलर रिलीज, अर्जुन कपूर का होगा दमदार रोल, गाली, गोली, सस्पेंस, रोमांच और डार्क ह्यूमर से भरपूर है फिल्म का ट्रेलर
ये लोग लोन देने, बीमा कराने, जीएसटी भरने, केवाईसी अपडेट करने के नाम पर ठगी का शिकार बनाते थे। बदमाशों ने धानी फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड नाम से फर्जी कंपनी बना ली थी।
गिरोह का सरगना आकाश सिन्हा है
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार पांचों अपराधियों में नालंदा के सभी थानों के गौतम कुमार, भरत कुमार, अस्थावां के आकाश सिन्हा उर्फ छोटू, शेखपुरा के बरबीघा के राजीव रंजन और पटना सिटी के मालसलामी के आकाश कुमार शामिल हैं। आकाश कुमार सिन्हा धोखाधड़ी के मामले में पहले ही जेल जा चुका है। उसे छत्तीसगढ़ के सरगुजा के अंबिकापुर कोतवाली थाने की पुलिस ने वर्ष 2020 में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वह गैंग का सरगना है। जेल से छूटने के बाद टीम बनाकर फिर ठगी करने लगे। उसने खेमनीचक में किराए का फ्लैट लिया था और वहीं से ठगी का दफ्तर चला रहा था।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार पांचों अपराधियों में नालंदा के सभी थानों के गौतम कुमार, भरत कुमार, अस्थावां के आकाश सिन्हा उर्फ छोटू, शेखपुरा के बरबीघा के राजीव रंजन और पटना सिटी के मालसलामी के आकाश कुमार शामिल हैं। आकाश कुमार सिन्हा धोखाधड़ी के मामले में पहले ही जेल जा चुका है। उसे छत्तीसगढ़ के सरगुजा के अंबिकापुर कोतवाली थाने की पुलिस ने वर्ष 2020 में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वह गैंग का सरगना है। जेल से छूटने के बाद टीम बनाकर फिर ठगी करने लगे। उसने खेमनीचक में किराए का फ्लैट लिया था और वहीं से ठगी का दफ्तर चला रहा था।
पुलिस द्वारा अचानक पकड़ा गया
इस गिरोह का खुलासा तब हुआ जब पत्रकार नगर थानाध्यक्ष मनोरंजन कुमार भारती अपनी टीम के साथ पेट्रोलिंग कर रहे थे। इस दौरान पुलिस ने एचडीएफसी बैंक से सटे 14 नंबर रोड की ओर जाने वाली गली में गौतम और भरत को संदिग्ध हालत में देखा तो उनसे पूछताछ करनी चाही, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। पुलिस ने जब इनसे पूछताछ की तो सारा राज खुल गया।
इस गिरोह का खुलासा तब हुआ जब पत्रकार नगर थानाध्यक्ष मनोरंजन कुमार भारती अपनी टीम के साथ पेट्रोलिंग कर रहे थे। इस दौरान पुलिस ने एचडीएफसी बैंक से सटे 14 नंबर रोड की ओर जाने वाली गली में गौतम और भरत को संदिग्ध हालत में देखा तो उनसे पूछताछ करनी चाही, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। पुलिस ने जब इनसे पूछताछ की तो सारा राज खुल गया।
प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए पटना आया था
आकाश के गिरोह के सदस्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते थे। साइबर ठगी में शामिल, फिर लाखों कमाकर छोड़ दी पढ़ाई रोज लाखों ठगने के बाद वह अय्याशी के लिए कोलकाता चला जाता था। इसके साथ ही उसने गर्लफ्रेंड भी बना ली थी। पटना के एसएसपी डॉ. मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि गिरोह में शामिल लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। पुलिस ने इनके पास से लैपटॉप, 1.45 लाख कैश, 10 मोबाइल, बाइक, धानी फाइनेंस नाम की फर्जी कंपनी के दस्तावेज बरामद किए हैं।
आकाश के गिरोह के सदस्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते थे। साइबर ठगी में शामिल, फिर लाखों कमाकर छोड़ दी पढ़ाई रोज लाखों ठगने के बाद वह अय्याशी के लिए कोलकाता चला जाता था। इसके साथ ही उसने गर्लफ्रेंड भी बना ली थी। पटना के एसएसपी डॉ. मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि गिरोह में शामिल लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। पुलिस ने इनके पास से लैपटॉप, 1.45 लाख कैश, 10 मोबाइल, बाइक, धानी फाइनेंस नाम की फर्जी कंपनी के दस्तावेज बरामद किए हैं।