शहर-राज्य से दूर होने पर भी दे सकेंगे अपना वोट, चुनाव आयोग का रिमोट वोटिंग सिस्टम हुआ तैयार; जानिए आखिर कैसे होगा?
चुनाव आयोग के अनुसार, आधुनिक तकनीक के युग में केवल प्रवासी होने के आधार पर मतदान के अधिकार से वंचित किया जाना स्वीकार्य विकल्प नहीं है।
Dec 29, 2022, 15:22 IST
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चुनाव आयोग ने घर से दूर रहने वाले वोटरों के लिए रिमोट वोटिंग सिस्टम (RVM) तैयार किया है। चुनाव आयोग ने गुरुवार को इसकी घोषणा की। रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी आरवीएम (RVM) की मदद से अब घर से दूर दूसरे शहर और राज्य में रहने वाला मतदाता विधानसभा/लोकसभा चुनाव में अपना वोट डाल सकेगा। यानी उन्हें वोटिंग के लिए अपने घर नहीं आना होगा। आयोग 16 जनवरी को सभी राजनीतिक दलों को इस आरवीएम (RVM) का लाइव प्रदर्शन करेगा।Read Also:-हवाई जहाज में कभी नहीं देखी होगी ऐसी मारपीट, बैंकॉक से भारत आ रहा था विमान; बहस से हाथापाई तक पहुंची बात
यह एक रिमोट पोलिंग बूथ से 72 निर्वाचन क्षेत्रों तक मतदान कर सकता है। चुनाव आयोग ने प्रोटोटाइप आरवीएम (RVM)के प्रदर्शन के लिए राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया है। इस पर आयोग कानूनी, प्रक्रियागत, प्रशासनिक और तकनीकी चुनौतियों पर राजनीतिक दलों से राय लेगा। चुनाव आयोग के अनुसार, आधुनिक तकनीक के युग में केवल प्रवासी होने के आधार पर मतदान के अधिकार से वंचित किया जाना स्वीकार्य विकल्प नहीं है।
आयोग के अनुसार, आम चुनाव 2019 में 67.4 प्रतिशत मतदान हुआ। आयोग इस तथ्य से अवगत है कि 30 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने मतदान के अपने अधिकार का प्रयोग नहीं किया है और मतदान प्रतिशत अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग है। यह माना जाता है कि मतदाता के नए निवास स्थान पर पंजीकरण नहीं कराने के कई कारण हैं और इस प्रकार मतदान के अधिकार का प्रयोग करने का अवसर खो देते हैं।
मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग एक नया प्रयोग कर रहा है।
मतदान प्रतिशत बढ़ाने और चुनाव में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में आयोग प्रवासियों को वोट देने का अधिकार देने के लिए एक नया प्रयोग करने जा रहा है। इससे समाधान मिलेगा और प्रवासी कार्य क्षेत्र से ही अपना वोट डाल सकेंगे। देश के भीतर प्रवासन के लिए कोई केंद्रीय डेटाबेस नहीं है, फिर भी सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध डेटा बताता है कि प्रवासन रोजगार, विवाह और शिक्षा सहित पहलुओं से संबंधित है। अगर हम घरेलू प्रवास को देखें, तो यह बड़े पैमाने पर ग्रामीण आबादी के बीच देखा गया है। लगभग 85 प्रतिशत आंतरिक प्रवास राज्यों के भीतर होता है।
मतदान प्रतिशत बढ़ाने और चुनाव में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में आयोग प्रवासियों को वोट देने का अधिकार देने के लिए एक नया प्रयोग करने जा रहा है। इससे समाधान मिलेगा और प्रवासी कार्य क्षेत्र से ही अपना वोट डाल सकेंगे। देश के भीतर प्रवासन के लिए कोई केंद्रीय डेटाबेस नहीं है, फिर भी सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध डेटा बताता है कि प्रवासन रोजगार, विवाह और शिक्षा सहित पहलुओं से संबंधित है। अगर हम घरेलू प्रवास को देखें, तो यह बड़े पैमाने पर ग्रामीण आबादी के बीच देखा गया है। लगभग 85 प्रतिशत आंतरिक प्रवास राज्यों के भीतर होता है।