मंकीपॉक्स पर केंद्र की गाइडलाइंस: 21 दिन का आइसोलेशन, ट्रिपल लेयर मास्क जरूरी; WHO की सलाह- सेक्सुअल पार्टनर्स सीमित रखे
अफ्रीका में पिछले कई सालों से मंकीपॉक्स वायरस के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन इस बार इसने बड़ा विस्तार किया है। भारत समेत 80 देशों में मंकीपॉक्स के 20,710से ज्यादा मामले पाए गए हैं।
Updated: Jul 28, 2022, 16:10 IST
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देश में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनमें 21 दिनों का आइसोलेशन, घावों को ढंकना और ट्रिपल लेयर मास्क पहनना शामिल है। इसके अलावा सरकार ने मंकीपॉक्स की जांच के लिए टेस्टिंग किट और वैक्सीन बनाने का टेंडर भी निकाला है। वैक्सीन कंपनियां 10 अगस्त तक आवेदन कर सकती हैं। Read Also:-Indian Railway News : अब ट्रेन में महिलाओं को मिलेगी कंफर्म सीट, रेल मंत्री ने किया बड़ा ऐलान
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अदनोम गेब्रेयसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कहा कि पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाने वाले पुरुष इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। मंकीपॉक्स से बचने के लिए जरूरी है कि पुरुष अपने सेक्शुअल पार्टनर को सीमित करें।
देश में अब तक मंकीपॉक्स के 4 मामले
देश में अब तक मंकीपॉक्स के 4 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से केरल में 3 और दिल्ली में 1 मरीज मिला है। अब तक 4 संदिग्ध मामले भी सामने आए हैं। सभी नमूनों को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे भेजा गया है। हालांकि अभी रिपोर्ट नहीं आई है।
देश में अब तक मंकीपॉक्स के 4 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से केरल में 3 और दिल्ली में 1 मरीज मिला है। अब तक 4 संदिग्ध मामले भी सामने आए हैं। सभी नमूनों को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे भेजा गया है। हालांकि अभी रिपोर्ट नहीं आई है।
#Monkeypox is a viral zoonotic disease. Know its symptoms and ways you can keep yourself safe from it.
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) July 28, 2022
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स्वास्थ्य मंत्रालय जारी की गाइडलाइंस:
- मंकीपॉक्स संक्रमित मरीज को 21 दिनों तक क्वारंटाइन रहना होगा।
- फेस मास्क पहनने के साथ-साथ हाथ धोते रहें। मास्क को तीन लेयर में पहनना चाहिए।
- घाव को पूरी तरह ढक कर रखें। जब तक वह पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाते, तब तक उन्हें अस्पताल में ही रहना होगा।
- अस्पताल के वार्ड में भर्ती किसी संक्रमित मरीज या किसी संदिग्ध मरीज की दूषित सामग्री के संपर्क में आने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को तब तक ड्यूटी से बाहर नहीं होना चाहिए जब तक उनमें कोई लक्षण न दिखें। हालांकि ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों की 21 दिनों तक निगरानी बेहद जरूरी है।
- मंकीपॉक्स रोगी के संपर्क में आने, उसके साथ शारीरिक संपर्क बनाने या दूषित चीजों जैसे कपड़े, बिस्तर आदि के संपर्क में आने से संक्रमण फैल सकता है। इससे बचना बहुत जरूरी है।
वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां तैयार करती हैं टेस्ट किट
केंद्र सरकार ने मंकीपॉक्स से निपटने की तैयारी भी शुरू कर दी है। केंद्र ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को पहले मंकीपॉक्स के लिए डायग्नोस्टिक किट तैयार करने को कहा है, ताकि इस बीमारी का जल्दी और सटीक पता लगाया जा सके। इसके साथ ही इस बीमारी से निपटने के लिए वैक्सीन तैयार करना भी जरूरी है। इस पर भी काम होना चाहिए। इसके लिए आईसीएमआर (ICMR) ने कंपनियों से प्रस्ताव भी मांगा है।
केंद्र सरकार ने मंकीपॉक्स से निपटने की तैयारी भी शुरू कर दी है। केंद्र ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को पहले मंकीपॉक्स के लिए डायग्नोस्टिक किट तैयार करने को कहा है, ताकि इस बीमारी का जल्दी और सटीक पता लगाया जा सके। इसके साथ ही इस बीमारी से निपटने के लिए वैक्सीन तैयार करना भी जरूरी है। इस पर भी काम होना चाहिए। इसके लिए आईसीएमआर (ICMR) ने कंपनियों से प्रस्ताव भी मांगा है।
केरल में मिला पहला मामला
देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला 14 जुलाई को केरल के कोल्लम में पाया गया था। इसके बाद 18 और 22 जुलाई को केरल में ही दूसरे और तीसरे मामले की पुष्टि हुई। ये तीनों मरीज खाड़ी देशों से लौटे थे। इसके बाद 25 जुलाई को दिल्ली में चौथे मामले की पुष्टि हुई। हालांकि, इस मरीज की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। वह मनाली से पार्टी करके लौटा था। वहीं, तेलंगाना, बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में 4 संदिग्धों की पहचान की गई है। उनके नमूने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे भेजे गए हैं।
देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला 14 जुलाई को केरल के कोल्लम में पाया गया था। इसके बाद 18 और 22 जुलाई को केरल में ही दूसरे और तीसरे मामले की पुष्टि हुई। ये तीनों मरीज खाड़ी देशों से लौटे थे। इसके बाद 25 जुलाई को दिल्ली में चौथे मामले की पुष्टि हुई। हालांकि, इस मरीज की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। वह मनाली से पार्टी करके लौटा था। वहीं, तेलंगाना, बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में 4 संदिग्धों की पहचान की गई है। उनके नमूने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे भेजे गए हैं।
केंद्र ने सभी राज्य सरकारों को जारी किया अलर्ट
- उत्तराखंड में डेंगू और मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे लोगों को उन लोगों पर नजर रखने को कहा गया है जो केरल या प्रभावित देशों से राज्य में पहुंच रहे हैं।
- दिल्ली आने वाले संदिग्ध मरीजों को एलएनजेपी अस्पताल भेजा जाएगा, जहां मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है.
- यूपी में भी मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। सरकार का कहना है कि पड़ोसी राज्यों में मामले मिलने के बाद सतर्क रहने की जरूरत है।
- मध्यप्रदेश में भी स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने अलर्ट जारी किया है।
- बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने मंकीपॉक्स को लेकर सभी जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है।
दुनिया में मंकीपॉक्स के करीब 21 हजार मामले
मंकीपॉक्समीटर डॉट कॉम के आंकड़ों के मुताबिक भारत समेत 80 देशों में 20,710 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से यूरोप में करीब 12 हजार लोग मंकीपॉक्स की चपेट में आ चुके हैं। वहीं, इस बीमारी से प्रभावित शीर्ष 10 देशों में ब्रिटेन, स्पेन, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, पुर्तगाल, कनाडा, नीदरलैंड, इटली और बेल्जियम शामिल हैं। मंकीपॉक्स ने इस साल तीन लोगों की जान ले ली है।
WHO ने घोषित किया स्वास्थ्य आपातकाल (Health Emergency)
डब्ल्यूएचओ (WHO) ने मंकीपॉक्स के कारण दुनिया भर में स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यह बीमारी रोगी के साथ त्वचा से त्वचा के संपर्क में आने या उसे खाना खिलाने से भी फैलती है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, बर्तन और बिस्तर को छूने से भी मंकीपॉक्स फैल सकता है।
डब्ल्यूएचओ (WHO) ने मंकीपॉक्स के कारण दुनिया भर में स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यह बीमारी रोगी के साथ त्वचा से त्वचा के संपर्क में आने या उसे खाना खिलाने से भी फैलती है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, बर्तन और बिस्तर को छूने से भी मंकीपॉक्स फैल सकता है।