असम और मेघालय सीमा पर पुलिस फायरिंग में 6 लोगो की मौत, 7 जिलों में 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा हुई बंद

असम और मेघालय बॉर्डर पर पुलिस फायरिंग में छह लोगों की मौत हो गई है।  मरने वालों में पांच जयंती हिल्स जिले के मुखरो गांव के स्थानीय लोग हैं। वहीं, असम वन विभाग का एक कर्मी शामिल है।
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ASSAM
असम-मेघालय सीमा पर फायरिंग: असम और मेघालय बॉर्डर पर पुलिस फायरिंग में छह लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में पांच जयंती हिल्स जिले के मुखरो गांव के स्थानीय लोग हैं। वहीं, असम वन विभाग का एक कर्मी शामिल है। मेघालय पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। सभी मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।Read Also:-UP : प्रेमी ने फिल्मी अंदाज में वीडियो कॉल कर खुद को मारी गोली, प्रेमिका ने मिलने से कर दिया था इनकार

 

इस घटना में मरने वाले 5 लोग मेघालय के रहने वाले हैं। खबर फैलते ही मेघालय के 7 जिलों में हिंसा भड़क गई। इसके बाद मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के आदेश पर इन जिलों में 48 घंटे के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है। इनमें पश्चिम जयंतिया पहाड़ियां, पूर्वी जयंतिया पहाड़ियां, पूर्वी खासी पहाड़ियां, री-भोई, पूर्व पश्चिम खासी पहाड़ियां, पश्चिम खासी पहाड़ियां और दक्षिण-पश्चिम खासी पहाड़ियां शामिल हैं।

 


हादसे को दुखद बताते हुए मेघालय के सीएम ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की. उन्होंने बताया कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जो भी हुआ बहुत दुखद है। मेघालय पुलिस ने घटना की प्राथमिकी दर्ज की है। इसकी जांच की जाएगी।

 

वीडियो वायरल होने से हिंसा भड़क गई
मंगलवार सुबह हुई फायरिंग में छह लोगों की मौत की सूचना सोशल मीडिया से फैल गई। इसके बाद मेघालय के सात जिलों में हिंसा शुरू हो गई। बिगड़ती कानून व्यवस्था को देखते हुए इंटरनेट बंद कर दिया गया। व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब अगले 48 घंटे तक बंद रहेंगे। इन जिलों में पुलिस ने फोर्स बढ़ा दी है।

 

50 साल पुराना असम-मेघालय सीमा विवाद इसी साल सुलझा लिया गया
असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद 50 साल से ज्यादा पुराना है। इस साल की शुरुआत में, दोनों राज्यों के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा और कॉनराड कोंगकल संगमा ने दिल्ली में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके बाद 12 सर्वाधिक विवादित क्षेत्रों में से 6 की राज्य सीमा निर्धारित की गई। एमओयू पर दस्तखत के वक्त गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे।

 

एमओयू साइन करने के बाद असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि यह हमारे लिए ऐतिहासिक दिन है। इस एमओयू के बाद बाकी विवादित जगहों की समस्या का जल्द समाधान करना हमारा लक्ष्य है। हम North Eastern Region को देश के विकास का इंजन बनाने की दिशा में काम करेंगे।

 

31 जनवरी को प्रस्ताव भेजा गया था
असम और मेघालय के मुख्यमंत्रियों ने परीक्षण और विचार के लिए गृह मंत्रालय को एक मसौदा भेजा था। असम और मेघालय की सरकारें 884 किमी सीमा पर 12 में से 6 हिस्सों में सीमा विवाद को सुलझाने के लिए सहमत हैं। 36.79 वर्ग किमी भूमि के लिए भेजी गई सिफारिशों के अनुसार, असम 18.51 वर्ग किमी और शेष 18.28 वर्ग किमी मेघालय को देगा।

 

दोनों राज्यों के बीच यह समझौता काफी अहम है क्योंकि विवाद काफी समय से चल रहा है। इसकी शुरुआत 1972 में हुई थी जब मेघालय को असम से अलग किया गया था। नए राज्य के गठन के समझौते में सीमांकन के दौरान कई क्षेत्रों को लेकर विवाद सामने आए।

 

सीमा विवाद को लेकर हिंसक घटनाएं
14 मई 2010 को, कामरूप, असम की सीमा से लगी पश्चिम खासी पहाड़ियों के लांगपेह में असम पुलिस कर्मियों द्वारा की गई गोलीबारी में चार खासी ग्रामीण मारे गए थे। जबकि 12 घायल हो गए।
26 जुलाई 2021 को अब तक की सबसे भीषण हिंसा हुई। जिसमें असम पुलिस के छह जवानों की मौत हो गई और दोनों राज्यों के करीब 100 लोग और सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।

 

6 क्षेत्र, जिनके स्वामित्व पर दोनों राज्यों की सहमति थी
असम-मेघालय सीमा विवाद में शामिल छह क्षेत्र ताराबाड़ी, गिजांग, हाहिम, बोकालापारा, खानापारा-पिलंगकाटा और रतचेरा हैं। जो मेघालय में पश्चिम खासी हिल्स, री-भोई और पूर्वी जयंतिया हिल्स जिलों और असम की तरफ कछार, कामरूप (मेट्रो) और कामरूप जिलों का हिस्सा हैं। अंतर्राज्यीय सीमा से सटे 36 विवादित गांवों में से 30 कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 18.29 वर्ग किमी मेघालय में रहेंगे जबकि 18.51 वर्ग किमी असम में आ गए हैं। 
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