एक दिन में 10 लाख ब्लड शुगर टेस्ट कर RSSDI ने रचा इतिहास, एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में होगा दर्ज
RSSDI ने बड़ी संख्या में उन लोगों का Blood Sugar Test करने में सफलता पाई है, जिन्हें पता ही नहीं था कि वे डायबिटीक हैं।
मधुमेह के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से रिसर्च सोसाइटी फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया (RSSDI) ने विश्व हृदय दिवस पर पूरे देश में 10 लाख लोगों लोगों के ब्लड शुगर का परीक्षण कर इतिहास रच दिया। दुनिया में अभी तक कहीं भी एक दिन में इतनी बड़ी आबादी का ब्लड शुगर टेस्ट एक दिन में नहीं हुआ है। अब इस इवेंट को एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया जाएगा।
हृदय रोगों का एक प्रमुख कारण डायबिटीज भी
डॉ. नरसिंघ वर्मा ने बताया कि मधुमेह और हृदय रोग का घनिष्ठ संबंध अच्छी तरह से सिद्ध है। हृदय रोगों के होने का एक प्रमुख कारण डायबिटीज भी है, लेकिन आज भी बड़ी संख्या में देश में ऐसे लोग हैं जिन्हें पता ही नहीं है कि उन्हें डायबिटीज है। इसीलिए RSSDI ने लोगों को नियमित शुगर चेकअप कराने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से डिफिट डायबिटीज कैंपेन (Defeat diabetes Campaign) की शुरुआत की थी।
देशभर के चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ ने किया सहयोग
डॉ. नरसिंघ वर्मा ने बताया कि 100 दिन चलने वाला यह अभियान 1 जुलाई को शुरू हुआ था, लेकिन 29 सितंबर, 2021 को विश्व हृदय दिवस पर 1 मिलियन टेस्ट करने का लक्ष्य बनाया गया, जिसे देशभर के चिकित्सकों और हेल्थ वर्कर्स ने मिलकर सफलतापूर्वक पूरा किया और विश्व रिकॉर्ड बनाया।
कई लोगों को कैंप में ही पता चला कि उन्हें डायबिटीज है
डॉ अनुज महेश्वरी ने बताया कि इस दौरान RSSDI ने बड़ी संख्या में उन लोगों का टेस्ट करने में सफलता पाई है, जिन्हें पता ही नहीं था कि वे डायबिटीक हैं। इस कैंपेन में ग्रामीण इलाकों के 56%, जबकि शहरी क्षेत्र के 65% मरीजों की शुगर बढ़ी निकली, जबकि इनमें से ज्यादातर खुदको स्वस्थ मान रहे थे और इन्हें पता ही नहीं था कि उन्हें डायबिटीज है।
समय रहते नहीं कराते जांच
डॉ. अनुभा श्रीवास्तव ने बताया कि हर साल देश में लाखों लोग तेजी से डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं। दरअसल वे समय रहते इसकी जांच नहीं कराते इसीलिए उन्हें पता ही नहीं चल पाता कि उन्हें डायबिटीज है। नतीजत बीमारी का पता लगने तक यह गंभीर स्थिति में पहुंच चुकी होती है। डॉ. अनुज के मुताबिक अगर हम समय रहते रेग्युलर चेकअप से इस बीमारी को पकड़ लें तो हम काफी हद तक इसपर कंट्रोल कर सकते हैं। भारत में वर्तमान में मधुमेह से लगभग 77 मिलियन लोग पीड़ित हैं। लगभग इतने ही लोगों को प्री-डायबिटीज यानी के मधुमेह होने का ख़तरा है।
मधुमेह एक गंभीर बीमारी है
डॉ. क्षितिज भारद्वाज ने बताया कि कोविड 19 के चलते दम तोड़ने वालों मरीजों में से ज्यादातर डायबिटीज से पीड़ित थे। कोविड-19 महामारी ने हमें सिखाया है कि अनियंत्रित मधुमेह एक गंभीर बीमारी हो सकती है, जिससे COVID-19 के रोगियों में गम्भीर समस्याएं पैदा हुई।
ग्रामीण इलाकों पर ज्यादा ध्यान
उन्होंने बताया कि शहरों के मुकाबले गांवों में एक बड़ी आबादी संसाधन न होने के चलते शुगर टेस्ट नहीं करा पाते हैं, इसीलिए इस अभियान में RSSDI ने ग्रामीण आबादी को ज्यादा से ज्यादा शामिल किया। यह मेगा-इवेंट रहा, जिसे आधिकारिक तौर पर "वन नेशन, वन डे, वन मिलियन ब्लड शुगर टेस्टिंग" का नाम दिया गया है, अपनी तरह का पहला आयोजन था।
इन लोगों का रहा सहयोग
- लखनऊ में डॉ अनुज माहेश्वरी , डॉ नरसिंघ वर्मा , डॉ क्षितिज भरद्वाज की टीम ने 1000 से ज्यादा मरीजों पर टेस्ट किए।
- प्रयागराज में MLNMR मेडिकल कॉलेज की डॉ. अनुभा वर्मा की टीम ने करीब 500 लोगो के टेस्ट किए