Protein Supplements : इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने दी चेतावनी, डॉक्टरों ने भी कहा-बंद करो इसे
प्रोटीन सप्लीमेंट का सेवन शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा प्रोटीन सप्लीमेंट को लेकर चेतावनी जारी करने के बाद डॉक्टरों ने भी इसका इस्तेमाल न करने की बात कही है।
May 12, 2024, 00:05 IST
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हैदराबाद के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन (NIN) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में प्रोटीन सप्लीमेंट का इस्तेमाल न करने की बात कही गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बॉडी बिल्डिंग करने वाले लोगों को प्रोटीन सप्लीमेंट से दूर रहना चाहिए। NIN भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) का एक हिस्सा है। आईसीएमआर देश की सबसे बड़ी चिकित्सा अनुसंधान परिषद है। आईसीएमआर (ICMR) ने बुधवार को भारतीयों के लिए आहार दिशानिर्देश जारी किए थे। आईसीएमआर-एनआईएन (ICMR-NIN) की इस रिपोर्ट के बाद डॉक्टरों ने प्रोटीन सप्लीमेंट का इस्तेमाल न करने को भी कहा। डॉक्टरों ने बताया कि प्रोटीन सप्लीमेंट की जगह ऐसी चीजों का इस्तेमाल करें जिनमें प्राकृतिक प्रोटीन हो।READ ALSO:-स्कूली छात्रा से छेड़छाड़ करने वाले ऑटो चालक का वीडियो वायरल, 'मर्सिडीज' के लोगो से पुलिस ने आरोपी को पकड़ा
जिम जाने वाले और एथलीट इसका अधिक उपयोग करते हैं
जिम में बॉडी बिल्डिंग करने वाले लोगों के लिए इस समय प्रोटीन सप्लीमेंट काफी लोकप्रिय है। वे इनका खूब इस्तेमाल करते हैं। कई जिम एक्सपर्ट भी इन्हें खाने की सलाह देते हैं। बॉडी बिल्डिंग के साथ-साथ एथलीट प्रोटीन सप्लीमेंट का भी खूब इस्तेमाल करते हैं। इसके इस्तेमाल से उनकी कार्यक्षमता काफी बढ़ जाती है। इससे जहां बॉडी बिल्डर तेजी से मांसपेशियां बनाते हैं, वहीं एथलीटों का प्रदर्शन भी बेहतर होता है।
जिम में बॉडी बिल्डिंग करने वाले लोगों के लिए इस समय प्रोटीन सप्लीमेंट काफी लोकप्रिय है। वे इनका खूब इस्तेमाल करते हैं। कई जिम एक्सपर्ट भी इन्हें खाने की सलाह देते हैं। बॉडी बिल्डिंग के साथ-साथ एथलीट प्रोटीन सप्लीमेंट का भी खूब इस्तेमाल करते हैं। इसके इस्तेमाल से उनकी कार्यक्षमता काफी बढ़ जाती है। इससे जहां बॉडी बिल्डर तेजी से मांसपेशियां बनाते हैं, वहीं एथलीटों का प्रदर्शन भी बेहतर होता है।
रिपोर्ट में हार्ट अटैक की वजह का खुलासा हुआ
आईसीएमआर-एनआईएन (ICMR-NIN) की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रोटीन सप्लीमेंट में ब्रांच्ड चेन अमीनो एसिड (बीसीएए) समेत कई चीजें बड़ी मात्रा में पाई जाती हैं। इसके कारण, जो लोग इसका उपयोग करते हैं वे न केवल अपनी मांसपेशियों को तेजी से ठीक करते हैं बल्कि उनकी ऊर्जा का स्तर भी बढ़ाते हैं। हालाँकि, इसके कई नुकसान भी हैं। प्रोटीन सप्लीमेंट में मौजूद बीसीएए समेत कई चीजों के इस्तेमाल से लोगों में गैर-संचारी रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इन बीमारियों में दिल का दौरा, स्ट्रोक, कैंसर, अस्थमा, मधुमेह आदि शामिल हैं।
'किडनी भी खराब होने का खतरा'
सीनियर कंसल्टेंट फिजिशियन और डायबिटीज स्पेशलिस्ट डॉ. अंशुल वार्ष्णेय का कहना है कि लोगों को प्रोटीन सप्लीमेंट से दूर रहना चाहिए। इसके लिए ऐसी चीजें खाना बेहतर होगा जिनमें प्राकृतिक प्रोटीन हो। दरअसल, प्रोटीन सप्लीमेंट के इस्तेमाल से सबसे ज्यादा असर किडनी पर पड़ता है। ऐसे बहुत से लोग हैं जो जल्दी बॉडी बनाने के लिए जिम में प्रोटीन सप्लीमेंट का खूब इस्तेमाल करते हैं। इससे किडनी का क्रिएटिनिन लेवल बढ़ जाता है। इस स्तर के बढ़ने से किडनी खराब हो सकती है। बेहतर होगा कि आप प्रोटीन सप्लीमेंट की जगह पनीर, अंडे, सोयाबीन आदि को डाइट में शामिल करें। अंकुरित अनाज खाएं।
सीनियर कंसल्टेंट फिजिशियन और डायबिटीज स्पेशलिस्ट डॉ. अंशुल वार्ष्णेय का कहना है कि लोगों को प्रोटीन सप्लीमेंट से दूर रहना चाहिए। इसके लिए ऐसी चीजें खाना बेहतर होगा जिनमें प्राकृतिक प्रोटीन हो। दरअसल, प्रोटीन सप्लीमेंट के इस्तेमाल से सबसे ज्यादा असर किडनी पर पड़ता है। ऐसे बहुत से लोग हैं जो जल्दी बॉडी बनाने के लिए जिम में प्रोटीन सप्लीमेंट का खूब इस्तेमाल करते हैं। इससे किडनी का क्रिएटिनिन लेवल बढ़ जाता है। इस स्तर के बढ़ने से किडनी खराब हो सकती है। बेहतर होगा कि आप प्रोटीन सप्लीमेंट की जगह पनीर, अंडे, सोयाबीन आदि को डाइट में शामिल करें। अंकुरित अनाज खाएं।
'प्राकृतिक चीजों का करें प्रयोग'
तिब्बिया कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. भगवान सहाय शर्मा बताते हैं कि प्रोटीन सप्लीमेंट में भारी प्रोटीन पाया जाता है। ये प्रोटीन किडनी से बाहर नहीं निकल पाते जिसके कारण किडनी और लीवर दोनों पर बुरा असर पड़ता है। अगर इनका लगातार इस्तेमाल किया जाए तो किडनी और लिवर को भी नुकसान हो सकता है। प्रोटीन सप्लीमेंट की जगह प्राकृतिक चीजें खाएं। इनमें दालें, सोयाबीन, दूध, पनीर दही आदि शामिल हैं। बॉडी बिल्डर्स को प्रीटीन डाइट के साथ फैट का भी इस्तेमाल करना चाहिए। इसके लिए रोजाना खाने में देसी घी का इस्तेमाल करें। सूखे मेवे खाएं क्योंकि इनमें प्राकृतिक वसा होती है। बच्चों को प्रोटीन सप्लीमेंट से भी दूर रहना चाहिए। मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए डॉक्टर की सलाह के अनुसार अश्वगंधा, शतावरी आदि चीजों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
तिब्बिया कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. भगवान सहाय शर्मा बताते हैं कि प्रोटीन सप्लीमेंट में भारी प्रोटीन पाया जाता है। ये प्रोटीन किडनी से बाहर नहीं निकल पाते जिसके कारण किडनी और लीवर दोनों पर बुरा असर पड़ता है। अगर इनका लगातार इस्तेमाल किया जाए तो किडनी और लिवर को भी नुकसान हो सकता है। प्रोटीन सप्लीमेंट की जगह प्राकृतिक चीजें खाएं। इनमें दालें, सोयाबीन, दूध, पनीर दही आदि शामिल हैं। बॉडी बिल्डर्स को प्रीटीन डाइट के साथ फैट का भी इस्तेमाल करना चाहिए। इसके लिए रोजाना खाने में देसी घी का इस्तेमाल करें। सूखे मेवे खाएं क्योंकि इनमें प्राकृतिक वसा होती है। बच्चों को प्रोटीन सप्लीमेंट से भी दूर रहना चाहिए। मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए डॉक्टर की सलाह के अनुसार अश्वगंधा, शतावरी आदि चीजों का इस्तेमाल किया जा सकता है।