बच्चों के दूध के दांतों की देखभाल है बहुत जरूरी, डॉ. रानू शर्मा बता रहे टिप्स, इन्हें अपनाएं

अधिकतर पेरेंट्स यह सोचते हैं कि बच्चों के दूध के दातों की कोई विशेष देखभाल की जरूरत नहीं होती है। जोकि पूरी तरह गलत है। अगर आप अभी से इनका ख्याल नहीं रखेंगे तो आगे चलकर यह समस्या बन सकती है।
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बच्चों की बढ़ती उम्र में उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। हमें केवल डाइट का ही ध्यान नहीं रखना होता, बल्कि हमारें शरीर के भागों का भी ध्यान बहुत जरूरी है। जिसमें सबसे मुख्य दांत भी होते हैं। जन्म के बाद बच्चों के दूध के दांत 3 साल तक आते हैं। उसे बाद 6 वर्ष की उम्र से उनका टूटना शुरू होता जाता है उसके बाद Permanent दांत आते हैं जो हमारे पूरे जीवन में साथ देते हैं।

 

आज हमारे साथ जाने माने दंत चिकित्सक डॉ. रानू शर्मा (Dentist Dr. Ranu Sharma) आपको बच्चों के दांतों से संबंधित सभी प्रकार की सवाल जो आपके मन में चलते हैं उनके बारे में बताएंगे। उन समस्याओं को भी दूर करने की कोशिश करेंगे जो आप बच्चे के दांतों के प्रति सोचते रखते हैं।

 

डॉ. रानू शर्मा (Dr. Ranu Sharma) के अनुसार जब बच्चे छोटे होते हैं तो उनके दूध के दांत (baby tooth) होते हैं। जोकि बच्चों के खाना चबाने के साथ ही बोलने में भी काफी मदद करते हैं। अगर उस समय से ही बच्चे के oral health को ठीक रखा जाए तो आगे तक के लए फायदेमंद होता हैं।

 

लोगों का मनना है कि बच्चों के baby tooth का ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं होती है। यह सोच गलत है, अगर हम इस दिशा में ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं तो बच्चों के दांतों और मसूड़ों में इनफेक्शन (baby Gum infection) होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। जिसका परिणाम बच्चे के पक्के दांत आने के बाद देखा जा सकता है।

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6 माह से शुरू हो जाती है दांत निकलने की प्रोसेस

आपने देखा होगा कि बच्चे के दांत अकसर 6 माह से लेकर 10 माह के बीच होने पर ही दांत निकलने शुरू हो जाते हैं। इतना ही नहीं, कुछ बच्चों के इससे भी कम समय में दांत निकलने की प्रक्रिया शुय हो जाती है तो कुछ बच्चों में एक साल की उम्र होने पर भी दांत निकलने में दिक्कत होती है।

baby tooth

दूध के दांत कब पक्के दांतों में बदलते हैं?

पेरेंट को पता होता है हालांकि जो न्यू पेरेंट बने है शायद उन्हें नहीं पता होगा कि सबसे पहले बच्चे का बीच का दांत आना शुरू होता है। यह दांत आने की प्रक्रिया पूरे 3 साल तक चलती है। उसके बाद यह पुराने होने लगते हैं। फिर 6 वर्ष से करीब 20 वर्ष के बीच बच्चे के पुराने दूध के दांत टूट जाते हैं और पक्के दांत (Permanent tooth) आते हैं जिन्हे पर्मानेंट टूथ भी कहा जाता है।

 

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दांत निकलने की शुरूआत में इस तरह करें बच्चे की केयर 

बच्चे के तीन महीने का होने पर एक साफ सूती कपड़े को गीला करके बचचे के मसूड़ों पर हल्का-हल्का रब करें। इस प्रक्रिया को आप दिन में दो से तीन बार कर ले तों बहतर रहेगा । जब बच्चे का पहला दांत आ जाए तो उसे मुलायम टूथब्रश जो कि 2 साल तक के बच्चों के लिए बनाया जाता है उससे साफ करें। याद रहे ब्रश प्रयोग करते समय आपको उस पर टूथपेस्ट बिल्कुल भी नहीं लगाता है। ब्रश को केवल पानी में भिगोकर ही बच्चे के दांत पर स्तेमाल करना होगा।

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हां, एक बात याद रहे बच्चे के दांत साफ करते समय बच्चे को उस पोजिशन में बैठाना होना जिसमें उसके दांत दिखें, आप उसकी ठोड़ी को पकड़ें वहीं, सिर को पिछे अपने शरीर से सहारा दें। उसके बाद ओठों को खोलकर दातों पर ब्रेश गोल-गोल शेप में घुमाएं। आपको ध्यान रहे की दांतों के साथ बच्चों के मसूड़ों को भी साफ करना होगा। ब्रश को साफ-सुथरी जगह पर रखें, जब आपको लगे की ब्रश बदलने की जरूरत है तो उसे बदल दें।

 

बच्चों को इन चीजों को खिलानें से परहेज करें 

 पैदा होने से 6 माह तक बच्चों को सिर्फ मां का दूध ही काफी होता है। इसके अलावा बच्चे को किसी  भोजन की जरूरत नहीं होती है। 6 माह बीतने के बाद बच्चों को खाना देना शुरू किया जाता है। खाना ऐसा होना चाहिए जो पौष्टिक हो ओर आसानी से पचने वालो हो। ऐसे खाने की वस्तुओं में हमें ध्यान देना होगा कि बच्चों को मीठी चीज ना दी जाएं। अगर आप दे भी रहे हैं तो उसकी मात्रा बहुत कम होनी चाहिए। क्योंकि दांतों में केवेटी या अन्य समस्या का कारण मुख्य रूप से मीठे को माना जाता है। इस लिए ध्यान रहे खाने में मीठा कम  से कम दें।

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