B virus infection क्या है? हांगकांग में सामने आया पहला मामला, मकाक और रीसस मकाक प्रजाति के बंदरों है कनेक्शन!
बी वायरस का संक्रमण: बी वायरस का संक्रमण बंदर के काटने से होता है। बी वायरस से संक्रमित होने के कुछ दिनों बाद पीड़ित को बुखार हो जाता है। उन्हें पेट दर्द, उल्टी और सिरदर्द की शिकायत है, यह एक घातक संक्रमण है।
Apr 18, 2024, 00:00 IST
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हांगकांग में बी वायरस (B virus) संक्रमण का पहला मानव मामला सामने आया है। बंदर के हमले के बाद पीड़ित इस वायरस से संक्रमित हो गया है। फिलहाल पीड़ित आईसीयू (ICU) में भर्ती है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों के मुताबिक बी वायरस (B virus) से संक्रमित होने के कुछ दिन बाद बुखार आता है। पीड़ित को पेट दर्द, उल्टी और सिरदर्द की शिकायत होती है, यह एक घातक संक्रमण है।READ ALSO:-एटीएम से पैसे निकालने के नियमों की न करें अनदेखी! वरना आपकी जेब ढीली हो सकती है, जानिए क्या है इसका प्रोसेस
B virus क्या है?
हांगकांग में बी वायरस (B virus) का पहला मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। डॉक्टरों के मुताबिक इस वायरस का वैज्ञानिक नाम हर्पीस बी वायरस (McHV-1) है। ऐसा बंदर के काटने से होता है। इसके बाद पीड़ित को घाव के आसपास तेज दर्द का अनुभव होता है। जहां बंदर ने काटा है वहां सुन्नता या खुजली की शिकायत होती है।
हांगकांग में बी वायरस (B virus) का पहला मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। डॉक्टरों के मुताबिक इस वायरस का वैज्ञानिक नाम हर्पीस बी वायरस (McHV-1) है। ऐसा बंदर के काटने से होता है। इसके बाद पीड़ित को घाव के आसपास तेज दर्द का अनुभव होता है। जहां बंदर ने काटा है वहां सुन्नता या खुजली की शिकायत होती है।
मकाक बंदर से है होता है
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस वायरस से पीड़ित बंदर को देखकर इसका पता नहीं लगाया जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, हर बंदर के काटने या हमले से यह वायरस नहीं होता है। यह वायरस मकाक बंदरों और रीसस मकाक बंदरों में पाया जाता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1932 के बाद से दुनिया भर में इस वायरस के केवल 50 मामले सामने आए हैं।
ऐसा कब हो सकता है
यह वायरस बंदर के काटने, खरोंचने या संक्रमित शारीरिक तरल पदार्थ के संपर्क से फैल सकता है। हालांकि यह मानव शरीर में कम होता है, लेकिन एक बार हो जाए तो जानलेवा साबित हो सकता है। इसके मरीज को पहले बुखार, फिर सिरदर्द, उल्टी और भविष्य में न्यूरोलॉजिकल डिसफंक्शन (Neurological Dysfunction) तक हो सकता है।
यह वायरस बंदर के काटने, खरोंचने या संक्रमित शारीरिक तरल पदार्थ के संपर्क से फैल सकता है। हालांकि यह मानव शरीर में कम होता है, लेकिन एक बार हो जाए तो जानलेवा साबित हो सकता है। इसके मरीज को पहले बुखार, फिर सिरदर्द, उल्टी और भविष्य में न्यूरोलॉजिकल डिसफंक्शन (Neurological Dysfunction) तक हो सकता है।