दुनिया के 120 करोड़ लोग तनाव से जूझ रहे हैं... 30 साल पहले महिलाएं ज्यादा चिंता करती थीं, लेकिन अब पुरुष रहते हैं परेशान
द लैंसेट (The Lancet) ने 200 देशों के लोगों का 1990 से 2019 तक हाइपरटेंशन की समस्या का विश्लेषण किया है। रिपोर्ट में 30 से लेकर 79 साल तक के लोगों की आबादी को शामिल किया गया है।
Sep 16, 2021, 00:06 IST
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जीवन में तनाव यानी टेंशन से दूर रहना चाहिए, हालांकि ऐसा संभव नहीं है। हाल ही में आई द लैंसेट की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले तीस सालों में दुनियाभर में 120 करोड़ लोग तनाव यानी टेंशन या यूं कहें कि हाइपरटेंशन की समस्या से जूझ रहे हैं। 30 साल पहले महिलाएं ज्यादा टेंशन लेती थीं, लेकिन अब पुरुष ले रहे हैं।
द लैंसेट (The Lancet) ने 200 देशों के लोगों का 1990 से 2019 तक हाइपरटेंशन की समस्या का विश्लेषण किया है। रिपोर्ट में 30 से लेकर 79 साल तक के लोगों की आबादी को शामिल किया गया है। ये रिपोर्ट इन लोगों की ब्लड प्रेशर संबंधी डेटा के आधार पर तैयार की गई है. तनाव को लेकर यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर की गई सबसे बड़ी स्टडी है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 1990 से 2019 के बीच तनाव से पीड़ित लोगों की संख्या दोगुनी हो गई है. ये 30 से 79 साल के लोगों का डेटा है. साल 1990 में दुनियाभर में 33.10 करोड़ महिलाएं और 31.70 करोड़ पुरुष हाइपरटेंशन से जूझ रहे थे। जबकि, 2019 में यह 62.60 करोड़ महिलाएं और 65.62 करोड़ पुरुष तनाव की समस्या से ग्रसित हैं। यानी 30 साल पहले महिलाएं ज्यादा तनाव लेती थीं, अब पुरुष ज्यादा तनाव ले रहे हैं।
Over past 30 years, the no. of people living with #hypertension has doubled globally to over 1.2 billion.
— The Lancet (@TheLancet) September 14, 2021
An intl. study analysed blood pressure measurements from more than 100 million people over 3 decades in 184 countries. https://t.co/YtM6eD1eFu pic.twitter.com/yUAKlHilha
कनाडा और पेरू में पुरुष और महिलाएं टेंशन कम लेते हैं। ताइवान, दक्षिण कोरिया, जापान, स्विट्जरलैंड, स्पेन और इंग्लैंड में महिलाएं तनाव कम लेती है. एरिट्रिया, बांग्लादेश, इथियोपिया और सोलोमन आइलैंड्स पर पुरुष तनाव कम लेते हैं। हाई ब्लड प्रेशर, तनाव, दिल संबंधी बीमारियों, स्ट्रोक, किडनी संबंधी बीमारियों की वजह से हर साल 85 लाख लोगों की जान जाती है। इन सबके पीछे तनाव यानी टेंशन बड़ कारण है. जिससे ब्लड प्रेशर पर असर पड़ता है।
द लैंसेट (The Lancet) की यह रिपोर्ट 1990 से 2019 के बीच बनी 1201 स्टडीज के विश्लेषण के आधार पर बनाई गई है। इनकी स्टडी में 10.4 करोड़ लोगों ने अपने ब्लड प्रेशर संबंधी डेटा दिए हैं। जिन देशों के लोग सबसे ज्यादा तनाव लेते हैं- वो हैं मध्य और पूर्वी यूरोप, मध्य और दक्षिण एशिया, ओसीएनिया, दक्षिणी अफ्रीका, कुछ लैटिन और कैरिबियन देश, यानी भारत भी इसी में आता है।
जहां तक बात रही तनाव का इलाज कराने की तो महिलाओं में इलाज का दर 47 फीसदी है, जबकि पुरुषों में 38 फीसदी। इनमें से आधे ही ऐसे होते हैं जो तनाव पर नियंत्रण पा लेते हैं। अगर वैश्विक स्तर पर तनाव पर नियंत्रण करने की दर देखें तो महिलाएं 23 फीसदी और पुरुष 18 फीसदी ही कंट्रोल कर पाते हैं।