कोरोना में माता-पिता को खो चुके छात्रों से एग्जाम-रजिस्ट्रेशन फीस नहीं लेगा CBSE

CBSE ने निर्देश दिया है कि इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए स्कूलों को उम्मीदवारों की लिस्ट (LOC) जमा करते समय ऐसे छात्रों की डिटेल्स उपलब्ध करानी होगी।
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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कोविड -19 महामारी के कारण माता-पिता को खोने वाले छात्रों की एग्जाम और रजिस्ट्रेशन फीस को माफ करने का फैसला लिया है। यह प्रावधान एकेडमिक ईयर 2021-22 के लिए एक विशेष उपाय के रूप में शुरू किया गया है।

 

सीबीएसई ने अपने ऑफिशियल नोटिफिकेशन में कहा है कि सीबीएसई ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए फैसला किया है कि बोर्ड द्वारा उन छात्रों से न तो परीक्षा शुल्क लिया जाएगा और न ही पंजीकरण शुल्क लिया जाएगा, जिन्होंने माता-पिता या सर्वाइविंग या कानूनी अभिभावक / दत्तक माता-पिता को कोविड -19 महामारी के कारण खो दिया है।

 

देनी होगी ये डिटेल्स

सीबीएसई ने निर्देश दिया है कि इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए स्कूलों को उम्मीदवारों की लिस्ट (LOC) जमा करते समय ऐसे छात्रों की डिटेल्स उपलब्ध करानी होगी। बोर्ड ने इस टर्म को दो हिस्सों में बांटने का फैसला किया है, इसलिए पहली बार की परीक्षाएं नवंबर-दिसंबर में आयोजित की जाएंगी। ऐसे में बोर्ड ने सभी स्कूलों और प्राचार्यों को 30 सितंबर तक एलओसी जमा करने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि पांच विषयों के लिए प्रति उम्मीदवार 1500 रुपए और 1200 रुपए तक का सामान्य शुल्क जमा करना होता है। Read ALso : कोरोना से मरने वाले हर व्यक्ति के परिजनों को 50 हजार रुपये मुआवजा देगी सरकार, आवेदन के 30 दिन में खाते में आएगा पैसा

 

ऐसे होगा फीस का विभाजन

सीबीएसई भारत में स्कूलों को 5 विषयों के लिए प्रति उम्मीदवार 1500 रुपये और भारत के बाहर के स्कूलों को 5 विषयों के लिए प्रति उम्मीदवार 10000 रुपये का भुगतान करेगा। दिल्ली के सरकारी स्कूलों के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए 5 विषयों के लिए भारत में स्कूलों द्वारा 1200 रुपये का भुगतान करना होगा, भारत के अन्य राज्यों में सीबीएसई स्कूलों के लिए प्रति उम्मीदवार अतिरिक्त/वैकल्पिक विषयों के लिए 300 रुपये का शुल्क लिया जाएगा। वहीं भारत के बाहर के स्कूलों के लिए, प्रति उम्मीदवार अतिरिक्त / वैकल्पिक विषयों के लिए 2000 रुपये का शुल्क लिया जाएगा।


सिलेबस में बदलाव

सीबीएसई ने इस साल सिलेबस को दो भागों में विभाजित कर दिया है। जिनकी परीक्षा दो टर्म में आयोजित की जाएगी। नवंबर-दिसंबर में होने वाली टर्म- I परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे जिनमें केस-आधारित एमसीक्यूं और अभिकथन-तर्क प्रकार एमसीक्यू शामिल हैं। यह परीक्षा 90 मिनट की होगी।

 

वहीं टर्म II में केस-आधारित, स्थिति-आधारित, ओपन-एंडेड प्रश्नों के साथ-साथ लघु और दीर्घ उत्तर दोनों प्रकार के प्रश्न पूछे जाएंगे। यह पेपर दो घंटे के लिए आयोजित किया जाएगा। हालांकि, अगर कोविड -19 महामारी की स्थिति सामान्य नहीं होती है, तो मार्च में टर्म II की परीक्षा 90 मिनट की होगी, जिसमें एमसीक्यू-आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे।

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