MIET : फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम में जुटे देशभर के 275 शिक्षक

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MIET Faculty Development Program : उत्तरप्रदेश के मेरठ स्थित मेरठ इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (Meerut Institute of Engineering and Technology) में पांच दिवसीय फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम (Faculty Development Program) का शुभारंभ मंगलवार को हुआ। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (Dr. APJ Abdul Kalam Technical University) लखनऊ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का विषय "पारंपरिक एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित शोध में उपयोग होने वाले जानवरों की देखभाल" रहा। देश के विभिन्न राज्यों से लगभग 275 शिक्षकों ने कार्यक्रम में भाग लिया।

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जानवरों पर किया जाता है पहले क्लिनिकल ट्रायल

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के संयुक्त निदेशक (FSSAI) के संयुक्त निदेशक डॉ. विजय पाल सिंह ने बताया कि किसी भी दवाई को मनुष्य को देने से पहले जानवरों पर उसका क्लिनिकल ट्रायल (Clinical trial) किया जाता है। ऐसे में यह जानना सबसे ज्यादा जरूरी है कि अनुसंधान एवं शोध में किस जानवर का चयन करना है और उस जानवर की देखभाल कैसे करनी है। उन्होंने बताया कि ऐसे जानवरों की देखभाल बहुत ही प्रभावशाली तरीके से होनी चाहिए।

शोध के दौरान शोधकर्ता को नियमित तौर पर अपने हाथ से ही जानवर को दवाई देनी चाहिए। अगर किसी दिन किसी अन्य व्यक्ति के हाथ से जानवर को दवाई दी गई तो जानवर तनाव महसूस करेगा। इससे शोध परिणाम प्रभावित होगा। इसलिए शोधकर्ता को नियमित रूप से अपने हाथों से ही जानवर को दवाई देनी चाहिए।

डॉ. विजयपाल सिंह, संयुक्त निदेशक, एफएसएसएआई

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पहली बार जब कोई रोग सामने आता है तो उसके उपचार के लिए नई दवाइयों का परीक्षण किया जाता है। उपचार के दौरान दवाओं के परीक्षण को क्लिनिकल ट्रायल (ड्रग ट्रायल) कहते हैं, लेकिन अब इन ट्रायल्स को गलत तरीके से अंजाम दिया जा रहा है। भारत में यह तेजी से पैर पसार रहा है। दुनियाभर में होने वाले क्लिनिकल ट्रायल्स में से पांच प्रतिशत अकेले हमारे यहां हो रहे हैं।

एम्स के प्रोफेसर सुरेंद्र सिंह

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नई दिल्ली से आए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के संयुक्त निदेशक डॉ. विजय पाल सिंह, विशिष्ट अतिथि एम्स से प्रोफेसर सुरेंद्र सिंह रहे। शुभारंभ एमआईईटी (MIET) के चेयरमैन विष्णु शरण, वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, डायरेक्टर डॉ. मयंक गर्ग, डीन एकेडमिक डॉ. डीके शर्मा, एफडीपी कोऑर्डिनेटर डॉ नितिन शर्मा ने किया। एमआईईटी ग्रुप के चेयरमैन विष्णु शरण ने डॉ. विजय पाल सिंह और प्रोफेसर सुरेंद्र सिंह को शॉल एवं प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया।

शोध की सही जानकारी दी जाएगी

प्रोग्राम के कोऑर्डिनेटर एवं डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्यूटिकल टेक्नोलॉजी के निदेशक डॉ. नितिन शर्मा ने बताया कि एकेटीयू (AKTU) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में शिक्षकों को शोध के लिए जानवरों को किस तरह से उपयोग करना है इसका वास्तविक ज्ञान सिखाया जाएगा। इस दौरान डॉ विपिन कुमार गर्ग, डॉ अनूप कुमार, अजय चौधरी, विश्वास गौतम आदि का सहयोग रहा।

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