जुलाई से महंगा हो जाएगा आपके मोबाइल फ़ोन का बिल! कंपनियां कर रही हैं टैरिफ बढ़ाने की तैयारी
स्पेक्ट्रम नीलामी खत्म होने के बाद अब टेलीकॉम कंपनियां दरें बढ़ाने की तैयारी में हैं। जानकारों के मुताबिक जुलाई से दरों में 15 से 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे मोबाइल इस्तेमाल महंगा हो जाएगा। टेलीकॉम कंपनियां हेडलाइन टैरिफ में भी बढ़ोतरी कर सकती हैं। आपको बता दें कि यह बढ़ोतरी प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों में देखने को मिल सकती है। कंपनियों ने नीलामी में 11,340 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
Updated: Jun 27, 2024, 15:31 IST
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स्पेक्ट्रम नीलामी खत्म होने के बाद अब टेलीकॉम कंपनियां दरें बढ़ाने की तैयारी में हैं। जानकारों के मुताबिक जुलाई से दरों में 15 से 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे मोबाइल का इस्तेमाल महंगा हो जाएगा। टेलीकॉम कंपनियां हेडलाइन टैरिफ में भी बढ़ोतरी कर सकती हैं।READ ALSO:-'पत्नी को चरित्रहीन साबित करने के लिए बच्चों का DNA टेस्ट नहीं कराया जा सकता', हाईकोर्ट ने डॉक्टर पति की मांग को किया खारिज
जुलाई के पहले हफ्ते में हो सकती है बढ़ोतरी
आपको बता दें कि यह बढ़ोतरी प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों में देखने को मिल सकती है। कंपनियों ने नीलामी में 11,340 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। अब वे उस खर्च की भरपाई शुरू करेंगी। हेडलाइन टैरिफ में आखिरी बार दिसंबर 2021 में बढ़ोतरी की गई थी। तब से कंपनियों ने सिर्फ अपने बेस पैक में बढ़ोतरी की थी। कहा जा रहा है कि भारती एयरटेल सबसे पहले बढ़ोतरी का ऐलान कर सकती है।
आपको बता दें कि यह बढ़ोतरी प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों में देखने को मिल सकती है। कंपनियों ने नीलामी में 11,340 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। अब वे उस खर्च की भरपाई शुरू करेंगी। हेडलाइन टैरिफ में आखिरी बार दिसंबर 2021 में बढ़ोतरी की गई थी। तब से कंपनियों ने सिर्फ अपने बेस पैक में बढ़ोतरी की थी। कहा जा रहा है कि भारती एयरटेल सबसे पहले बढ़ोतरी का ऐलान कर सकती है।
कंपनी के शेयर पर दिख सकता है इसका असर
एक्सिस कैपिटल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर गौरव मल्होत्रा का कहना है कि टेलीकॉम कंपनियों के टैरिफ रेट बढ़ाने का असर उनके शेयर पर दिख सकता है। उनके मुताबिक आने वाले समय में भारती एयरटेल का शेयर 1534 रुपये के लक्ष्य को छू सकता है। कुछ ऐसी ही स्थिति रिलायंस के शेयरों में भी देखने को मिलेगी। यह जल्द ही 3512 रुपये के लक्ष्य मूल्य को भी छूता नजर आएगा।
एक्सिस कैपिटल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर गौरव मल्होत्रा का कहना है कि टेलीकॉम कंपनियों के टैरिफ रेट बढ़ाने का असर उनके शेयर पर दिख सकता है। उनके मुताबिक आने वाले समय में भारती एयरटेल का शेयर 1534 रुपये के लक्ष्य को छू सकता है। कुछ ऐसी ही स्थिति रिलायंस के शेयरों में भी देखने को मिलेगी। यह जल्द ही 3512 रुपये के लक्ष्य मूल्य को भी छूता नजर आएगा।
सरकार ने स्पेक्ट्रम नीलामी से इतनी कमाई की
सरकार ने स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए आरक्षित मूल्य 96,238 करोड़ रुपये रखा था, लेकिन दूसरे दिन नीलामी खत्म होने तक सरकार को सिर्फ 11,340.78 करोड़ रुपये की बोलियां मिलीं। तीनों टेलीकॉम कंपनियों ने सिर्फ 141.4 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा है। मोबाइल स्पेक्ट्रम की नीलामी मंगलवार को शुरू हुई थी। दूसरे दिन बुधवार को सुबह 10 बजे नीलामी शुरू हुई तो कुछ घंटे बाद ही खत्म हो गई। दो दिन की इस नीलामी प्रक्रिया में भारती एयरटेल स्पेक्ट्रम खरीद में सबसे आगे रही। इसने कुल 6,856.76 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम खरीदा।
सरकार ने स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए आरक्षित मूल्य 96,238 करोड़ रुपये रखा था, लेकिन दूसरे दिन नीलामी खत्म होने तक सरकार को सिर्फ 11,340.78 करोड़ रुपये की बोलियां मिलीं। तीनों टेलीकॉम कंपनियों ने सिर्फ 141.4 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा है। मोबाइल स्पेक्ट्रम की नीलामी मंगलवार को शुरू हुई थी। दूसरे दिन बुधवार को सुबह 10 बजे नीलामी शुरू हुई तो कुछ घंटे बाद ही खत्म हो गई। दो दिन की इस नीलामी प्रक्रिया में भारती एयरटेल स्पेक्ट्रम खरीद में सबसे आगे रही। इसने कुल 6,856.76 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम खरीदा।
जबकि देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने 973.62 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाई। वहीं वोडाफोन आइडिया ने करीब 3,510.4 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाई है। कुल मिलाकर सरकार को इस स्पेक्ट्रम नीलामी से कुल 11,340.78 करोड़ रुपये मिले हैं। सरकार को स्पेक्ट्रम नीलामी से 96,238 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद थी, लेकिन उसे इसका केवल 12 प्रतिशत ही मिला।