नितिन गडकरी ने इन गाड़ियों पर GST की दर 12% करने की मांग की, अभी चुकाना होता है 28 प्रतिशत GST, गाड़ियां हो जाएंगी सस्ती
अभी वर्तमान में हाइब्रिड सहित पेट्रोल इंजन वाहनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी (GST) लगाया जाता है, तथा इलेक्ट्रिक वाहनों पर पांच प्रतिशत जीएसटी (GST) लगाया जाता है।
Updated: Sep 2, 2024, 19:07 IST
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केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि राज्यों के वित्त मंत्रियों को 'फ्लेक्स-फ्यूल' वाहनों पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) घटाकर 12 प्रतिशत करने पर विचार करना चाहिए। 'फ्लेक्स फ्यूल' वाहनों से तात्पर्य ऐसे वाहनों से है जो एक से अधिक ईंधन पर चलते हैं। आमतौर पर ये वाहन पेट्रोल के साथ-साथ इथेनॉल या मेथनॉल मिश्रित पेट्रोल पर भी चलते हैं। आईएफजीई (IFGE) के इंडिया बायो-एनर्जी एंड टेक एक्सपो को संबोधित करते हुए गडकरी ने यह भी कहा कि कच्चे तेल के आयात को कम करने और जैव ईंधन के उपयोग को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। अगर जीएसटी (GST) घटाने पर सहमति बनती है तो फ्लेक्स-फ्यूल इंजन वाले वाहन सस्ते हो जाएंगे। इससे बिक्री बढ़ेगी।READ ALSO:-बागपत : 8वीं की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म! धर्म परिवर्तन, हिजाब बंधवाना और नमाज पढ़ाने का आरोप
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिला आश्वासन
उन्होंने कहा, "हमें विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों से समर्थन की आवश्यकता है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने मुझे आश्वासन दिया है कि वह इस संबंध में सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों से बात करेंगी। गडकरी ने कहा, "मैंने महाराष्ट्र के वित्त मंत्री से बैठक में शामिल होने और फ्लेक्स-फ्यूल इंजन कारों पर जीएसटी में कमी का प्रस्ताव देने को कहा है।" केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 'फ्लेक्स-फ्यूल' वाहनों पर कर कम करने पर विचार करने का अनुरोध किया है। महाराष्ट्र के वित्त मंत्री अजित पवार के साथ एक अलग बैठक में गडकरी ने उन्हें इस मुद्दे पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ जीएसटी (GST) बैठक में शामिल होने का सुझाव दिया।
फिलहाल 28 फीसदी जीएसटी देना पड़ता है
फिलहाल हाइब्रिड समेत पेट्रोल इंजन वाले वाहनों पर 28 फीसदी जीएसटी (GST) और इलेक्ट्रिक वाहनों पर पांच फीसदी जीएसटी लगता है। नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि देश हर साल 22 लाख करोड़ रुपये तक के जीवाश्म ईंधन (coal, crude oil) का आयात करता है और यह न केवल वायु प्रदूषण से जुड़ी समस्या है बल्कि आर्थिक समस्या भी है। मंत्री के अनुसार उन्हें भरोसा है कि जीवाश्म ईंधन के आयात में कमी और जैव ईंधन को बढ़ावा देने से कृषि क्षेत्र को सबसे अधिक लाभ होगा। उन्होंने कहा, "आज जैव ईंधन क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं।" निति गडकरी के अनुसार देश में जैव ईंधन की लागत कम है और इससे प्रदूषण भी नहीं फैलता। इसलिए यह आम आदमी के लिए भी फायदेमंद होने वाला है। मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि ऑटोमोबाइल उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण उद्योग है।
फिलहाल हाइब्रिड समेत पेट्रोल इंजन वाले वाहनों पर 28 फीसदी जीएसटी (GST) और इलेक्ट्रिक वाहनों पर पांच फीसदी जीएसटी लगता है। नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि देश हर साल 22 लाख करोड़ रुपये तक के जीवाश्म ईंधन (coal, crude oil) का आयात करता है और यह न केवल वायु प्रदूषण से जुड़ी समस्या है बल्कि आर्थिक समस्या भी है। मंत्री के अनुसार उन्हें भरोसा है कि जीवाश्म ईंधन के आयात में कमी और जैव ईंधन को बढ़ावा देने से कृषि क्षेत्र को सबसे अधिक लाभ होगा। उन्होंने कहा, "आज जैव ईंधन क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं।" निति गडकरी के अनुसार देश में जैव ईंधन की लागत कम है और इससे प्रदूषण भी नहीं फैलता। इसलिए यह आम आदमी के लिए भी फायदेमंद होने वाला है। मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि ऑटोमोबाइल उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण उद्योग है।
बड़ी संख्या में रोजगार देता है
उन्होंने कहा, "इस उद्योग ने अब तक 4.5 करोड़ रोजगार सृजित किए हैं। यह ऐसा उद्योग है जो राज्य और केंद्र सरकार को सबसे अधिक जीएसटी दे रहा है।" नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि हीरो और बजाज जैसी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनियां भारत में बनी 50 प्रतिशत बाइक निर्यात करती हैं। उन्होंने कहा, "अगर हमारे पास जैव ईंधन के लिए अच्छी तकनीक होगी तो हमारा निर्यात 10 से 20 प्रतिशत बढ़ जाएगा। इसकी वजह यह है कि प्रदूषण अब पूरी दुनिया में एक बड़ी चिंता का विषय है।"
उन्होंने कहा, "इस उद्योग ने अब तक 4.5 करोड़ रोजगार सृजित किए हैं। यह ऐसा उद्योग है जो राज्य और केंद्र सरकार को सबसे अधिक जीएसटी दे रहा है।" नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि हीरो और बजाज जैसी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनियां भारत में बनी 50 प्रतिशत बाइक निर्यात करती हैं। उन्होंने कहा, "अगर हमारे पास जैव ईंधन के लिए अच्छी तकनीक होगी तो हमारा निर्यात 10 से 20 प्रतिशत बढ़ जाएगा। इसकी वजह यह है कि प्रदूषण अब पूरी दुनिया में एक बड़ी चिंता का विषय है।"