UP Election 2022: शिवपाल यादव ने सम्मान से किया समझौता, भतीजे अखिलेश ने प्रसपा को महज 6 सीट दीं; इसमें एक खुद शिवपाल की दूसरी बेटे आदित्य की

 लंबे समय से शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) प्रसपा (PSP) और सपा (SP) के गठबंधन को लेकर प्रयास कर रहे थे, लेकिन अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा था। लेकिन दिसंबर माह में अखिलेश खुद शिवपाल के घर पहुंचे और गठबंधन पर मुहर लगाई।

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UP Assembly Election 2022: उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव में अब एक महीने से भी कम समय बचा हुआ है। ऐसे में सभी राजनीतिक दलों में बड़ी उठापटक चल रही है। वहीं गठबंधन वाले दलों में सीटों को लेकर भी स्थिति साफ हो रही है।  मंगलवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (PSP) और समाजवादी पार्टी (SP) के बीच भी सीटों को लेकर समझौता हो गया है।  Read Also: BJP को एक और झटका: अब मुजफ्फरनगर की मीरपुर सीट से विधायक अवतार सिंह भड़ाना ने छोड़ी पार्टी, समर्थकों संग RLD में हुए शामिल

जानकारी के मुताबिक अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) की प्रसपा को महज 6 सीटें दी हैं। यानी प्रदेश की सिर्फ 6 विधानसभा सीटों पर ही प्रसपा के प्रत्याशी मैदान में होंगे। इसमें यशवंत नगर सीट (Yashvant Nagar Seat) शिवपाल ने अपने बेटे आदित्य (Aditya Shivpal Yadav) के लिए छोड़ दी है, वहीं गुन्नौर सीट से खुद शिवपाल यादव चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा पार्टी को मुबारकपुर, गाजीपुर, भोजपुर और जसराना सीटें मिली हैं।  

अखिलेश ने लगाई गठबंधन पर मुहर

बता दें कि लंबे समय से शिवपाल यादव प्रसपा और सपा के गठबंधन को लेकर प्रयास कर रहे थे, लेकिन अखिलेश यादव की तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा था। लेकिन दिसंबर माह में अखिलेश खुद शिवपाल के घर पहुंचे और गठबंधन पर मुहर लगाई। हालांकि शिवपाल शुरुआत से कह रहे थे कि जब तक प्रसपा नेताओं को सम्मान नहीं मिलेगा वे गठबंधन नहीं करेंगे। 

अब निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं शिवपाल के खास नेता

शिवपाल के भरोसे प्रदेश की कई विधानसभा क्षेत्रों से दिग्गज नेता टिकट की आस में बैठे थे, लेकिन अब चुनाव नजदीक आने पर ऐसे नेताओं की आस टूटती नजर आ रही है, क्योंकि पार्टी को सिर्फ 6 सीटें मिली हैं, जिसमें से 2 सीट खुद शिवपाल और उनके बेटे की हैं। ऐसे में अब प्रसपा में बगावत की भी संभावना है। खबर है कि शिवपाल के खास माने जाने वाले कई नेता अब निर्दलीय चुनाव भी लड़ सकते हैं।

SP-RLD में भी गठबंधन हो चुका तय

उधर सपा और रालोद के बीच भी चुनाव को लेकर पहले ही गठबंधन हो चुका है। RLD को 32 से 35 के बीच सीटें मिलने की संभावना है। सुगबुगाहटें यह भी हैं कि कहीं कहीं पर सपा के उम्मीदवार रालोद के सिंबल पर भी चुनाव मैदान में उतर सकते हैं।

किस की झोली में कौन सी सीट

राष्ट्रीय लोक दल का प्रभाव संयुक्त रैली वाले मेरठ क्षेत्र, मथुरा, बुलंदशहर, सहारनपुर, बागपत, मुजफ्फरनगर, अलीगढ़, शामली, बिजनौर आदि में अच्छा खासा है तो यहां उनके दिग्गज प्रत्याशियों के लिए सीट देने पर सपा राजी हो गई है। पश्चिम यूपी के इस हिस्से में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) रालोद के घोड़ो में अपना समाजवादी रथ बांधकर दौड़ाएंगे, वहीं ब्रज रीजन में वह अपने प्रत्याशी उतारकर रालोद के वोट बैंक को कैश में कन्वर्ट करेंगे।

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