RLD के बाद SP ने अपना दल से किया गठबंधन, आम आदमी पार्टी भी साथ मिलकर लड़ सकती है चुनाव

Uttar Pradesh Assembly Election: छोटे दलों से गठबंधन के पीछे अखिलेश की जातीय समीकरणों को साधने की रणनीति है जिसकी सफलता की कसौटी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के परिणाम होंगे। 

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akhilesh yadav sanjay singh
Uttar Pradesh Assembly Election: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) उत्तर प्रदेश से भाजपा (BJP) को उखाड़ फेंकने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। रालोद (RLD) के बाद अब समाजवादी पार्टी (SP) अन्य पार्टियों से गठबंधन की रणनीति बनाने में जुटी है।

 

इसी कड़ी में जहां समाजवादी पार्टी ने केंद्रीय मंत्री अनप्रिया पटेल (Anupriya Patel) की मां कृष्णा पटेल और बहन पल्लवी पटेल के गुट वाले अपना दल के साथ गठबंधन की गांठ पक्की कर दी है, वहीं दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) से भी गठबंधन की खबरें सामने आ रही हैं।  Read Also : केजरीवाल ने कांग्रेस विधायक और सांसदों को बताया कचरा, कहा- हम चाहते नहीं हैं, वरना 25 MLA, 3MP हमारे साथ आ जाएंगें

 

अपना दल (के) कृष्णा पटेल गुट ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन का एलान कर दिया है। कृष्णा पटेल ने कहा कि सीटों के बंटवारे के साथ ही गठबंधन पर सहमति बन चुकी है, जल्द ही इसका एलान किया जाएगा। उधर अखिलेश यादव ने बुधवार को लखनऊ में आप सांसद संजय सिंह से मुलाकात की। Read Also : UP Assembly Election 2022 : सपा ने रालोद को दीं 40 सीटें, मेरठ समेत इन जिलों पर रालोद उतारेगी प्रत्याशी

 

इस मुलाकात के बाद यूपी के सियासी गलियारों में आम आदमी पार्टी के साथ सपा के गठबंधन की सम्‍भावनाओं को लेकर चर्चा तेज हो गई है।  लखनऊ स्थित लोहिया ट्रस्‍ट के दफ्तर में दोनों नेताओं की मुलाकात हुई। इस दौरान करीब 2 घंटे तक संजय सिंह और अखिलेश यादव के बीच बातचीत हुई। 

 

गौरतलब है कि मिशन-2022 की तैयारियों जुटे अखिलेश यादव इस बार बड़ी पार्टियों की जगह छोटे दलों से गठबंधन पर जोर दे रहे हैं। कल ही राष्‍ट्रीय लोकदल को 36 सीटें देकर उन्‍होंने गठबंधन फाइनल किया है। इसके अलावा पूर्वांचल ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा से सपा का गठबंधन हो चुका है।  

 

बता दें कि संजय सिंह आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी हैं। दो दिन पहले वे मुलायम सिंह यादव के जन्‍मदिन समारोह में भी शामिल हुए थे। यहां भी अखिलेश यादव से उनकी मुलाकात हुई थी। वहीं दो महीने पहले भी संजय सिंह की अखिलेश यादव से मुलाकात हुई थी। आज तीसरी बार दोनों नेता मिले। सूत्रों के अनुसार सपा और आप के बीच गठबंधन पर बातचीत चल रही है।  उसी के सिलसिले में यह बातचीत हुई है, हालांकि दोनों के बीच सीटों के बंटवारे का फार्मूला तय होना बाकी है। 

 

सपा-रालोद के गठबंधन का यह है फाॅमूला  

बता दें कि इससे एक दिन पहले ही समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल में भी गठबंधन को लेकर समझौता हुआ है। इस समझौते में तय हुआ है कि सपा करीब 36 विधानसभा सीटें रालोद को देगी। इनमें से 30 सीटों पर प्रत्याशी रालाेद के चुनाव चिह्न पर जबकि 6 पर सपा के चुनाव चिह्न पर रालोद के प्रत्याशी उतरेंगे।

 

इन दलों से अखिलेश कर चुके गठबंधन

रालोद से गठबंधन से पहले अखिलेश ने केशव देव मौर्य के महान दल, डा.संजय सिंह चौहान की जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट), शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से गठबंधन किया है। वहीं चचा शिवपाल की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से भी गठबंधन के लिए अखिलेश हामी भर चुके हैं।

 

दरअसल वेस्ट यूपी की कईं सीटों पर रालोद अच्छा खासा प्रभाव रखती हैं। ऐसे में रालोद को साथ लेकर अखिलेश जाट बेल्ट में सपा की स्थिति मजबूत करने में जुटे हैं। वही सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर गाजीपुर और आसपास के जिलों में राजभर जाति का अच्छा वोट बैंक प्रभावित करते हैं। 2017 में राजभर भाजपा के साथ थे। ऐसे में अखिलेश जातीय समीकरणों को साधने की रणनीति बना रहे हैं। 

 

2019 के लोस चुनाव में भी हुआ था सपा-रालोद गठबंधन

समाजवादी पार्टी और रालोद के बीच पहला गठबंधन लोकसभा चुनाव वर्ष 2019 में हुआ। वैसे तो इस चुनाव में मुख्य गठबंधन सपा और बसपा के बीच हुआ, लेकिन अखिलेश ने अपने कोटे की तीन सीटें बागपत, मुजफ्फरनगर और मथुरा रालोद को देकर इसकी शुरुआत की। लोकसभा चुनाव में करारी हार और बसपा से गठबंधन तोड़ने के बाद भी अखिलेश ने रालोद का साथ नहीं छोड़ा।

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