आतंकियों ने गजनी शहर पर कब्जा किया, राजधानी काबुल से 130 किमी. दूर रहा गया तालिबान

Taliban capturedपर कब्जा कर लिया है। पिछले एक सप्ताह में तालिबानियों द्वारा कब्जा किया गया 10वां शहर है। यहां से राजधानी काबुल मात्र 130 किमी. की दूरी पर रह जाता है।
 
तालिबान का आतंक लगातार जारी है। जानकारी के अनुसार तालिबानी आतंकी काबुल की ओर बढ़ रहे है। अब सामने आया है कि तालिबान ने अफगान के शहर गजनी पर कब्जा कर लिया है। पिछले एक सप्ताह में तालिबानियों द्वारा कब्जा किया गया 10वां शहर है। यहां से राजधानी काबुल मात्र 130 किमी. की दूरी पर रह जाता है। वहीं, कुछ शहरों में पुलिस के साथ तालिबानियों की लड़ाई चल रही है। एक न्यूज एजेंसी के अनुसार तालिबानियों ने वीडियो व कुछ फोटो जारी किए हैं जिसकें लड़ाके गजनी शहर में बाइकों पर घूमते नजर आ रहे हैं। गजनी शहर पर कब्जा किया जाना सेचानिय विषय है। 

 

वहीं, माना जा रहा है कि जितना तालिबान काबुल के पास आता जा रहा है उतना ही खतरा बढ़ रहा है। वहीं, एक्सपर्टस का मानना है कि सरकार इन तालिबानियों से कब तक मुकाबला कर पाएगी। कई शहर ऐसे हैं जहां डर की वजह से हजारों लोग राजधानी काबुल में पहुंच गए हैं। वहां रहने की व्यवस्था ना होने पर सड़कों, पार्को में रह रहे हैं।

 

वहीं, गजनी प्रांत के परिषद सदस्य अमानुल्ला कामरानी ने न्यूज एजेंसी एपी को बताया कि शहर के बाहर बने 2 बेस अब भी सरकारी बलों के कब्जे में हैं। इस बीच अफगानिस्तान के सबसे बड़े शहरों में से एक लश्कर गाह में लड़ाई तेज हो गई है। हेलमंड से सांसद नसीमा नियाजी ने बताया कि बुधवार को आत्मघाती कार बम हमले में राजधानी के क्षेत्रीय पुलिस मुख्यालय को निशाना बनाया गया था। बृहस्पतिवार को तालिबान ने मुख्यालय पर कब्जा कर लिया और कुछ पुलिस अधिकारियों ने उनके सामने आत्मसमर्पण कर दिया तो कुछ ने नजदीक के गवर्नर्स कार्यालय में शरण ली जो अब भी सरकारी बलों के कब्जे में है। 

 

नियाजी ने बताया कि प्रांतीय कारागार पर भी आत्मघाती कार बम हमला हुआ हालांकि इस पर अब भी सरकारी बलों का कब्जा है। लेकिन तालिबान बीते एक हफ्ते में अपने सैकड़ों आतंकवादियों को छुड़वा चुका है तथा हथियारों और वाहनों पर कब्जा कर चुका है। नियाजी ने इलाके में हवाई हमलों की निंदा की और आशंका जताई कि इसमें आम नागरिक मारे जा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘तालिबान के लड़ाके स्वयं को सुरक्षित करने के लिए आम लोगों के घरों का इस्तेमाल करते हैं और सरकार नागरिकों की परवाह किए बगैर हवाई हमले कर रही है।’’ 

 

माना जा रहा है कि अमेरिकी वायु सेना हवाई हमलों में अफगान बलों की मदद कर रही है। अमेरिकी बम हमलों में कितने लोग मारे गए हैं इसकी अभी जानकारी नहीं मिल पाई है। अमेरिकी सैन्य नेतृत्व को जितनी आशंका थी, उससे कहीं अधिक तेजी से अफगानिस्तान सरकार की सेना युद्धग्रस्त देश में तालिबान के सामने पस्त हो ही है।