Sudan : प्रधानमंत्री और सरकार के कई नेता गिरफ्तार, सेना ने किया तख्तापलट; इंटरनेट बंद

 तख्तापलट के बाद सेना ने Sudan की कई अहम जगहों पर कब्जा कर लिया है। इसके बाद से पूरे सूडान में उथल-पुथल मच गई है। सूडान के नागरिक  सड़कों पर उतर आये हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं।

 
 

Military coup in sudan prime minister detained by army : सूडान में सेना ने तख्तापलट करते हुए देश के प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक और अंतरिम सरकार के कई मंत्रियों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही सेना ने देश के सरकारी टीवी और रेडियो मुख्यालय को भी अपने कब्जे में ले लिया है। सूडान की राजधारी खारतूम में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। 

सूडान में तख्तापलट होते ही सड़कों पर उतरे लोग

तख्तापलट के बाद सेना ने देश की कई अहम जगहों पर कब्जा कर लिया है। इसके बाद से पूरे सूडान में उथल-पुथल मच गई है। तख्तापलट की जानकारी मिलते ही सूडान के नागरिक  सड़कों पर उतर आये हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। गुस्साई भीड़ सड़कों पर टायर जलाकर और तोड़फोड़ कर प्रदर्शन कर रही है।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक चश्मदीद के हवाले से बताया है कि ख़ार्तूम में सेना और अर्धसैनिक बल तैनात हैं और लोगों की आवाजाही सीमित कर दी गई है। ख़ार्तूम एयरपोर्ट भी बंद कर दी गई है और सारी अंतरराष्ट्रीय फ़्लाइट्स स्थगित कर दी गई हैं।

तख्तापलट रोकने की अपील

सूडान के सूचना मंत्रालय ने अपने फ़ेसबुक पेज पर तख्तापलट की जानकारी देते हुए लिखा कि देश की सेना ने एक कर्मचारी को गिरफ़्तार भी किया है। उन्होंने लोगों से तख्तापलट रोकने और गिरफ्तार किए नेताओ को छुड़वाने की अपील भी की है।  

सूडान के प्रधानमंत्री के एक सलाहकार ने अल-अरबिया चैनल को बताया है कि अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि की मौजूदगी में सत्तारूढ़ परिषद के साथ समझौते के बाद भी तख़्तापलट हो गया है। 

यूरोपियन संघ और अमेरिका ने जताई चिंता

उधर तख्तापलट को लेकर यूरोपीय संघ (ईयू) और अमेरिका ने चिंता व्यक्त की है।यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के प्रमुख जोसेप बोरेल ने ट्वीट किया कि सूडान में सैन्य बलों द्वारा अंतरिम प्रधानमंत्री सहित कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को हिरासत में लेने की खबर ‘‘अत्यधिक चिंतित’’ करने वाली है और वह उत्तर पूर्व अफ्रीकी राष्ट्र में घटनाओं पर नजर रखे हुए हैं।


दो साल पहले सूडान पर राज कर रहे उमर अल बशीर को सत्ता से हटाने के बाद एक अंतरिम सरकार अस्तित्व में आई थी। तभी से सेना और सिविल हुकूमत में तकरार की स्थिति बनी हुई है। हालांकि ये साफ़ नहीं है कि दरअसल ये गिरफ़्तारियां किसने करवाई हैं।