राष्ट्रपति गनी ने अफगानिस्तान छोड़ा, मुल्ला बरादर संभालेगा कमान; रक्षामंत्री ने कहा- उन्होंने देश को बेच दिया, लानत है 

मुल्ला बरादर तालिबान के कतर में दोहा स्थित दफ्तर का राजनीतिक प्रमुख हैं। वह अफगानिस्तान में तालिबान का को-फाउंडर है।
 
अफगानिस्तान अब तालिबान का हो गया है। रविवार को तालिबानी लड़ाकाओं ने देश की राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया, जिसके बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और उपराष्ट्रपति अमीरुल्लाह सालेह ने इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ दिया है। अफगानिस्तान से आ रही खबरों के मुताबिक ये दोनों नेता अमेरिका जा रहे हैं। वहीं काबुल की पुलिस ने भी अपने हथियार तालिबान को सौंप दिए हैं और आत्मसमर्पण कर दिया। अब अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने वाली है।

 

तालिबानियों के काबुल में दाखिल होते ही अफगान सरकार उनसे समझौता करने को तैयार हो गई। सत्ता का ट्रांसफर शांतिपूर्ण तरीके से किया जा रहा है। राष्ट्रपति बनने के लिए कई लोगों के नामों पर विचार किया जा रहा है, लेकिन मुल्ला बरादर अखंद का नाम सबसे आगे हैं। बताया जा रहा है कि वह ही अंतरिम सरकार का प्रमुख हो सकता है। मुल्ला बरादर तालिबान के कतर में दोहा स्थित दफ्तर का राजनीतिक प्रमुख हैं। वह अफगानिस्तान में तालिबान का को-फाउंडर है।

 

बरादर तालिबान के पूर्व शीर्ष कमांडर मुल्ला उमर का दाहिना हाथ रह चुका है और एक आंख वाले उमर के साथ कई बड़ी वारदातों में शामिल रहा है। 2001 में जब तालिबान की हुकूमत चली गई तब उसने हामिद करजई (तब के अफगान राष्ट्रपति) से भी संपर्क किया था। 2010 में उसे पाकिस्तान में गिरफ्तार भी किया गया था। अमेरिकी दबाव के बाद 2018 में उसे रिहा कर दिया गया। इसके बाद से वो कतर में रह रहा है।

 

तालिबान शांति से सत्ता हासिल करना चाहता है
इससे पहले तालिबान ने भी बयान जारी करके कहा था कि वो नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी लेता है। वह काबुल पर हमला नहीं करेगा और वह शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता का ट्रांसफर चाहता हैनागरिक अपनी सुरक्षा को लेकर निश्चिंत रहें। तालिबान ने बताया था कि काबुल एक बड़ी राजधानी और शहरी इलाका है। तालिबान यहां शांतिपूर्ण तरीके से दाखिल होना चाहता है। वह काबुल के सभी लोगों के जान-माल की सुरक्षा की गारंटी ले रहा है। उसका इरादा किसी से बदला लेने का नहीं है और उन्होंने सभी को माफ कर दिया है। 

 

उधर राष्ट्रपति अशरफ गनी और उपराष्ट्रपति अमीरुल्लाह सलाह के देश छोड़ने के बाद अफगान रक्षा मंत्री जनरल बिस्मिल्लाह मोहम्मदी ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने लिखा कि उन्होंने हमारे हाथ पीछे बांधकर देश को बेच दिया। ऐसे अमीर लोगों को उनकी गैंग पर लानत है। उनका इशारा गनी और सलाह की ओर है।

 

उपराष्ट्रपति ने कहा- तालिबान के साथ एक छत के नीचे खड़ा नहीं हो सकता
अफगानस्तान के उपराष्ट्रपति अमीरुल्लाह सलाह ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मैं कभी भी किसी भी हालत में तालिबानी आतंकियों के आगे नहीं झुकूंगा। मैं कभी अपनी रूह और अपने हीरो, लीजेंड और गाइड अहमद शाह मसूद की विरासत को धोखा नहीं दूंगा। मैं उन लाखों लोगों को निराश नहीं करूंगा, जिन्होंने मेरी बात सुनी। मैं कभी एक छत के नीचे तालिबान के साथ खड़ा नहीं होऊंगा।